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एक हाथ से ताली नहीं बजती लोकोक्ति का अर्थ क्या है | मुहावरे वाक्य प्रयोग ek hath se tali nahi bajti sentence in hindi

ek hath se tali nahi bajti sentence in hindi एक हाथ से ताली नहीं बजती लोकोक्ति का अर्थ क्या है | मुहावरे वाक्य प्रयोग बताओ |

31. एक म्यान में दो तलवारें = एक स्थान पर दो अधिकारी।
प्रयोग-एक कार्यालय में दो-दो अधिकारी। भला साथ-साथ कैसे काम कर सकते हैं? एक म्यान में दो तलवारें भला कैसे समायेंगी?
32. एक हाथ से ताली नहीं बजती = लड़ाई एक तरफ से नहीं होती।
प्रयोग – शिकायत करने चल दिये, जैसे तुमने कुछ भी नहीं कहा। भाई, एक हाथ से ताली नहीं बजती।
33. ऐब करने को हुनर चाहिए = बुरे कामों में भी योग्यता आवश्यक है।
प्रयोग- नकल करके पास हुआ तो तुम्हारा कौन-सा माल मार लिया, तुम कर लेते । भाई ! ऐब करने को भी हुनर चाहिए।
34. एक परहेज सौ इलाज = दवा की अपेक्षा परहेज लाभ करता है।
प्रयोग-आजकल दवाओं में मिलावट चल रही है, इसलिए एक परहेज सौ इलाज पर विश्वास करो। एक थैली के चट्टे-बट्टे होना = समान प्रकृति वाले व्यक्ति ।
प्रयोग-इन नेताओं में कोई भला नहीं है। सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
35. ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर = कठिन कार्य करने के लिए संकल्प करने पर विपत्ति से क्या डरना अथवा विपत्ति में धैर्य धारण करना।
प्रयोग-भाई, सच कह रहे हो, सेना में नौकरी करके अब तो ओखली में सिर दे दिया, फिर मूसलों से डरकर क्यों भागूं? जो होगा, सो देखा जायेगा।
36. ओछे की प्रीति बालू की भीत = ओछे व्यक्ति की मित्रता स्थायी नहीं होती।
प्रयोग-रामू आजकल मनोहर की मित्रता के भरोसे निश्चिन्त बैठा है। मनोहर बहुतों को धोखा दे चुका है। रामू से भी उसकी मित्रता अधिक नहीं चल सकती, क्योंकि ओछे की प्रीत बालू की भीत होती है।
37. ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती = थोड़ी वस्तु से आवश्यकता पूर्ण नहीं होती।
प्रयोग-दो इमरती लेकर पत्ता चाट रहे हो। भले आदमी, ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती।
38. अंगूर खट्टे हैं = वस्तु के न मिलने पर दोष निकालना।
प्रयोग-रामा से तुम्हारा विवाह नहीं हो सका, अब तुम उसे बदचलन बता रहे हो यह तो वही बात हुई कि अंगूर खट्टे हैं।
39. कंगाली में आटा गीला = विपत्ति पर विपत्ति आना।
प्रयोग-रामू के पास जीवन-निर्वाह के लिए दूध देने वाली एक भैंस थी, वह भी कल मर गई। इस प्रकार उसका कंगाली में आटा गीला हो गया।
40. कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर = समय बदलता रहता है।
प्रयोग-रामनिवासजी, गणेश को राजनीति में लाये थे। आज गणेश का पार्टी में बहुत प्रभाव है। रामनिवासजी टिकट पाने को गणेश की खुशामद कर रहे हैं। ठीक ही कहा जाता है कि कभी गाड़ी नाव पर और कभी नाव गाड़ी पर।
41. करमहीन खेती करै, बैल मरै या सूखा परै = भाग्यहीन मनुष्य कोई भी कार्य करे, उसी में उसे घाटा या बाधा मिलती है।
प्रयोग- तोताराम जो भी कार्य करता है, उसमें हानि ही हानि होती है। उसके लिए तो सच है-करमहीन खेती करै, बैल मरै या सूखा परै।
42. कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली = स्थिति में बहुत अन्तर होना ।
प्रयोग- सुरेश सिंह ने मनोहर को मित्र बनाना चाहा तो मनोहर ने कहा-तुम मन्त्री के लड़के और मैं ठहरा मजदूर। भला कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली। अतः यह मित्रता निभ नहीं पायेगी।
43. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा = इधर-उधर की बेमेल चीजें अथवा असम्बद्ध लोगों को एकत्र करना।
प्रयोग-अटल बिहारी वाजपेयी की एन. डी. ए. सरकार में तेरह दल थे जिनकी विचारधारा में भी समानता न थी। यह देखकर विपक्षी दलों ने कटाक्ष किया-कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा।
44. काँटे से काँटा निकलता है = दुष्ट के साथ दुष्टता करनी पड़ती है।
प्रयोग-रामेश्वरजी बहुत भले आदमी थे। जब लालसिंह ने कई बार उनके खेत उजड़वा दिये और चोरी कर ली तो रामेश्वर ने डकैती का झूठा मुकदमा चलाकर लालसिंह को जेल करा दी। रामेश्वर बेचारे क्या करते? काँटे से काँटा निकलता है।
45. कानी के ब्याह में सौ झगड़े = अपात्र मनुष्य का काम मुश्किल से बनता है।
प्रयोग-रामू कम पढ़ा-लिखा होने से बेकार था, उसे कहीं नौकरी नहीं मिलती थी। नेताजी ने उसे एक जगह चपरासी का काम दिलवाया, तभी सरकार ने नई भर्ती पर रोक लगा दी। नेताजी बोले-कानी के ब्याह में सौ झगड़े होते हैं।
46. काला अक्षर भैंस बराबर = बिलकुल अशिक्षित।
प्रयोग-आज भी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में रहने वाले 75ः लोगों के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।
47. कुत्ते को मुँह लगाने पर मुँह चाटता है = नीच को आदर देने पर अपनी ही बदनामी होती है।
प्रयोग-मना करने पर मनोहरलाल ने हरी जैसे प्रसिद्ध गुण्डे को मित्र बना लिया। एक बार उसने मनोहर लाल की पिटाई कर दी तो लोगों ने कहा-हम तो पहले ही कह रहे थे कि कुत्ते को मुँह लगाने पर मुँह चाटता है।
48. का वर्षा जब कृषि सुखानी = अवसर निकल जाने पर सहायता करना व्यर्थ है।
प्रयोग- परीक्षा का मेरा पेपर कल हो गया । आप पुस्तक आज दे रहे हैं। यह मेरे किस काम की? का वर्षा जब कृषि सुखानी?
49. काम का न काज का दुश्मन अनाज का = बिना काम बैठे-बैठे खाना ।
प्रयोग-छोटे भाई की उम्र 40 वर्ष हो गई पर अभी तक बेकार है। यह देखकर पिताजी ने उससे कहा कि तेरी तो स्थिति ठीक वैसी है कि काम का न काज का दुश्मन अनाज का।
50. कागहिं कहा कपूर चुगाए स्वान नहवाये गंग = दुर्जन व्यक्ति अपने स्वभाव को नहीं छोड़ता।
प्रयोग-चोर को चाहे जितना समझाओ वह चोरी करना नहीं छोड़ सकता यह देखकर उपदेशक महोदय ने सिर पीटते हुए कहा- कागहिं कहा कपूर चुगाए स्वान नहवाये गंग।
51. कोठी वाला रोवे, छप्पर वाला सोवे = धनी की अपेक्षा निर्धन सुखी रहता ।
प्रयोग-गाँव के प्रधानजी डाकुओं के भय से रातभर जागते हैं, जबकि गरीब लोग आराम की नींद सोते हैं। किसी ने ठीक ही कहा है-कोठी वाला रोवे, छप्पर वाला सोवे।
52. कोयले की दलाली में हाथ काले = बुरे काम में बुराई मिलती है।
प्रयोग-रामनिवासजी डाकुओं से सोने-चांदी के जेवर खरीदते थे। एक बार उन्हें पुलिस पकड़कर ले गयी तो लोगों ने कहा कि कोयले की दलाली में हाथ काले होते ही हैं।
53. खग जाने खग ही की भाषा = जो जहाँ और जिसके साथ रहता है, वह वहाँ और उन लोगों की बात जानता है।
प्रयोग-ब्रजभूमि के रीति-रिवाज और भाषा ब्रजवासी ही समझ सकता है, क्योंकि खग जाने खग ही की भाषा ।
54. खरी मजूरी चोखा दाम = खरे पैसे देना और पूरा काम लेना। प्रयोग-रामाश्रय का सिद्धान्त है, खरी मजूरी चोखा काम । इसलिए मेहनती मजदूर दूसरों का काम छोड़कर रामाश्रय के यहाँ काम करना पसन्द करते हैं।
55. खेत खाये गदहा, मार खाये जुलहा = अपराध का दण्ड उसके संरक्षक को देना।
प्रयोग-चोरी रमेश ने की और पुलिस वाले उसके मालिक अब्दुल्ला को पकड़ ले गये। यह सुनकर लोगों ने कहा-खेत खाये गदहा और मार खाये जुलहा।
56. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = कठोर परिश्रम करने पर भी कुछ विशेष लाभ न होना अथवा जितना प्रचार किया जाए, तद्नुसार नगण्य उपलब्धि होना।
प्रयोग-प्रधानमन्त्री की योजनाओं का प्रचार और उसके परिणामों को देखकर यही कहना पड़ता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
57. खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंचे = सबल पर जोर न चलना परन्तु दुर्बल को सताना।
प्रयोग-स्त्रियाँ पति का तो कुछ बिगाड़ नहीं पातीं, तब संतान को पीटकर वे खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंचे कहावत को चरितार्थ करती हैं।
58. खुदा गंजे को नाखून नहीं देता = अनधिकारी को अधिकार नहीं मिलता।
प्रयोग-यदि मुझे मुख्यमंत्री बना दें तो मैं पूंजीपतियों की सारी संपत्ति जब्त करने का आदेश दे दूँ। यह सुनकर मेरा मित्र बोला खुदा गंजे को नाखून इसीलिए नहीं देता।
59. गुड़ खाये गुलगुलों से परहेज = सम्बन्धित व्यक्ति को भी स्वीकारना पड़ता है।
प्रयोग-रामेश्वर ने अछूत मंगत को घर में नौकर रखा, पर उसके लड़के से घर में घुसने पर मना कर दिया । तब उनसे लोगों ने कहा-यह क्या बात हुई? गुड़ खाये और गुलगुलों से परहेज ।
60. घर की मुर्गी दाल बराबर = अपनी वस्तु का महत्त्व नहीं समझा जाता।
प्रयोग- यह रेशमी कालीन पैर पोंछने के काम आ रहा है। खरीदते तो पता चलता। अभी घर की मुर्गी दाल बराबर है।

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