JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

वास्तविक विलयन , निलम्बन विलयन , कोलाइडी , परिक्षिप्त प्रावस्था (Dispersed phase) , परिक्षेपण माध्यम (dispersion medium)

ग्राहम नामक वैज्ञानिक ने पदार्थो को दो भागों में बाँटा –

2. क्रिस्टललॉइड

1. कोलाइड (colloid) : यह पदार्थ जंतु झिल्ली से विसरित नहीं हो पाते है।

उदाहरण : स्टार्च , गोंद , जिलेटिन आदि।

2. क्रिस्टललॉइड : यह पदार्थ जन्तु झिल्ली से विसरित हो जाते है।

उदाहरण : शर्करा , NaCl आदि।

लेकिन ग्राहम का यह वर्गीकरण संतोषजनक नहीं था क्योंकि एक पदार्थ एक विलायक में कोलाइड की भाँती व्यवहार करता है , वही पदार्थ दुसरे विलायक में क्रिस्टललॉइड की भाँती व्यवहार कर सकते है।

उदाहरण : NaCl का जलीय विलयन क्रिस्टललॉइड है जबकि NaCl का बेंजीन में बना विलयन कोलाइड है।

उदाहरण 2 : साबुन व सल्फर का जलीय विलयन कोलाइड है जबकि साबुन का एल्कोहोलिय विलयन क्रिस्टललॉइड है।

आधुनिक मत : इस मत के अनुसार कोलाइड कोई पदार्थ नहीं है बल्कि पदार्थ की एक अवस्था है जिसमे विलेय कणों का आकार 1 नैनोमीटर से 1000 नैनो मीटर के मध्य होता है।

अत: इस आधार पर तीन प्रकार के विलयन बनते है –

i. वास्तविक विलयन

iii. निलम्बन विलयन

i. वास्तविक विलयन : यह समांगी विलयन होता है।

इसमें विलेय कणों का आकार 1 नैनो मीटर से कम होता है।

इसके कण जन्तु झिल्ली एवं फ़िल्टर पेपर दोनों को पार कर जाते है।

ii. कोलाइडी विलयन : यह विसमांगी विलयन होता है।

इसमें विलेय कणों का आकार 1 nm से 100 nm के मध्य होता है।

इसके कण फ़िल्टर पेपर को पार कर जाते है लेकिन जंतु झिल्ली को पार नहीं कर पाते है।

iii. निलम्बन विलयन : यह विषमांगी विलयन है।

इसमें विलेय कणों का आकार 1000 नैनो मीटर से अधिक होता है।

इसके कण जंतु झिल्ली एवं फ़िल्टर पेपर दोनों को ही पार नहीं कर पाते है।

वास्तविक विलयन , कोलाइड विलयन और निलंबन विलयन में अंतर

वास्तविक विलयन :-

कणों का आकार : 1 नैनोमीटर से कम।

कणों की दृश्यता : सूक्ष्मदर्शी से नहीं देखे जा सकते है।

प्रकृति : समांगी विलयन।

प्रावस्था : एक प्रावस्था

फ़िल्टर पेपर से पृथक्करण : संभव नहीं है।

जन्तु झिल्ली पृथक्करण : संभव नहीं है।

टिंडल प्रभाव : नहीं दर्शाते है।

ब्राउनी गति : नहीं दर्शाता है।

अधिशोषण क्षमता : नगण्य या कम

गुरुत्वाकर्षण प्रभाव : नगण्य

विसरण : तीव्र गति से होता है।

पारदर्शिता (प्रकटता) : पारदर्शी।

विद्युत क्षेत्र का प्रभाव : विद्युत क्षेत्र की उपस्थित में धनायन कैथोड की ओर व ऋण आयन एनोड की ओर गति करते है।

उदाहरण : चीनी का जलीय विलयन।

कोलाइडी विलयन :-

कणों का आकार : 1 nm से 1000 nm तक

कणों की दृश्यता : सूक्ष्मदर्शी से देखे जा सकते है .

प्रकृति : विषमांगी विलयन

प्रावस्था : दो प्रावस्था

फ़िल्टर पेपर से पृथक्करण : संभव नहीं है।

जन्तु झिल्ली पृथक्करण : संभव है।

टिण्डल प्रभाव : दर्शाते है।

ब्राउनियन गति : दर्शाता है।

अधिशोषण क्षमता : उच्च

गुरुत्वाकर्षण प्रभाव : नगण्य

विसरण : धीमी गति से होता है

पारदर्शिता (प्रकटता) :  सामान्य पारदर्शी

विद्युत क्षेत्र का प्रभाव : विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में सभी कोलाइडी कण किसी एक इलेक्ट्रोड की ओर गमन करते है।

उदाहरण : साबुन का जलीय विलयन।

निलम्बन विलयन : –

कणों का आकार : 1000 नैनोमीटर से अधिक।

कणों की दृश्यता : नग्न आँखों से देखे जा सकते है।

प्रकृति : विषमांगी विलयन

प्रावस्था : दो प्रावस्था

फ़िल्टर पेपर से पृथक्करण : संभव है।

जन्तु झिल्ली पृथक्करण : संभव है।

टिंडल प्रभाव : नही दर्शाते है।

ब्राउनी गति : नही दर्शाता है।

अधिशोषण क्षमता : नगण्य

गुरुत्वाकर्षण प्रभाव : नगण्य नहीं होता है (गुरुत्वाकर्षण के कारण कण तली में बैठ जाते है। )

विसरण : विसरण नहीं होता है।

पारदर्शिता (प्रकटता) : अपारदर्शी

विद्युत क्षेत्र का प्रभाव : विद्युत क्षेत्र का प्रभाव नहीं होता है।

उदाहरण : रेत का जलीय विलयन।

कोलाइडी विलयन की प्रावस्था या घटक

इसके दो घटक होते है –
i. परिक्षिप्त प्रावस्था (Dispersed phase)
ii. परिक्षेपण माध्यम (dispersion medium)
i. परिक्षिप्त प्रावस्था (Dispersed phase) : वह घटक जो कोलाइडी विलयन में कम मात्रा में उपस्थित होता है , परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाता है।
इसे वितरित या आंतरिक प्रावस्था भी कहते है।
ii. परिक्षेपण माध्यम (dispersion medium) : वह घटक जो कोलाइडी विलयन में अधिक मात्रा में उपस्थित होता है , परिक्षेपण माध्यम कहलाता है।
इसे वितरित माध्यम या बाह्य प्रावस्था भी कहते है।
उदाहरण : सल्फर का जलीय विलयन।
परिक्षिप्त प्रावस्था : सल्फर
परिक्षेपण माध्यम : जल
Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now