JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

ब्लूम का वर्गीकरण इन हिंदी pdf ब्लूम के अनुसार हिंदी के शैक्षिक उद्देश्यों का वर्णन कीजिए educational objectives of bloom’s taxonomy in hindi

educational objectives of bloom’s taxonomy in hindi ब्लूम का वर्गीकरण इन हिंदी pdf ब्लूम के अनुसार हिंदी के शैक्षिक उद्देश्यों का वर्णन कीजिए ?

प्रश्न : शैक्षिक उद्देश्यों के ‘ब्लूम’ के वर्गीकरण को समझाइये। 

explain the educational objectives of bloom’s taxonomy ?

उत्तर : डॉ. ब्लूम ने शैक्षिक उद्देश्यों के बारे में विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि शैक्षिक उद्देश्य मात्र लक्ष्य नहीं होते जिनकी संप्राप्ति हेतु पाठ्यचर्चा की संरचना की जाती है और शिक्षक अथवा अनुदेश निर्दिष्ट होता है। अपितु वे मूल्यांकन प्रविधि के निर्माण और प्रयोग हेतु विशिष्टीकरण का आधार भी होते है। ब्लूम ने शैक्षिक उद्देश्यों को तीन मुख्य क्षेत्रों में विभाजित कर उनके उपवर्गों की व्याख्या की है जिनका वर्णन निम्नलिखित है –

 ज्ञानात्मक पक्ष 

भावात्मक पक्ष  

मनोगत्यामक पक्ष  

 1. ज्ञान 

ग्रहण करना  

उद्दीपन  

 2. बोध 

अनुक्रिया  

कार्य करना  

 3. प्रयोग 

अनुमूलन  

नियन्त्रण  

 4. विश्लेषण 

विचारना  

समायोजन  

 5. संश्लेषण 

व्यवस्था  

स्वाभावीकरण  

 6. मूल्यांकन 

मूल्य समूह का विशेषीकरण  

आदत निर्माण  

ज्ञानात्मक उद्देश्य (cognitive objectives) :

  1. ज्ञान (knowledge) : इससे सम्बन्धित व्यवहार में पुनः स्मरण और पहचान की मानसिक प्रक्रियाएँ सक्रीय रहती है। इस उद्देश्य में निम्न प्रकार के ज्ञान सक्रिय रहते है –
  • विशिष्ट बातों का ज्ञान।
  • विशिष्ट तत्वों को प्राप्त करने की विधियों का ज्ञान।
  • मान्यताओं और परम्पराओं की गतिविधियों का ज्ञान।
  • विधियों और प्रविधियों का ज्ञान।
  • विषय के अंतर्गत पाए जाने वाले वर्गीकरण और श्रेणियों का ज्ञान।
  • सिद्धान्तों और सामान्यीकरण का ज्ञान।

ज्ञानात्मक पक्ष के स्तर : पाठ्यवस्तु के दृष्टिकोण से इस वर्ग के मुख्यतः तीन स्तर है –

(i) विशिष्ट बातों का ज्ञान : इसकों दो भागों में विभाजित किया जाता है।

(अ) पदों का ज्ञान : यह विशिष्ट मौखिक और अमौखिक सन्दर्भ का ज्ञान है। इसके अंतर्गत सामान्य चिन्ह , विशिष्ट पदों की परिभाषा , उनके गुणों , सम्बन्धों और अंगों का वर्णन किया जाता है।

(ब) विशिष्ट तथ्यों का ज्ञान : इसके अन्तर्गत घटनाएँ , तिथि , स्थान और व्यक्ति विशेष आदि का ज्ञान होता है।

(ii) विशिष्ट से सम्बन्धित साधनों और रीतियों का ज्ञान : इसके अंतर्गत परम्पराओं का ज्ञान , क्रम और प्रवृत्तियों का ज्ञान , मानदण्डों का ज्ञान , विधियों का ज्ञान , श्रेणियों और वर्गीकरण का ज्ञान आ जाते है।

(iii) सामान्यीकरण का ज्ञान : इसके दो रूप होते है जो कि नियमों और सामान्यीकरण का ज्ञान और सिद्धांतो और रचनाओं का ज्ञान है।

  1. बोध (comprehension) : इसके अन्तर्गत निम्न तीन प्रकार के व्यवहार आ जाते है –

(i) अनुवाद –

  • अमूर्त के एक स्तर से दूसरे में
  • एक संकेत से दूसरे प्रकार में।
  • एक मौखिक प्रकार से दुसरे में।

(ii) व्याख्या

(iii) उल्लेख : इसके अंतर्गत समस्या के उत्पन्न होने से उसके समाधान तक समस्त स्तर आ जाते है।

  1. विश्लेषण (analysis) : इसके अन्तर्गत पाठ्यवस्तु को तत्वों में विभाजित करके उनके मध्य परस्पर सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। इसके भी तीन स्तर होते है –
  • तत्वों का विश्लेषण
  • सम्बन्धों का विश्लेषण
  • व्यवस्थित सिद्धान्तों के रूप में विश्लेषण।
  1. संश्लेषण (synthesis) : इसके अन्तर्गत विभिन्न तत्वों को एकत्रित करके पूर्ण रूप में परिवर्तित किया जाता है। इसके भी तीन स्तर होते है –
  • तत्वों का अनोखा सम्प्रेषण करना।
  • नवीन योजना प्रस्तावित करना।
  • तत्वों के अमूर्त सम्बन्ध खोलना।
  1. मूल्यांकन (evaluation): यह जानने के लिए कि निर्धारित उद्देश्य किस मात्रा तक प्राप्त हुए तथा कितने प्रभावशाली रहे , इसका मूल्याङ्कन किया जाता है।

विश्लेषण , संश्लेषण और मूल्यांकन को RCEM (regional college of education mysore) में एक प्रमुख उद्देश्य सृजनात्मक के अन्तर्गत माना है।

भावात्मक शिक्षण उद्देश्य (affective domain)

  1. ग्रहण करना : यह किसी उद्दीपक की उपस्थिति में संवेदनशील से सम्बन्धित होता है। इसके तीन स्तर है –
  • क्रिया की जागरूकता
  • क्रिया प्राप्त करने की इच्छा
  • क्रिया का नियन्त्रित ध्यान।
  1. अनुक्रिया : यह अगली स्थिति होती है , इसके भी तीन स्तर होते है –
  • अनुक्रिया में सहमती
  • अनुक्रिया की इच्छा।
  • अनुक्रिया में संतोष
  1. अनुमुलन : यह मूल्यों के प्रति आस्था से सम्बन्धित होती है इस कारण में विशिष्ट मूल्यों के प्रति , स्वीकृति , प्राथमिकता और निष्ठा आ जाती है।
  2. विचारना : मूल्यों की विविधता के फलस्वरूप धारणा करने की समस्या निराकरण हेतु प्रत्यय निर्माण इसके अंतर्गत आता है।
  3. व्यवस्था : प्रत्यय निर्माण हेतु चयनित मूल्यों का क्रमबद्ध समायोजन इसके अन्तर्गत आता है।
  4. मूल्य समूह का विशेषीकरण : नियन्त्रित मूल्यों , विचारों और निष्ठाओं के सन्दर्भ में मानव व्यवहार का विशेषीकरण इसके अंतर्गत आता है।

मनोगत्यात्मक उद्देश्य (psychomotor domain) : इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कौशल आ जाते है। मानसिक रूप से आरम्भ होकर शारीरिक जटिल प्रत्यक्ष अनुक्रिया कौशल के अंतर्गत आते है। विज्ञान शिक्षण में मुख्यतः निम्न कौशल आ जाते है –

  1. प्रयोगत्मक कौशल : इसमें उपकरण और यन्त्रों का कुशलतापूर्वक प्रयोग , प्रयोगों और उपकरणों को क्रमबद्ध करना और रसायन , उपकरण और प्रतिरूप को रक्षित करना आ जाते है।
  2. रचनात्मक कौशल : इसमें स्वनिर्मित उपकरणों का निर्माण और बिगड़े हुए उपकरणों को ठीक करने के कौशल आ जाते है।
  3. रेखांकन कौशल : इसके अन्तर्गत , प्रयोगों , जीवों , उपकरणों आदि का आलेखन आ जाता है।
  4. समस्या समाधान कौशल
  5. निरिक्षण कौशल।
Sbistudy

Recent Posts

द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi

अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…

6 hours ago

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

3 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

5 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

1 week ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now