JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Geologyworld

भूकंपीय तरंग की चार विशेषताएं लिखिए , भूकम्पीय तरंगों के नाम प्रकार तथा उनकी विवेचना कीजिए |

Earthquake’s Waves types in hindi भूकंपीय तरंग की चार विशेषताएं लिखिए , भूकम्पीय तरंगों के नाम प्रकार तथा उनकी विवेचना कीजिए की परिभाषा क्या है , किसे कहते हैं अर्थ धरातल पर सर्वप्रथम कौन सी भूकंपीय तरंगे पहुंचती है ?  

भूकम्प व भूकम्पीय तरंगें
(Earthquake’s Waves)
पृथ्वी पर विभिन्न कारणों से अनेक स्थानों पर भूकम्प आते हैं, जिनसे भूपृष्ठ पर बहुत जनधन की हानि हो जाती है, इसलिए इनके स्वरूप, प्रकार व प्रभाव का गहन अध्ययन किया जाता है। इसे भूकम्प विज्ञान (Seismology) कहा जाता है। भूकम्प का उत्पत्ति केन्द्र व तीव्रता उसकी लहरों से ज्ञात की जाती है। भूगर्भ में किसी स्थान पर उद्वेग या हलचल होती है, जिसके कारण कम्पन उत्पन्न होता है। इन्हें ‘भूकम्पीय लहरे’ कहते है। भूगर्भ में जिस स्थान पर लहरों का आरंभ होता है उसे ‘भूकम्प केन्द्र‘ (Seismic Focus Hypocenter) कहते है। यह प्रायः भूगर्भ में 80 से 800 कि.मी. की गहराई पर हो सकता है। 1950 में आये असम के भूकम्प की उत्पत्ति बहुत कम गहराई पर थी। (लगभग 50 किमी गहराई पर)।
इस केन्द्र से चलकर ठीक इसके ऊपर जहां ये लहर भूपृष्ठ से टकराती हैं, उसे (Epicenter) अधिकेन्द्र कहते है। यहाँ भूकम्प धक्का सबसे पहले पहुँचता है व सबसे तीव्र होता है। इस अधिकेन्द्र से भूपृष्ठ पर लहरें चारों और फैलती हैं जो संकेन्द्रीय वृत्त के रूप में होती हैं। केन्द्र से दूरी बढ़ने पर कम्पन की तीव्रता घटती जाती है। कम्पन की तीव्रता सीसमोग्राम (Seismogram)यंत्र द्वारा रिक्टर मापक (Richter scale) पर मापी जाती है। इसी आधार पर भूकम्प की तीव्रता ज्ञात होती है।
भूकम्प तरंगों के प्रकार (Types of earthquake waves)ः-
भूकम्पीय तरंगें मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैंः-
(1) प्राथमिक तरंगें (Primary waves ‘P’) :- भूकम्प के समय सबसे पहले उत्पन्न होती है तथा सर्वप्रथम धरातल पर पहुंचती है। इनकी गति सबसे तेज से 14 कि.मी प्रति सेकण्ड होती है। ये ठोस व तरल दोनों माध्यमों में चलती हैं। तरल माध्यम में ठोस की अपेक्षा गति धीमी हो जाती है। इन लहरों में पदार्थ के कण की गति दिशा के अनुरूप आगे-पीछे होती है। अधिक घनत्व की चट्टानों में गति तीव्र होती है। इन्हें Push waves भी कहते हैं।
(2) गौण तरंगें (Secondary waves ‘S’)ः- यह प्राथमिक तरंगों के बाद उत्पन्न होती है तथा इनकी गति 4 से 6 कि.मी. प्रति सेकण्ड पायी जाती है। इन लहरों में पदार्थ के कणों की गति लहरों की दिशा के समकोण होती है। ये लहरें तरल माध्यम में नहीं चलती हैं। चट्टानों के घनत्व के आधार पर इनकी गति में अन्तर पाया जाता है।
(3) धरातलीय तरंगे (Surface waves ‘L’)ः- ये उपरोक्त दोनों से ही मंद गति की होती है परन्तु सर्वाधिक विनाशकारी होती हैं। ये लहरें सिर्फ सतह पर चलती हैं, ये पृथ्वी का चक्कर लगाकर पुनः अभिकेन्द्र में स्थिर हो जाती हैं। इनकी गति 3 से 5 कि.मी. प्रति सेकण्ड होती हैं। ये जल व होती हैं। ये जल व थल दोनों जगह विनाशकारी होती है। इन्हें ‘Long waves’ भी कहते हैं।
इनके अतिरिक्त गति के आधार पर कुछ तरंगों को भिन्न नाम दिये गये हैः- P*, S*, Pg, Sg आदि। विभिन्न लहरों की गति, तीव्रता, दिशा आदि का मापन सिसमोग्राम द्वारा ग्राफ पर किया जाता है। इससे समुद्र में उत्पन्न होने वाले भूकम्प की दिशा व तीव्रता का ज्ञान हो जाता है। धरातल पर एक ही समय में जिन स्थानों पर भूकम्प के झटके अनुभव किये जाते हैं, उन्हें मानचित्र पर एक रेखा क्षरा मिला दिया जाये तो इस प्रकार की रेखाओं को सहकम्प रेखाएँ (Homo sesimal Lines) कहा जाता है और भूकम्प तरंगों का एक-सा प्रभाव पड़ा हो, उन स्थानों को जोड़ने वाली रेखाओं को समभूकम्प रेखा (Iso seismal line) कहा जाता है।
भूकम्प की वास्तविक तीव्रता कई तत्वों पर निर्भर करती है। भूकम्प लहरों के कोणांक (amplitude), त्वरण (acceleration), आवृत्ति (frequency) आदि भूकम्प की तीव्रता निश्चत करते हैं। रिक्टर मापक पर भूकम्प की तीव्रता निम्न प्रकार से व्यक्त की जाती है-
2.5 से 3 – केवल केन्द्र के समीप अनुभव किया जाने वाला भूकम्प।
3.5 से 4.5 – स्थानीय रूप में क्षति होती है।
5-6 – काफी बड़े क्षेत्र में क्षति होती है व दूर तक महसूस होती है।
7 या इससे अधिक तीव्र भूकम्प कहलाते हैं। इससे बहुत क्षति होती है। इसका अनुभव उत्पत्ति केन्द्र से काफी दूर तक किया जा सकता है।
(1) उत्पत्ति के आधार पर भूकम्प (Earthquakes according to origin) – उत्पत्ति के आधार पर भूकम्प को दो भागों में बाँटा जाता है। कृत्रिम भूकम्प (Artificial earthquakes) का उत्पत्ति मानवीय क्रियाकलापों से होती है, जैसे खानों की खुदाई अत्यधिक बड़े जलाशय या बाँधों का निमाण आदि। प्राकृतिक भूकम्प (Natural earthquakes) के अनेक कारण होते है जो पहले स्पष्ट किये जा चुके है। ज्वालामुखी के कारण उत्पन्न होने वाले ज्वालामुखी भूकम्प कहलाते हैं। आन्तरिक हलचलों के कारण उत्पन्न होने वाले भूकम्प विवर्तनिक भूकम्प कहलाते हैं और संवहन तरंगों या ऊष्मा तरंगों के कारण गहराई में उत्पन्न होने वाले भूकम्प पातालीय भूकम्प कहलाते हैं।
(2) स्थिति के आधार पर (Earthquakes according to situation)ः- विश्व में भूकम्प सभी जगह आते हैं, परन्तु मुख्यतः सागर तटों पर इनकी संख्या अधिक पायी जाती है। समुद्री भूकम्प से महासागरें में बहुत ऊँची लहरों का जन्म होता है जो सैकड़ों कि.मी. की दूरी तक जाती है व 200 से 300 मी. तक ऊँची होती है। इन्हें सुनामी (Tsunami) लहर कहा जाता है। 26 दिसम्बर, 2004 को सुमात्रा द्वीप के निकट हिन्द्र महासागर में आये भूकम्प से उत्पन्न सुनामी लहर से भारत, श्रीलका, म्यांमार देशों में भारी जानमाल की हानि हुई थी। भारत में 2400 लोगों की मृत्यु हो गयी थी। स्थलाय भूकम्प नवीन मोडदार पर्वतों के क्षेत्र में अधिक आते है। भारत में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में प्रायः भूकम्प के झटके अनुभव किये जाते हैं।
(3) तीव्रता के आधार पर (Earthquakes according to intensity) – रिचर पैमाने पर भूकम्प की तीव्रता का मापन किया जाता है। सर्वप्रथम मरकैली भूवैज्ञानिक (Mercali) ने इस आधार पर बारह प्रकार के भूकम्प बताये थे। सामान्य रूप से इसे निम्न प्रकार से व्यक्त किया जाता हैः-
0 = सबसे कम तीव्रता का भूकम्प।
2.5-3 = हल्का भूकम्प जो केन्द्र के समीप ही अनुभव हो।
4.5-5 = सामान्य भूकम्प।
6.5-7.5 = तीव्र भूकम्प, विनाशकारी।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now