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सारणिक गणित class 12 , एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 गणित अध्याय 4 determinants class 12 ncert pdf solutions in hindi

By   June 15, 2023

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सारणिक pdf download solutions 

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सारणिक (Determinant) हिंदी में एक अंग्रेजी शब्द है जो लगभग समान रूप से इसी रूप में उच्चारित होता है। सारणिक, लगभग वर्गीकृत मैट्रिक्स के साथ जोड़ा जाता है और एक विशिष्ट मान का परिणाम देता है।

सारणिक को चिह्नित करने के लिए आमतौर पर एक बार (|) चिह्न का उपयोग किया जाता है, जैसे कि |A| जहां A मैट्रिक्स है। सारणिक का महत्वपूर्ण उपयोग मैट्रिक्स के विभिन्न गणितीय और विज्ञानिक आवेदनों में होता है, जैसे रैंक (Rank) की प्राप्ति, व्यवस्थित समीकरणों का हल, इनवरिएंस (Inverse) की प्राप्ति, और अनुसंचारी (Eigen) मैट्रिक्स की खोज आदि।

सारणिक (Determinants) को हिंदी में “निर्धारक” कहा जाता है। सारणिक एक गणितीय आव्यूह होता है जो वर्गीकृत मैट्रिक्स के तत्वों के एक विशिष्ट समानांतर आवर्ती का मान होता है। सारणिक एक संख्या होती है और इसे सारणिक साधारित रूप से |A| चिह्नित किया जाता है, जहां A मैट्रिक्स होती है।

सारणिक को प्राप्त करने के लिए विभिन्न मैट्रिक्स के नियमों और तरीकों का उपयोग किया जाता है। सारणिक की मान्यता वर्गीकृत मैट्रिक्स के लिए ही होती है। सारणिक का महत्वपूर्ण उपयोग व्यवस्थित समीकरणों का हल करने, मैट्रिक्स के रैंक की प्राप्ति करने, मैट्रिक्स के इनवर्स (Inverse) की प्राप्ति करने और अनुसंचारी (Eigen) मैट्रिक्स की खोज करने में होता है।

Expansion of Determinant of Second Order in hindi

द्वितीय क्रम के सारणिक का विस्तार (Expansion) हिंदी में निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है:

वर्गीकृत मैट्रिक्स A = [[a₁ b₁], [a₂ b₂]] के लिए, इसका सारणिक (Determinant) विस्तार निम्न रूप में होगा:

|A| = a₁b₂ – b₁a₂

यहां a₁, b₁, a₂, b₂ मैट्रिक्स A के तत्व हैं। ऊपर दिए गए सारणिक का विस्तार फार्मूला समझने के लिए उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Determinant of Third Order in hindi

तृतीय क्रम के सारणिक का विस्तार (Expansion) हिंदी में निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है:

वर्गीकृत मैट्रिक्स A = [[a₁ b₁ c₁], [a₂ b₂ c₂], [a₃ b₃ c₃]] के लिए, इसका सारणिक (Determinant) विस्तार निम्न रूप में होगा:

|A| = a₁(b₂c₃ – c₂b₃) – b₁(a₂c₃ – c₂a₃) + c₁(a₂b₃ – b₂a₃)

यहां a₁, b₁, c₁, a₂, b₂, c₂, a₃, b₃, c₃ मैट्रिक्स A के तत्व हैं। ऊपर दिए गए सारणिक का विस्तार फार्मूला समझने के लिए उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Minors and Co factors in hindi

माइनर (Minors) और कोफैक्टर (Cofactors) हिंदी में निम्नलिखित रूप में जाने जाते हैं:

माइनर (Minors):
माइनर संबंधित सारणिक के तत्वों के उपसेट होते हैं। किसी वर्गीकृत मैट्रिक्स A = [aᵢⱼ] के लिए, किसी एक तत्व aᵢⱼ के माइनर को Mᵢⱼ कहा जाता है। यह उपसेट बिना चयनित तत्व aᵢⱼ के संप्रदाय में से बाहरी पंक्ति और स्तंभ को हटाकर बनता है।

कोफैक्टर (Cofactors):
कोफैक्टर संबंधित माइनर के तत्वों के आधार पर प्राप्त होते हैं। किसी वर्गीकृत मैट्रिक्स A = [aᵢⱼ] के लिए, किसी एक तत्व aᵢⱼ के कोफैक्टर को Cᵢⱼ कहा जाता है। Cᵢⱼ का मान अल्पभुजी में (-1)^(i+j) गुणित किया जाता है, जिसे पुनरावर्ती प्रतीत किया जाता है। इसके बाद, Cᵢⱼ को उस माइनर Mᵢⱼ से गुणा करके प्राप्त किया जाता है।

माइनर और कोफैक्टर का उपयोग सारणिक (Determinant) की गणना में किया जाता है और मैट्रिक्स के विभिन्न गणितीय और विज्ञानिक आवेदनों में महत्वपूर्ण होते हैं।

Properties of Determinants in hindi

सारणिक (Determinants) की गुणाधर्म (Properties) हिंदी में निम्नलिखित होती हैं:

1. सारणिक के बारे में परिवर्तन (Change of Orientation):
एक मैट्रिक्स के सारणिक का चिन्ह परिवर्तन करने से उसका मान नकारात्मक हो जाता है। अर्थात्, अगर एक मैट्रिक्स A का सारणिक |A| है, तो इसके परिवर्तित रूप (-A) का सारणिक उसके मान के साथ समान होगा।

2. सारणिक के समान तत्वों की परिवर्तन (Row/Column Interchange):
एक मैट्रिक्स के सारणिक का मान पट और स्तंभों के बीच तत्वों की परिवर्तन करने पर परिवर्तित नहीं होता है। अर्थात्, जब दो पंक्तियाँ या दो स्तंभों को आपस में अदला-बदली की जाती है, तब सारणिक का मान अपरिवर्तित रहता है।

3. तत्वों की समानोपाती (Scalar Multiplication):
एक मैट्रिक्स के सारणिक का मान, मैट्रिक्स के हर तत्व को एक स्केलर (संख्या) से गुणा करने पर भी गुणा होता है। अर्थात्, अगर A मैट्रिक्स का सारणिक |A| है, तो किसी भी स्केलर c के लिए, cA का सारणिक c^n|A| होता है, जहां n मैट्रिक्स A के क्रम का आकार है।

4. पंक्ति

या स्तंभ का समापन (Row/Column Summation):
एक मैट्रिक्स के सारणिक का मान, एक पंक्ति या स्तंभ के सभी तत्वों का योग के बराबर होता है। अर्थात्, एक पंक्ति या स्तंभ के तत्वों को योग करने पर प्राप्त योग का सारणिक के मान के साथ समान होता है।

ये गुणाधर्म सारणिक की महत्वपूर्ण गुणाधर्म हैं, जिन्हें सारणिक की गणना और प्रयोग में उपयोग किया जाता है।

Application of Determinants in hindi

सारणिक (Determinants) का उपयोग विभिन्न गणितीय और विज्ञानिक क्षेत्रों में किया जाता है। यहां हिंदी में सारणिक के कुछ मुख्य अनुप्रयोगों का उल्लेख किया गया है:

1. लिनियर समीकरणों का हल (Solution of Linear Equations):
सारणिक का उपयोग लिनियर समीकरणों के समाधान के लिए किया जाता है। जब एक सिस्टम में n अज्ञातीयों और n लिनियर समीकरण होते हैं, तो सारणिक का उपयोग इन समीकरणों के समाधान को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

2. रैंक की गणना (Calculation of Rank):
सारणिक का उपयोग मैट्रिक्स के रैंक की गणना में किया जाता है। रैंक वह सबसे बड़ा सबमैट्रिक्स का क्रम होता है जिसका सारणिक गैर-शून्य होता है। सारणिक की मदद से हम मैट्रिक्स के रैंक को पता कर सकते हैं।

3. विलीन का गणना (Calculation of Volume):
त्रिविमीय ज्यामिति में, सारणिक का उपयोग आयतन की गणना के लिए किया जाता है। जब हम किसी त्रिविमीय आकृति के विभाजन को सारणिक के रूप में करते हैं, तो हम उसके आयतन को स

ारणिक के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

4. लघुगणक (Minor):
सारणिक का उपयोग माइनर (Minor) की गणना में किया जाता है। माइनर का उपयोग मैट्रिक्स के सारणिक के आधार पर कोफैक्टर (Cofactor) की गणना के लिए किया जाता है।

5. लघु-मुख्यक (Minor-Minor):
सारणिक का उपयोग लघु-मुख्यक (Minor-Minor) की गणना में किया जाता है। लघु-मुख्यक का उपयोग एक मैट्रिक्स के विभिन्न अङ्गुल (Submatrix) के सारणिक की गणना के लिए किया जाता है।

इसके अलावा भी सारणिक का उपयोग विभिन्न गणितीय, विज्ञानिक, और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में बहुत सारे अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिनमें लघुगणकीय समीकरणों की समाधान, संचय सिद्धांत, नियमित प्रतिबिंब (Regular Reflection), और त्रिकोणमितीय समीकरणों के समाधान शामिल हैं।