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अवकल समीकरण क्लास 12th pdf download solutions differential equations class 12 ncert solutions pdf download in hindi

By   June 17, 2023

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अवकल समीकरण pdf download 

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अवकल समीकरण (Differential Equations) एक प्रकार का गणितीय समीकरण होता है जिसमें एक या एक से अधिक अवकलों के बीच संबंध व्यक्त किया जाता है। इन समीकरणों में, अवकलों के द्वारा व्यक्त किए जाने वाले निर्देशनात्मक अथवा समयगत मापदंड (जैसे वेग, ऊर्जा, तापमान, प्रतिशत विकास आदि) की बदलती विशेषताओं को व्यक्त किया जाता है।

अवकल समीकरण विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोगी होते हैं, जहां समयगत प्रक्रियाओं की मॉडलिंग और समस्या के समाधान के लिए उपयोग होते हैं। कुछ महत्वपूर्ण अवकल समीकरणों के उदाहरण हैं:

1. लघुत्तर अवकल समीकरण (Ordinary Differential Equations, ODEs): इनमें केवल एक अवकल होता है और अवकल एक निर्देशनात्मक मापदंड को व्यक्त करता है। उदाहरण के रूप में, गति, ऊर्जा, तापमान, विकास आदि के समयगत प्रक्रियाओं के लिए ODEs का उपयोग होता है।

2. पार्श्विक अवकल समीकरण (Partial Differential Equations, PDEs): इनमें एक से अधिक अवकल होते हैं

और अवकल अधिकतम दो निर्देशनात्मक मापदंडों को व्यक्त करते हैं। PDEs का उपयोग विभिन्न दिशाओं में संचरण, तापमान, विमिति और अन्य तकनीकी प्रक्रियाओं के लिए होता है।

ये उदाहरण सिर्फ आपको अवकल समीकरण के बारे में एक अंश प्रदान करते हैं। यह गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा है और विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोग होती है।

Partial Differential Equations in hindi

पार्श्विक अवकल समीकरण (Partial Differential Equations, PDEs) वह गणितीय समीकरण होते हैं जिनमें एक से अधिक अवकलों की शामिलता होती है और अवकल अधिकतम दो निर्देशनात्मक मापदंडों (जैसे समय और स्थान) को व्यक्त करते हैं। ये समीकरणों का व्यापारिक, वैज्ञानिक, और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में व्यापक उपयोग होता है।

पार्श्विक अवकल समीकरणों का उपयोग विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में होता है, जहां विभिन्न प्रक्रियाओं की मॉडलिंग और समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी होते हैं। इनका उपयोग जलवायु विज्ञान, मौजूदा विद्युत तरंगों का वर्णन, रिफ्रेक्शन और अपवर्तन की गणना, जटिल प्रक्रियाओं की मॉडलिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, और उच्च ऊर्जा फिजिक्स में होता है।

पार्श्विक अवकल समीकरण के उदाहरणों में शामिल हैं:

1. लपलेस समीकरण: इसमें एक अवकल की अवकल अधिकतम दो निर्देशनात्मक मापदंडों के साथ दिया जाता है। इसका उप

योग तापमान विमिति, विमिश्रण और उपयोगिता ग्रेडियेंट के वर्णन में किया जाता है।

2. धर्मांतर समीकरण: इसमें दो अवकल और अवकल अधिकतम तीन निर्देशनात्मक मापदंडों के साथ दिए जाते हैं। इसका उपयोग तरंगों, ध्वनि के प्रसारण, और ऊर्जा के अवकल में किया जाता है।

3. नावियर्णन समीकरण: इसमें समुद्री जहाजों और उपग्रहों के लिए जलमार्ग की मॉडलिंग के लिए उपयोग होता है। इसमें नाविक तरंगों, जल मानचित्रण, वायुमंडलीय प्रवाह, और परमाणु उपग्रहों के लिए पथ योजना की मॉडलिंग के लिए अवकल समीकरण का उपयोग किया जाता है।

ये उदाहरण सिर्फ आपको पार्श्विक अवकल समीकरण के बारे में एक अंश प्रदान करते हैं। यह गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा है और विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोग होती है।

Ordinary Differential Equations in hindi

लघुत्तर अवकल समीकरण (Ordinary Differential Equations, ODEs) उन समीकरणों को कहते हैं जिनमें केवल एक अवकल शामिल होता है और विभिन्न मापदंडों के संबंध को व्यक्त किया जाता है। ये समीकरण अवकल की विशेषताओं के साथ बदलते समय को वर्णित करते हैं।

लघुत्तर अवकल समीकरणों का उपयोग विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में होता है, जहां समयगत प्रक्रियाओं की मॉडलिंग और समस्या के समाधान के लिए उपयोगी होते हैं। ये समीकरण विभिन्न प्रकार की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग होते हैं, जैसे वेग, ऊर्जा, तापमान, प्रतिशत विकास, और अन्य।

लघुत्तर अवकल समीकरणों के उदाहरण हैं:

1. गति समीकरण: यह समीकरण वस्तु की गति को वर्णित करता है और गति के संबंध में विशेषताएं, जैसे त्वरण और वेग, को व्यक्त करता है।

2. ऊर्जा समीकरण: इसमें ऊर्जा की परिवर्तन या प्रवाह को व्यक्त करने के लिए समीकरण का उपयोग किया जाता है।

3. तापमान समीकरण: इसका

उपयोग तापमान की परिवर्तन या प्रसारण को वर्णित करने के लिए किया जाता है।

4. विकास समीकरण: यह समीकरण एक पदार्थ के विकास या प्रतिशत विकास को व्यक्त करता है।

ये उदाहरण सिर्फ आपको लघुत्तर अवकल समीकरणों के बारे में एक अंश प्रदान करते हैं। यह गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा है और विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोग होती है।