JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा क्या है electric dipole in hindi , वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा

वैद्युत द्विध्रुव किसे कहते है , मात्रक ,आघूर्ण विमा (electric dipole and dipole moment in hindi) विद्युत द्विध्रुव तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण : जब समान परिमाण के दो आवेशों जो प्रकृति में विपरीत हो अर्थात एक ऋणात्मक तथा दूसरा धनात्मक आवेश को अल्प दूरी पर रखा जाता है तो इस प्रकार के बने निकाय को विद्युत द्विध्रुव कहते है।
माना दो आवेश जिनका परिमाण q है , दोनों विपरीत प्रकृति के है अर्थात एक -q है तथा दूसरा +q है , को अल्प दूरी 2a पर रखा गया है तो चित्रानुसार एक द्विध्रुव का निर्माण करते है।

दोनों आवेश के मध्य बिंदु को द्विध्रुव का केन्द्र कहते है तथा दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा को अक्ष रेखा कहते है।
द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा :
विद्युत द्विध्रुव के किसी भी एक आवेश तथा दोनों आवेशों की मध्य की दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते है।
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है।

विद्युत द्विध्रुव में हमने आवेश का परिमाण q तथा दूरी 2a मानी थी अतः द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा के अनुसार



विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक = कुलाम x मीटर = C . m

तथा विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की विमा = M0L1T1Aहोती है।
विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण :
HCl ध्रुवी अणु है जिसमे एक H+ तथा दूसरा Cl आयन परस्पर विद्युत आकर्षण बल से बंधे रहते है , दोनों आवेश के मध्य लगभग 10-11 की दूरी होती है जो की अल्प है अतः यह एक विद्युत द्विध्रुव का निर्माण करते है।
इसी प्रकार H2O , NaCl , AgNO3 इत्यादि भी  विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण है।
विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र (electric field due to electric dipole ) :
विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र प्रत्येक आवेश द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र के सदिश योग के बराबर होता है।
अर्थात अध्यारोपण सिद्धान्त के द्वारा विद्युत द्विध्रुव द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र ज्ञात किया जाता है।
सीधे शब्दों में कहे तो विद्युत क्षेत्र ज्ञात करने के लिए पहले -q द्वारा उत्पन्न विद्युत निकाला जाता है फिर +q द्वारा उत्पन्न क्षेत्र तथा दोनों आवेशों के द्वारा उत्पन्न क्षेत्रों के सदिश योग से हमें विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र प्राप्त होता है।

वैद्युत द्विध्रुव : दो परमाणु में समान और विपरीत प्रकृति के आवेश अत्यल्प दूरी पर स्थित हो तो द्वैध्रुव कहलाते है।

उदाहरण : Na+Cl , H+Cl आदि।

एक विलगित परमाणु द्विध्रुव नहीं होता है क्योंकि धनावेश एवं ऋण आवेश के केन्द्र एक स्थान पर होता है लेकिन परमाणु को किसी विद्युत क्षेत्र में रखने पर ऋणावेश तथा धनावेश के केंद्र पृथक पृथक हो जाते है एवं परमाणु द्विध्रुव बन जाता है।

द्विध्रुव आघूर्ण : आवेशों के परिमाण तथा उनके मध्य की दूरी के गुणनफल को द्विध्रुव आघूर्ण कहते है।

द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है जिसकी दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर रहती है।

द्विध्रुव आघूर्ण की इकाई “कुलाम-मीटर” (C-m) होती है।

द्विध्रुव आघूर्ण को p के द्वारा व्यक्त किया जाता है। p = qd

यहाँ q = आवेश व d = दोनों आवेशो के मध्य की दूरी।

इलेक्ट्रिक डाइपोल या विद्युत द्विध्रुव

जब परिमाण में समान लेकिन प्रकृति में विपरीत दो आवेश किसी अल्प दूरी पर रखे होते है तो वे वैद्युत द्विध्रुव की रचना करते है।

किसी आवेश तथा दोनों आवेशो के मध्य की दूरी का गुणनफल वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहलाता है।

 वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को P द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण  एक सदिश राशि होती है इसकी दिशा ऋण से धन आवेश की तरफ होती है।

वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण P = q x 2a

वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक = कूलाम-मीटर

एवं वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का विमीय सूत्र या विमा = [M0 L1 T1A1]

ध्रुवी और अध्रुवी अणु : जब किसी अणु में धन और ऋण आवेश अणु के सभी भागो में समान रूप से वितरित होते है तो दोनों आवेशो का प्रभावी केंद्र एक ही होता है। ऐसे अणु विद्युत उदासीन होते है एवं इन्हें अध्रुवी अणु कहते है।

कुछ पदार्थो के अणुओं में धन और ऋण आवेशों का वितरण समरूप नहीं होता है। इसमें धन एवं ऋण आवेशो के प्रभावी केन्द्र भिन्न होते है , ऐसे अणु ध्रुवी अणु कहलाते है।

उदाहरण : HCl अणु ध्रुवी होता है , इसमें एक H+ आयन दूसरा Cl आयन  परस्पर वैद्युत आकर्षण से बंधे रहते है। इसमें धन और ऋण आवेशों के प्रभावी केन्द्रों के मध्य लगभग 10-11 मीटर की दूरी रहती है। इसी प्रकार सभी विद्युत अपघट्य पदार्थों के अणु ध्रुवी होते है। सभी ध्रुवी अणु जैसे HCl , H2O , NaCl , AgNO3 आदि विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण है।

विद्युत द्वि-ध्रुव (dipole moment in hindi)

परिभाषा : यदि समान परिमाण q और विपरीत चिन्ह के दो बिंदु आवेश एक दुसरे से a दूरी पर इस प्रकार रखे हुए हो की क्षेत्रीय बिंदु की दूरी r >> a है तो इस निकाय को विद्युत द्विध्रुव कहते है।
द्विध्रुव आघूर्ण को p = q x a परिमाण वाली सदिश राशि के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसकी दिशा ऋणावेश से धनावेश की ओर होती है।
नोट :  याद रखने तथ्य यह है कि रसायन विज्ञान में द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा धनावेश से ऋण आवेश की ओर मानी जाती है।
विद्युत द्विध्रुव का C.G.S मात्रक “डिबाइ” होता है।
दो समान एवं 10-10 फ्रेंकलिन आवेश वाले बिंदु आवेश एक दुसरे से 1Å दूरी पर रखे हो तो ऐसे निकाय के द्विध्रुव आघूर्ण को डिबाई कहते है।
1 डिबाई (D) = 10-10 x 10-8 = 10-18 Fr x cm

1D = 10-18 x C/3×109  x 10-2m = 3.3 x 10-30 c x m

S.I. मात्रक = कुलाम x मीटर = C x m
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

23 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

23 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now