JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

diffusion in hindi विसरण किसे कहते हैं उदाहरण की परिभाषा क्या है सर्वाधिक विसरण गुण वाला पदार्थ है

जानिये diffusion in hindi विसरण किसे कहते हैं उदाहरण की परिभाषा क्या है सर्वाधिक विसरण गुण वाला पदार्थ है ?

ऊष्मा चालन (Thermal Conduction )

माना किसी पात्र में गैस दो समान्तर प्लेटों AB व CD के मध्य स्थित है। इनके ताप क्रमश: T1 तथा T2 हैं जहाँ T2 > T1 जैसा कि चित्र (5.13 – 1 ) में दर्शाया गया है। स्थायी अवस्था (steady state) में सम्पूर्ण गैस को समान्तर परतों से बना मान सकते हैं। जैसे-जैसे प्लेट AB से परत की दूरी बढ़ती है, परत का ताप भी बढ़ता है अर्थात् गैस में 2 दिशा में ताप प्रवणता ( δT / δz ) है | इस ताप प्रवणता के कारण कोई भी परत अपने ठीक नीचे वाली परत को अधिक ताप पर होने के कारण चालन द्वारा ऊष्मा प्रदान करती है। फलस्वरूप गर्म प्लेट CD से ठण्डी प्लेट AB की ओर ऊष्मा का अभिगमन होता है। ऊष्मा अभिगमन की दर के परिकलन के लिए पिछले खण्ड के अनुरूप निम्न विधि को अपनाते हैं।

माना तल AB से z दूरी पर किसी परत Q का ताप T है तथा तल AB से ( z – λ ) तथा (z + λ ) दूरी पर स्थित A)
परतों P एवं R के ताप क्रमश: (T – λδT/δz) एवं (T + λδT/δz) हैं λ माध्य मुक्त पथ है। मुक्त पथ की कोटि की दूरियों के लिये ताप प्रवणता नियत मानी जा सकती है।
अब माना गैस में n अणु प्रति एकांक आयतन हैं और प्रत्येक अणु का द्रव्यमान m है। चूंकि गैस के अणु सभा दिशाओं में गतिमान हैं इसलिए x, y, z दिशा में से किसी एक दिशा में गतिमान अणुओं की संख्या प्रति एकांक आयतन औसतन n/3 मानी जा सकती है। इसी प्रकार एकांक आयतन में 2 दिशा में गतिशील n / 3 अणुओं में से औसतन आधे n/6 अणु धनात्मक z दिशा में तथा शेष अणु
n/ 6 एक निश्चित दिशा में गति करने वाले n/6 ऋणात्मक 2 दिशा में गतिशील माने जा सकते हैं। इस प्रकार किसी अणुओं की संख्या n / 6 व द्रव्यमान mn /6 होगा।
मान लीजिये अणुओं की माध्य चाल किसी परत के एकांक क्षेत्रफल को प्रति सेकण्ड किसी निश्चित दिशा में पार करने वाले अणुओं की संख्या nc/6 है तो जैसा कि श्यानता गुणांक की व्युत्पत्ति करते समय सिद्ध किया था,
यदि प्रत्येक अणु की स्वातन्त्र्य कोटियों की संख्या f है तो एक अणु की माध्य ऊर्जा fkT/2 होगी |
अतः परत P से अंतिम संघट्टन के पश्चात् (अर्थात् परत P का ताप T + λδT/δz ग्रहण कर) परत Q के एकांक
क्षेत्रफल को प्रति सेकण्ड नीचे की ओर पार करने वाले अणुओं द्वारा अभिगमित ऊर्जा

चूंकि गैस की विशिष्ट ऊष्मा नियत होती है इसलिए किसी गैस की ऊष्मा चालकता उसके श्यानता गुणांक की (K ∝ T ^ 1/2 ) होती है तथा दाब पर निर्भर नहीं करती है।
परन्तु विभिन्न गैसों के लिए ऊष्मा चालकता अणुभार के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती होता है जबकि श्यानता गुणांक अणुभार के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होती है । (K ∝ M ^ -1 / 2 एवं η ∝ M ^ 1/2 ) ।
विसरण (Diffusion)
मान लीजिये एक बर्तन को एक पर्दे द्वारा विभाजित किया जाता है तथा पर्दे के विपरीत पावों में समान ताप व दाब पर दो भिन्न गैसें हैं

चित्र (5.14 1)। यदि पर्दे को हटा दिया जाय तो गैसों की किसी भी दिशा में स्थूल गति नहीं होती परन्तु यथेष्ट समय व्यतीत होने के पश्चात् ज्ञात होता है कि सम्पूर्ण आयतन में दोनों गैसें समान रूप से वितरित हैं। यह परिघटना अनियमित (यादृच्छ) आण्विक गति के कारण होती है तथा इसे विसरण ( diffusion) कहते हैं। जब किसी प्रभाग में किसी जाति के अणुओं की सान्द्रण प्रवणता होती है तो वहाँ स्थित पृष्ठ के पार उस जाति के द्रव्य का अभिगमन होता है।
यदि एक निकाय के समस्त अणु यथार्थत: समान होते हैं तो उनके मध्य अन्योन्य विसरण का कोई महत्व नहीं होता है क्योंकि विलगित अणुओं की पहचान संभव नहीं है। परन्तु यदि निकाय में एक ही तत्व के भिन्न समस्थानिक हैं या ऐसे अणु हैं जिन्हें रेडियोएक्टिव कर दिया गया

है तो इस प्रकार के अणुओं को चिन्हित करना संभव है और विसरण का अध्ययन सारपूर्ण होता है। इस प्रकार के विसरण को स्व-विसरण (self diffusion) कहा जाता है। यहाँ हम स्व-विसरण गुणांक का मान ज्ञात करेंगे।
मान लीजिये एक पात्र में एकसमान ताप व दाब पर कोई गैस स्थित है। इस गैस में चिन्हित व अचिन्हित अणुओं का मिश्रण है। इस गैस में 2 दिशा में चिहिन्त अणुओं की सान्द्रता समान नहीं है और सान्द्रण- प्रवणता dn/dz है। z- दिशा के लम्बवत् तलों में सान्द्रता नियत है। 2- दिशा के लम्बवत् कोई तल Q में मान लीजिये इन अणुओं का संख्या घनत्व n है। यदि तल Q के निकट P व R दो समान्तर तल में लें जिनकी Q से दूरी माध्य मुक्त पथ के तुल्य हो तो तल P में संख्या घनत्व n+ λ dn/dz होगी व तल R में संख्या घनत्व n – λ dn/dz होगी। यहाँ यह कल्पना निहित है कि λ कोटि की दूरियों में सान्द्रण प्रवणता नियत रहती है।
सब दिशाओं में गति की प्रायिकता समान होने से n संख्या घनत्व के प्रभाग में प्रति एकांक आयतन एक निश्चित दिशा में गति करने वाले अणुओं की संख्या n/ 6 होगी। यदि अणुओं की माध्य चाल है तो किसी पृष्ठ के एकांक क्षेत्रफल से एकांक समय में पृष्ठ के लम्ब की दिशा में एक ओर गति करने वाले अणुओं की संख्या = nc/6 होगी । उपर्युक्त तर्क प्रयुक्त करने पर तल के एकांक क्षेत्रफल को प्रति एकांक समय नीचे की ओर (-z दिशा में) पार करने वाले चिन्हित अणुओं की संख्या होगी –

तथा तल Q के एकांक क्षेत्रफल को प्रति एकांक समय ऊपर की ओर (+z दिशा में) पार करने वाले चिन्हित अणुओं की संख्या होगी-

अतः परत Q के एकांक क्षेत्रफल को प्रति सेकण्ड + z दिशा में पार करने वाले चिन्हित अणुओं की नेट संख्या (संख्या फ्लक्स घनत्व) होगी

इस प्रकार उपर्युक्त प्रारंभिक सिद्धांत के आधार पर सब गैसों के लिए अनुपात KM/ηCv समान तथा 1 के बराबर होना चाहिये। विभिन्न गैसों के लिए इस अनुपात के प्रायोगिक मान इस कोटि के अवश्य होते हैं परन्तु वे 1 से भिन्न हैं। एक – परमाणुक गैसों के लिये KM / ηCv का मान लगभग 2.5 प्राप्त होता है तथा हाइड्रोजन के अलावा अन्य द्वि- परमाणुक गैसों के लिये सामान्य ताप पर लगभग 1.9 । सारणी ( 5 – 3 ) से इस अनुपात पर आणविक जटिलता का प्रभाव प्रेक्षित होता है। विशेषकर यह जटिलता आंतरिक स्वातंत्र्य कोटियों (घूर्णी व कंपनिक) के कारण उत्पन्न होती
है।
संबंध (1) और (3) से

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now