हिंदी माध्यम नोट्स
बिन्दु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र electric field due to a point charge in hindi बिंदु आवेश
बिंदु आवेश (electric field due to a point charge in hindi ) बिन्दु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र : माना किसी बिन्दु O पर एक +Q आवेश उपस्थित है , O बिंदु से r दूरी पर एक बिन्दु P स्थित है। P बिंदु पर हमें विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है , P बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने के लिए P बिन्दु पर इकाई धन परिक्षण आवेश +q0 रखते है।
P बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा OP सदिश होगी , यदि -q हो तो विद्युत क्षेत्र की दिशा विपरीत होगी।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के ज्ञात सूत्र से हम यह देख सकते है की विद्युत क्षेत्र की तीव्रता दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है।
अतः विद्युत क्षेत्र की तीव्रता एवं दुरी के मध्य ग्राफ खींचने पर वह निम्न प्रकार प्राप्त होता है।
यदि बिन्दु आवेश ε0 परावैद्युतांक माध्यम में उपस्थित हो तो
अतः विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है।
Em= E/ εr
अतः
Em < E
अतः हम यह कह सकते है की परावैद्युतांक माध्यम में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान निर्वात में उपस्थित विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अपेक्षा εr गुना कम होता है।
विद्युत बल रेखायें (ELOF) : विद्युत क्षेत्र में बल रेखाये, काल्पनिक रेखायें होती है। इस प्रदर्शित करने वाली रेखा पर खिंची गयी स्पर्श रेखा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।
इसके गुण
- बल रेखायें धनावेश से बाहर की ओर निकलती है तथा एक ऋणावेश पर समाप्त होती है। यदि केवल एक धनावेश है तो बल रेखायें धनावेश से निकलकर अनंत पर जाती है और केवल एक ऋणावेश है तो बल रेखायें अनंत से प्रारम्भ होकर ऋणावेश पर मिलती है।
- दो बल रेखायें आपस में कभी एक दुसरे को नहीं कटती है क्योंकि किसी एक बिन्दु पर E की दो दिशा सम्भव नहीं हो सकती है।
- स्थिर आवेश द्वारा बनने वाली विद्युत बल रेखायें , बंद लूप का निर्माण नहीं करते है। यदि बल रेखायें किसी बंद लूप का निर्माण करती है तब +q आवेश को लूप के अनुदिश गति कराने पर किया कार्य अशून्य होगा। अत: यह संरक्षित क्षेत्र नहीं है अत: इस तरह की बल रेखायें सम्भव नहीं है।
- एकांक क्षेत्र फलन से गुजरने वाली रेखाओ की संख्या (रेखा घनत्व) विद्युत क्षेत्र के परिमाण को दर्शाता है।
- यदि रेखायें सघन है => तो E अधिक होगा
- यदि रेखायें विरल है => तो E कम होगा
- और यदि E = 0 है तब कोई भी बल रेखा प्राप्त नहीं होगी
- निकलने वाली या समाप्त होने वाली रेखाओं की संख्या , आवेश के समानुपाती होती है। +3q के आवेश से निकलने वाली कुल रेखाओं की संख्या = 9 है , -q पर समाप्त होने वाली कुल बल रेखायें = 3
- विद्युत बल रेखाओं का प्रारंभ या अंत , चालक की सतह के लम्बवत होता है |
- विधुत बल रेखायें कभी भी चालक में प्रवेश नहीं करती है |
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…