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पदार्थ या द्रव्य की अवस्था परिवर्तन व प्रभाव (Effects of Temperature and Pressure on Matter)
(Effects of Temperature and Pressure on Matter) पदार्थ या द्रव्य की अवस्था परिवर्तन व प्रभाव : कोई भी पदार्थ ठोस , द्रव या गैस अवस्था में हो सकता है और जब किसी पदार्थ की अवस्था परिवर्तित होती है अर्थात वह एक अवस्था से दूसरी अवस्था में बदलता है तो इस परिवर्तन के कारण पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी बदल जाती है और पदार्थ के कणों की ऊर्जा भी परिवर्तित हो जाती है।
अर्थात मुख्य रूप से कणों के मध्य की दूरी और कणों की ऊर्जा परिवर्तित होने के कारण ही पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता है। जैसे ठोस के कणों के मध्य की दूरी बहुत कम होती है लेकिन जब यह द्रव या गैस अवस्था में बदल जाता है तो इसके कणों के मध्य की दूरी बढ़ जाती है और इसी कारण पदार्थ की अवस्था ठोस अवस्था से द्रव या गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
अब अध्ययन करते है कि ताप और दाब पदार्थ की अवस्था परिवर्तन को किस प्रकार प्रभावित करते है।
अर्थात मुख्य रूप से कणों के मध्य की दूरी और कणों की ऊर्जा परिवर्तित होने के कारण ही पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता है। जैसे ठोस के कणों के मध्य की दूरी बहुत कम होती है लेकिन जब यह द्रव या गैस अवस्था में बदल जाता है तो इसके कणों के मध्य की दूरी बढ़ जाती है और इसी कारण पदार्थ की अवस्था ठोस अवस्था से द्रव या गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
अब अध्ययन करते है कि ताप और दाब पदार्थ की अवस्था परिवर्तन को किस प्रकार प्रभावित करते है।
तापमान का प्रभाव (Effect of Temperature)
जब किसी पदार्थ को ताप दिया जाता है ताप के कारण पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है , पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ने के कारण इसके कण अपनी नियत स्थिति को छोड़कर स्वतंत्र गति करने लग जाते है अर्थात पदार्थ के कणों का आकर्षण बल कम हो जाता है और कण दूर दूर जाने की कोशिश करते है और जैसा हमने ऊपर पढ़ा है कि जब किसी पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी परिवर्तित होती है या कणों की ऊर्जा परिवर्तित होती है तो पदार्थ की अवस्था भी परिवर्तित हो जाती है।
उदाहरण : जब किसी बर्फ को ताप दिया जाता है तो यह द्रव अवस्था में बदल जाता है और इसी प्रकार जब द्रव को और अधिक ताप दिया जाता है यह द्रव वाष्प में बदल जाता है।
याद रखे कि ऐसा नहीं है कि किसी ठोस पदार्थ को थोडा सा ताप देने पर ही वह द्रव अवस्था में बदल जाती है , धीरे धीरे किसी ठोस को ताप दिया जाता है और एक निश्चित ताप पर कोई ठोस द्रव अवस्था में बदलने लगता है और इस निश्चित ताप को गलनांक ताप कहते है जिस पर कोई ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित होने लगता है।
अत: “वह ताप जिस पर कोई ठोस पदार्थ पिघलकर द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है उस ताप को उस पदार्थ का गलनांक कहते है , बर्फ का गलनांक 273.16 केल्विन होता है। “
इसी प्रकार जब किसी द्रव को धीरे धीरे ताप दिया जाता है तो एक ताप ऐसा आता है जिस पर वह द्रव , वाष्प में बदलने लगता है अर्थात वह द्रव पदार्थ द्रव अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित होने लगता है और जिस ताप पर कोई द्रव , गैस में बदलने लगता है उस ताप को क्वथनांक कहते है।
अर्थात “वह ताप जिस पर द्रव , गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है उस ताप उस द्रव का क्वथनांक कहते है। “
दाब का प्रभाव (Effects of Pressure)
जैसा कि हम जानते है कि जब किसी वस्तु पर या पदार्थ पर दाब लगाया जाता है तो दाब के कारण उस पदार्थ के कण आपस में पास पास आ जाते है और जैसा हमने ऊपर पढ़ा है कि पदार्थ के कणों के मध्य की दूरी परिवर्तित होने के कारण पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन हो सकता है।
जब किसी गैस पर दाब आरोपित किया जाता है अर्थात गैस पर दाब लगाने से गैस के कण पास पास आ जाते है अर्थात गैस के कणों के मध्य की दूरी कम होने लगती है जिससे गैस , द्रव अवस्था में परिवर्तित होने लगती है।
लेकिन याद रखे कि दाब का मान और अधिक बढ़ाने पर भी द्रव को ठोस में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है क्यूंकि द्रव में संपीड्यता का गुण बहुत कम पाया जाता है जिसके कारण द्रव पर दाब लगाने पर यह ठोस अवस्था में परिवर्तित नहीं होता है।
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