हिंदी माध्यम नोट्स
अपरिमित चालक प्लेट या प्लेट या (पट्टिका) के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता , गोलीय कोश या चालक गोले के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
अपरिमित चालक प्लेट या प्लेट या (पट्टिका) के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता : जब किसी चालक प्लेट को आवेश दिया जाता है तो वह आवेश उस चालक पट्टिका के पृष्ठों पर फेल जाता है।
माना अपरिमित चालक प्लेट का पृष्ठीय आवेश घनत्व σ है। इस चालक प्लेट से लम्बवत ‘r’ दूरी पर स्थित बिंदु p पर विद्युत क्षेत्र की दिशा ठीक उसी प्रकार ज्ञात की जाती है जिस प्रकार अपरिमित अचालक परत के कारण इससे लम्बवत r दूरी पर स्थित बिन्दु पर ज्ञात की जाती है।
माना अपरिमित चालक परत का पृष्ठीय आवेश घनत्व σ है। इस अपरिमित चालक प्लेट के लम्बवत r दूरी पर स्थित बिंदु p पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने के लिए गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करते है।
माना वृत्ताकार गाउसीय पृष्ठ का क्षेत्रफल s है तो बेलनाकार पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश –
Σq = σS [समीकरण-1]
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = Σq/E0
∫s1 E.dS + ∫s2 E.dS + ∫s3 E.dS = Σq/E0
∫s1 E.dS.cos 0 + ∫s2 E.dS.cos90 + ∫s3 (0).dS.cos0 = Σq/E0
∫s1 E.dS + 0 + 0 = Σq/E0
∫s1 E.dS = Σq/E0
वृत्ताकार गाउसीय पृष्ठ के क्षेत्रफल ∫s1 dS = S
मान रखने पर –
E.(S) = Σq/E0
Σq का मान रखने पर अर्थात Σq = σS रखने पर –
E.(S) = σS/E0
E = σ/E0
अपरिमित चालक प्लेट (पट्टिका ) के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता व दूरी के मध्य ग्राफ –
गोलीय कोश या चालक गोले के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (electric field intensity due to conductor spherical shell)
माना एक गोलीय कोश या चालक गोला जिसकी त्रिज्या R व आवेश ‘q’ है इस गोलीय कोश का पृष्ठीय आवेश घनत्व (σ) = q/4πR2
अत: q = σ4πR2 [समीकरण-1]
गोलीय कोश के केन्द्र से r दूरी पर स्थित बिन्दु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना के लिए r त्रिज्या के गोलाकार गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करते है –
- जब बिन्दु गोलीय कोश के बाहर स्थित हो अर्थात r > R हो –
गोलाकार गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश –
Σq = q [समीकरण-1]
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = Σq/E0
∫E.dS.cos 0 = Σq/E0
cos 0 = 1
∫E.dS = Σq/E0
समीकरण-1 से Σq = q
∫E.dS = q/E0
dS का मान रखने पर अर्थात dS = 4πr2
E.(4πr2) = q/E0
चूँकि गोलाकार गाउसीय पृष्ठ का कुल क्षेत्रफल ∫dS = 4πr2
E = q/E04πr2
E = q/E04πr2 [समीकरण-3]
समीकरण-1 का मान समीकरण-3 में रखने पर –
E = σR2/E0r2
- जब बिन्दु गोलीय कोश के पृष्ठ पर स्थित हो अर्थात r = R हो:-
गोलीय गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश –
Σq = q [समीकरण-1]
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = Σq/E0
चूँकि r = R रखने पर –
E = kq/R2 [समीकरण 4]
समीकरण-1 का मान समीकरण-4 में रखने पर –
E = σ/E0
iii. जब बिंदु गोलीय कोश के अन्दर हो अर्थात r < R :-
गोलाकार गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश (∑q = 0)
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = ∑q/E0
∫ E.dS cosʘ = ∑q/E0
चूँकि ∑q = 0
∫ E.dS cosʘ = 0/E0
इसलिए E = 0
E = 0
गोलीय कोश के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता व दूरी के मध्य ग्राफ –
ठोस आवेशित अचालक गोले के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-
माना ठोस आवेशित अचालक गोला जिसकी त्रिज्या ‘R’ तथा आवेश q है इस ठोस अचालक गोले का आयतन आवेश घनत्व p = q/(4πR3/3)
यहाँ से q = 4πR3 p/3 [समीकरण-1]
इस ठोस आवेशित अचालक गोले के केंद्र से r दूरी पर स्थित बिन्दु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना के लिए गोलाकार गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करते है |
(i) जब बिंदु ठोस अचालक गोले के बाहर स्थित हो अर्थात r > R हो तो –
गोलाकार गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश (∑q = q) {समीकरण-2}
गाउस के नियम से –
∫E.dS = ∑q/E0
∫ E.dS cosʘ = ∑q/E0
Cos 0. = 1
चूँकि ∑q = q [समीकरण 1 से]
∫ E.dS = q/E0
सम्पूर्ण गोलाकार गाउसीय पृष्ठ का क्षेत्र ∫ dS = 4πr2
- 4πr2= q/E0
E = q/4πr2E0 [समीकरण-3]
समीकरण 1 का मान समीकरण-3 में रखने पर –
E = pR3/3E0r2
- जब बिन्दु ठोस अचालक गोले की सतह पर स्थित हो अर्थात R = r हो –
गोलाकार गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश ∑q = q
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = ∑q/E0
चूँकि यहाँ r = R रखने पर –
E = q/4πE0R2 [समीकरण-4]
समीकरण-1 का मान समीकरण-4 में रखने पर –
E = pR/3E0
iii. जब बिंदु ठोस अचालक गोले के अन्दर स्थित हो अर्थात r < R हो तो –
गोलाकार गाउसीय पृष्ठ से परिबद्ध कुल आवेश (∑q = q’) {समीकरण-5}
गाउसीय नियम से –
∫E.dS = ∑q/E0
∫ E.dS cosʘ = ∑q/E0
∫ E.dS cos0 = ∑q/E0
चूँकि Cos 0 = 1
समीकरण 1 से ∑q = q’ से मान रखने पर –
∫ E.dS = q’/E0
सम्पूर्ण गोलाकार गाउसीय पृष्ठ का क्षेत्रफल ∫ dS = 4πr2
E = q’/4πE0r2 [समीकरण-6]
चूँकि 4πR2/3 आयतन के गोले का आवेश = q
चूँकि 1 आयतन के गोले का आवेश = q/(4πR2/3)
4πR2/3 आयतन के गोले का आवेश q’ = qr3/R3 [समीकरण-7]
समीकरण-7 का मान समीकरण-6 में रखने पर –
E = q r/4πE0R3 [समीकरण-8]
समीकरण-1 का मान समीकरण-8 में रखने पर –
E = p r/3E0
- जब बिंदु अचालक ठोस गोले के केंद्र पर स्थित हो अर्थात r = 0 हो –
E = Kq/R3 (0)
E = 0
ठोस अचालक गोले के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता व दूरी के मध्य ग्राफ –
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…