electric potential due to charged conducting sphere in hindi आवेशित चालक गोले के कारण विद्युत विभव : गोलीय चालक गोले को आवेश देने पर सम्पूर्ण आवेश गोले के पृष्ठ पर ही रहता है अर्थात यह एक गोलीय कोश की भांति व्यवहार करता है , हमने ज्ञात किया है कि गोलीय कोश व चालक गोले के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान समान रहता है इसलिए आवेशित चालक गोले के कारण विद्युत विभव का मान भी गोलीय कोश के समान ही होगा जो हम ज्ञात कर चुके है।
क्या आप जानते है की जब एक चालक को आवेशित किया जाता है या आवेश दिया जाता है तो वह सम्पूर्ण आवेश चालक गोले के पृष्ठ पर क्यों आ जाता है ?
हम बताते है , जब एक चालक गोले को आवेश दिया जाता है तो समान प्रकृति का आवेश होने के कारण प्रत्येक आवेश अन्य आवेशों के कारण प्रतिकर्षण महसूस करता है और ऐसा हर आवेश के साथ होता है , इस प्रतिकर्षण बल के कारण आवेश एक दूसरे से दूर जाने का प्रयत्न करते है।
हम यह भी जानते है कि चालक में आवेश आसानी से गति कर पाते है अतः आवेश प्रतिकर्षण बल के कारण चालक में गति करते है और परिणाम स्वरूप एक दूसरे से जितना दूर संभव होता है जाने की कोशिश करते है लेकिन आवेश पृष्ठ से बाहर नहीं जा सकते अतः ये सभी आवेश पृष्ठ पर आकर रुक जाते है।
इस प्रकार किसी चालक को चाहे कही पर भी आवेश दिया जाए वह संपूर्ण आवेश चालक गोले के पृष्ठ पर वितरित हो जाता है और चूँकि आवेश पृष्ठ पर उपस्थित है अतः यह चालक गोला , आवेशित गोलीय कोश की तरह व्यवहार करता है और इसके कारण उत्पन्न विद्युत विभव चाहे वह बाहर किसी बिंदु पर हो , पृष्ठ पर हो या गोले के अंदर स्थित हो उसी के समान होगा जो हमने गोलीय कोश के लिए ज्ञात किया है।
गोले के बाहर r दुरी पर स्थित बिंदु पर विभव का मान
गोले के भीतर स्थित किसी बिंदु पर विभव
V = 0
गोले के पृष्ठ पर विद्युत विभव R = r
गोलीय चालक के लिए r दुरी तथा विभव व विद्युत क्षेत्र में ग्राफ