electric field notes class in hindi pdf download विद्युत क्षेत्र पाठ नोट्स 12 th कक्षा topic wise
विद्युत आवेश की परिभाषा क्या है
आवेश के प्रकार , आवेश कितने प्रकार का होता है
चालन (स्पर्श) द्वारा आवेश , आवेशन क्या है
प्रेरण द्वारा आवेशन क्या है , कैसे होता है
विद्युतदर्शी क्या है , चित्र , बनावट व कार्यविधि
आवेश का मात्रक क्या है , विमा , परिभाषा तथा सूत्र
विद्युत आवेश संरक्षण का नियम क्या है
कूलॉम का नियम , कूलाम नियम क्या है
परावैद्युतांक की परिभाषा क्या है
बहुल आवेशों के मध्य बल एवं अध्यारोपण का सिद्धान्त
विद्युत क्षेत्र की परिभाषा क्या है , विधुत क्षेत्र
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता क्या है
बिन्दु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र
आवेशों के निकाय के कारण विद्युत क्षेत्र
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ क्या है , परिभाषा व गुणधर्म या विशेषताएं
विद्युत द्विध्रुव तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा क्या है
विद्युत द्विध्रुव के कारण उसकी अक्षीय रेखा पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
विद्युत द्विध्रुव के कारण उसकी निरक्ष रेखा या विषुवतीय रेखा पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र
एक समान विद्युत क्षेत्र में द्विध्रुव पर बलाघूर्ण
वैद्युत आवेश तथा विद्युत क्षेत्र (electric charge and electric field) :
स्थिरवैद्युतिकी : लगभग 600 ईसा पूर्व में , यूनान के एक थेल्स नामक दार्शनिक ने देखा कि जब अम्बर नामक पदार्थ को बिल्ली की खाल से रगडा जाता है तो उसमे कागज के छोटे छोटे टुकड़े आदि को आकर्षित करने का गुण आ जाता है।
हालाँकि इस छोटे से प्रयोग का प्रत्यक्ष रूप से कोई विशेष महत्व नहीं था लेकिन वास्तव में यही छोटा सा प्रयोग आधुनिक विद्युत युग का जन्मदाता माना जा सकता है।
थेल्स के दो हजार साल बाद तक इस खोज की तरफ किसी का ध्यान आकृष्ट नहीं हुआ। 16 वीं शताब्दी में गैलिलियो के समकालीन डॉक्टर गिल्बर्ट ने , जो उन दिनों इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ के घरेलु चिकित्सक थे , प्रमाणित किया कि अम्बर एवं बिल्ली के खाल की भांति बहुत सी अन्य वस्तुएँ जैसे कांच तथा रेशम , लाख और फलानेल , जब आपस में रगड़े जाते है तो उनमे भी छोटे छोटे पदार्थो को आकर्षित करने का गुण आ जाता है।
घर्षण से प्राप्त इस प्रकार की विद्युत को घर्षण विद्युत कहा जाता है , इसे स्थिर विद्युत भी कहा जाता है। बशर्ते पदार्थों को रगड़ने से उन पर उत्पन्न आवेश वही पर स्थिर रहे जहाँ वे रगड़ से उत्पन्न होते है। अत: स्थिर विद्युतिकी भौतिक विज्ञान की वह शाखा है , जिसकी विषय वस्तु वैसे आवेशित पदार्थो के गुणों का अध्ययन है , जिन पर विद्युत आवेश स्थिर रहते है।
चूँकि ग्रीक भाषा में अम्बर को इलेक्ट्रॉन कहते है इसलिए इस अद्भुत गुण को विद्युत (इलेक्ट्रिसिटी) नाम दिया गया। अत: हम विद्युत को निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते है –
विद्युत उस अज्ञात शक्ति का नाम है जिसके कारण किसी वस्तु में अत्यन्त हल्के पदार्थो को आकर्षित करने का गुण आ जाता है।
सन 1646 में सर थोमस ब्राउन वैज्ञानिक ने यह नामकरण किया था।
जिन वस्तुओ में हल्के कणों या पदार्थो को आकर्षित करने का गुण होता है उन्हें आवेशित वस्तु कहते है और अन्य शेष वस्तुओं को आवेश रहित वस्तुएँ कहते है।
जब किसी वस्तु पर उत्पन्न आवेश को अन्य वस्तुओ में प्रवाहित या स्थानांतरित नहीं किया जाए तो ऐसे आवेश या विद्युत को स्थिर विद्युत कहा जाता है।
विद्युत या विज्ञान की वह शाखा जिसमे विराम अवस्था में रहने वाले आवेश से आवेशित वस्तुओं के गुणों का अध्ययन किया जाता है , स्थिर विद्युत विज्ञान कहते है।
विद्युत आवेश एक प्रकार की अदिश राशि है और विद्युत आवेश को q द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
विद्युत आवेश का SI मात्रक कुलाम होता है तथा इसका CGS पद्धति में मात्रक स्टेट कुलाम या esu (इलेक्ट्रो स्टेटिक यूनिट ऑफ़ चार्ज) होता है।
विद्युत आवेश का विमीय सूत्र AT है।
आवेशों के प्रकार : जब घर्षण से विद्युत उत्पन्न की जाती है तो जिसमे वस्तु रगड़ी जाती है और जो वस्तु रगड़ी जाती है दोनों ही में समान परिमाण में विद्युत आवेश उत्पन्न होते है लेकिन दोनों वस्तुओ पर उत्पन्न आवेशों की प्रकृति एक दूसरे के विपरीत होती है। एक वस्तु पर के आवेश को ऋण आवेश तथा दूसरी वस्तु पर के आवेश को धन आवेश कहते है।
आवेशों के लिए ऋणात्मक तथा धनात्मक पदों (शब्दों) का प्रयोग सबसे पहले बेंजामिन फ्रेंकलिन ने किया था। बेन्जामिन फ्रेंकलिन के अनुसार –
(1) कांच को रेशम से रगड़ने पर काँच पर उत्पन्न विद्युत को धनात्मक विद्युत कहते है।
(2) एबोनाइट या लाख की छड को फलानेल या रोएदार खाल , इन दोनों में से किसी से रगड़ने पर उन पर उत्पन्न विद्युत को ऋणात्मक विद्युत कहते है।
घर्षण के कारण दोनों प्रकार की विद्युत बराबर परिमाण में एक साथ उत्पन्न होते है।
विद्युत आवेश के प्रकारों को निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जाता है कि ये विद्युत (आवेश) दो प्रकार के होते है –
जब काँच की दो छड़ो को रेशम से रगड़कर पास पास में लटकाया जाए तो ये एक दूसरे एक दुसरे को प्रतिकर्षित करती है।
ठीक इसी प्रकार दो आबनूस की छड़ो को बिल्ली की खाल से रगड़कर पास पास लटकाने पर ये भी एक दुसरे को प्रतिकर्षित करती है।
लेकिन जब काँच की छड को रेशम से रगड़कर और आबनूस की छड को बिल्ली की खाल से रगड़कर पास पास लटकायें तो वे एक दुसरे को आकर्षित करती है।
इस प्रयोग से स्पष्ट होता है कि जिस प्रकार का आवेश काँच की छड पर है उस प्रकार का आवेश आबनूस की छड पर नहीं है।
अत: इस आधार पर आवेश दो प्रकार के होते है –
- कांच की छड़ में उत्पन्न आवेश को धन आवेश कहते है।
- आबनूस की छड में उत्पन्न आवेश को ऋण आवेश कहते है।
समान प्रकृति के आवेश एक दुसरे को प्रतिकर्षित करते है और विपरीत प्रकृति (असमान) आवेश एक दुसरे को आकर्षित करते है।
दो वस्तुओ के घर्षण से अर्थात रगड़ने से उत्पन्न आवेश परिमाण में समान और प्रकृति में विपरीत होते है।
जब किसी वस्तु पर आवेश होता है तो उसे आवेशित या विद्युन्मय कहते है और जब वस्तु पर आवेश नहीं होता है अर्थात सामान्य अवस्था में हो तो उसे अनावेशित अथवा उदासीन वस्तु कहते है।
अचालक वस्तु के जितने भाग को रगडा जाता है केवल उतना भाग ही आवेशित होता है लेकिन चालक में यह आवेश सम्पूर्ण वस्तु पर फ़ैल सकता है।
नीचे के सारणी में कुछ वस्तुएँ इस ढंग से सजायी गयी है कि यदि किसी वस्तु को , किसी अन्य वस्तु से रगड़कर विद्युत उत्पन्न की जाए , तो सारणी में जो पूर्ववर्ती (पहले) है , उसमे धन आवेश और जो बाद में है उसमे ऋण आवेश उत्पन्न होता है –
1. रोआँ | 2. फलानेल | 3. चमड़ा | 4. मोम | 5. काँच |
6. कागज | 7. रेशम | 8. मानव शरीर | 9. लकड़ी | 10. धातु |
11. रबड | 12. रेजिन | 13. अम्बर | 14. गंधक | 15. एबोनाइट |
उदाहरण : यदि काँच (5) को रेशम (7) के साथ रगडा जाए तो काँच में धन आवेश उत्पन्न होता है लेकिन यदि कांच को रोआँ से रगड़ा जाये तो काँच में ऋण आवेश उत्पन्न होगा।
विद्युतीकरण का सिद्धान्त : घर्षण के कारण उत्पन्न आवेशों की घटना को समझाने के लिए अलग अलग वैज्ञानिकों ने समय समय पर अनेक सुझाव दिए है। वर्तमान समय में आधुनिक इलेक्ट्रॉन सिद्धांत को सर्वमान्य माना जाता है जो निम्न प्रकार है –
आधुनिक इलेक्ट्रॉन सिद्धांत : इस सिद्धांत का विकास थोमसन , रदरफोर्ड , नील्स बोर आदि वैज्ञानिकों के कारण हुआ है –
इस इलेक्ट्रॉन सिद्धांत के आधार पर विद्युतीकरण की व्याख्या करने के लिए परमाणु संरचना का ज्ञात अत्यंत आवश्यक है। परमाणु किसी भी तत्व का सबसे छोटा कण होता है तथा यह दो भागो से मिलकर बना होता है –
- नाभिक
- नाभिक के परित: घूमने वाले इलेक्ट्रॉन
परमाणु का सम्पूर्ण धन आवेश और द्रव्यमान परमाणु के मध्य 10-14 मीटर त्रिज्या के गोलाकार आयतन में केन्द्रित रहता है जिसे नाभिक कहा जाता है।
नाभिक में प्रोटोनों तथा न्युट्रोनो की संख्या से ही परमाणु भार निर्धारित होता है। नाभिक में उपस्थित प्रोटोनों की संख्या परमाणु संख्या कहलाती है एवं प्रोटोनो और न्यूट्रोनो की संख्या का योग परमाणु भार कहलाता है।
आवर्त सारणी में तत्वों का स्थान परमाणु संख्या से ही निर्धारित होता है। प्रोटोनो पर +1.6 x 10-19 कूलाम आवेश होता है।
नाभिक के परित: निश्चित कक्षाओ में इलेक्ट्रॉन बिना ऊर्जा नष्ट किये गतिशील रहते है , इलेक्ट्रॉन पर -1.6 x 10-19 कूलाम आवेश विद्यमान रहता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 x 10-31 Kg होता है।
परमाणु विद्युत उदासीन होता है अत: नाभिक में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ चक्कर लगाते है। जो इलेक्ट्रॉन नाभिक के समीप वाली कक्षाओ में होते है , उन पर नाभिक का नियंत्रण होता है , इन्हें सम्बद्ध इलेक्ट्रॉन कहते है , इन इलेक्ट्रॉनो को आसानी से परमाणु से अलग नहीं किया जा सकता है। जैसे जैसे इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर जाते है वैसे वैसे नाभिक का इलेक्ट्रॉन पर से नियंत्रण कम होता जाता है तथा अंतिम कक्षा वाले इलेक्ट्रानो पर नाभिक का नियंत्रण सबसे कम होता है , इन इलेक्ट्रोनो को मुक्त इलेक्ट्रॉन कहा जाता है और मुक्त इलेक्ट्रॉन को आसानी से परमाणु से अलग किया जा सकता है। जब किसी प्रकार परमाणु में प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन की संख्या में अंतर आ जाता है तो परमाणु आवेशित हो जाता है।
यदि इलेक्ट्रॉनो की संख्या प्रोटोनो की संख्या से अधिक हो जाती है तो परमाणु ऋण आवेशित हो जाता है तथा यदि प्रोटोनो की संख्या , इलेक्ट्रॉनों की संख्या से अधिक है तो परमाणु धन आवेशित हो जाता है।
अत: किसी वस्तु के आवेशित होने का तात्पर्य है कि उस वस्तु के परमाणुओं पर इलेक्ट्रॉन की संख्या का कम या अधिक होना।
जब इलेक्ट्रॉन वस्तु को दे दिए जाते है तो वह वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है और जब इलेक्ट्रॉन निकाल लिए जाते है तो वह वस्तु धनावेशित हो जाती है।
वस्तु पर उपस्थित आवेश उस वस्तु को दिए गए या वस्तु से निकाले गए इलेक्ट्रॉनो की संख्या पर निर्भर करता है।
विद्युत आवेश के गुण
वैद्युत आवेश में निम्न गुण पाए जाते है –
- आवेशों की योज्यता: किसी निकाय का कुल आवेश उसके सभी आवेशों के बीजीय योग के बराबर होता है। इसका तात्पर्य है कि आवेशों को वास्तविक संख्याओ की तरह जोड़ा जा सकता है या दुसरे शब्दों में आवेश , द्रव्यमान की तरह अदिश राशि है।
माना किसी निकाय में n आवेश क्रमशः q1 , q2 , q3 , q4 . . . . qn है तो निकाय का कुल आवेश Q = q1 + q2 + q3 + q4 + . . . . + qn होगा।
नोट : निकाय का कुल आवेश ज्ञात करते समय उचित चिन्ह का प्रयोग करना चाहिए।
- विद्युत आवेश संरक्षण: किसी विलगित निकाय का कुल आवेश नियत रहता है। अर्थात किसी विलगित निकाय के कुल आवेश को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है।
Please send
Notes science class 12
Aapki notes very nice hai sir
Class 12 science bseb ka notes please send kijiye
Thanks sir please make video in hindi because there is no any good platform for hindi medium student
chapter 1to 15 notes
Super notes hai sir
dear sir
send note of chemistry 12 th 2018-19
please
superb notes sir
sir it is very Usefully.
it is very essy.
Sir iska koi app h k nhi
Physics ka notes chaheeai hindi mai
Respected sir
Class 12 physics notes
Lesson 7 ke bad lesson
Nahi hai
1 to 7 tak lesson green colour ka lesson open ho raha hai but
Black colour 7ke bad opening nahi ho raha hai
Please sir lesson 7 ke bad chapter ko website lod kar diziye please sir
Jaldi kijiye sir please
7th chapter ke bad link open nhi ho rha h sir plzzz help me
हमने आगे के कुछ पाठों के भागों को जोड़ा है , उम्मीद है इससे आपको कुछ और अधिक पढने को मिलेगा |
Sir plz mere email id – hasanali805126@gmail.com par notes
bhej dijiye
ya phir pdf ka link dijiye
Please send notes 1 to 15 chapter
SIR NOTES BAHUT ACHE HAI SO MERI E-MAIL ID PAR BHEJ DE
Thank you sir
Sir pdf me kaise aaega
Sir. Physics ka note chaiye in english urgentlly.plz
Bahut achha hai
Sir please send me physics notes
Samjh main as Gaya sir
Sir physics 11th. Or 12th के notes चाहिए क्या करना h
I like it
sir please physics ki sare lesson ki notes send kr digiye mera whatsapp 9616160301
Sir eska pdf kaise milega.
Ser aapkai thiyury bhaut achi h
bhut achha h sir
How to download this?
अभी ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है , संजीव |
Best hai
Sir mujhe physics ke sare important notes chahiye board 20 day baad suru h please sir mera what’sapp num 8979260720 h please sir
नन्द किशोर , ऐसी कोई सुविधा नहीं , माफ़ कीजिय
Thanks sir notes banane ke liye
Sir mujhe ey pdf download chy
वरुण …अभी कंटेंट को डाउनलोड करने जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है , लेकिन हम जल्दी ही इस पर कार्य कर रहे है |
धन्यवाद
very nice sir .a very thnkfull to you
Chapter 1physics12in hindi