JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Uncategorized

लोकतंत्र का क्या अर्थ है ? what is meaning democracy in hindi | लोकतंत्र किसे कहते हैं परिभाषा

what is meaning democracy in hindi | लोकतंत्र किसे कहते हैं परिभाषा लोकतंत्र का क्या अर्थ है ?

लोकतंत्र (democracy in hindi)
‘समाजवाद‘ या ‘पंथनिरपेक्षता‘ की भाति लोकतत्र का भी विभिन्न लोगो ने भिन्न भिन्न अर्थ लगाया है। शब्दिक दृष्टि से यूनानी शब्द ‘कमउवे‘ का अर्थ है, जनता और ‘ज्ञतंजवे‘ का अर्थ है ‘सरकार‘ या ‘शासन‘ । इसलिए लोकतत्र का अर्थ है जनता का शासन। इसके विपरीत है एक व्यक्ति के निरकुश शासन वाली बादशाही या तानाशाही और चंद लोगों के शासन वाला कुलीनतत्र । लोकतत्र के बुनियादी लक्षण हैं कि प्रभुसत्ता लोगों में निहित हो, धर्म, जाति, सप्रदाय, रग या स्त्री-पुरुष के भेदभाव के बिना तथा आर्थिक, शैक्षिक या व्यावसायिक पृष्ठभूमि के स्तर के भेदभाव के बिना, कानून की नजरो मे सभी बराबर हों और प्रत्येक व्यक्ति को इतना सक्षम समझा जाए कि वह उस तरीके से, जिसे वह उचित समझे, स्वय पर शासन कर सके तथा अपने निजी कार्य-व्यापार का प्रबध कर सके। लोकतंत्र मे लोग स्वय अपने स्वामी माने जाते है। उन्हें इस बात का अहस्तातरणीय अधिकार होता है कि स्वय पर शासन करे या अपने मनचाहे तरीके से तथा उन लोगो द्वारा शासित हो जिन्हे वे चने।
लोकतत्र इस तथ्य को भी स्वीकार करता है कि अनादि काल से मनुष्य सत्ता या सर्वोच्चता के लिए एक-दूसरे के साथ संघर्ष करता रहा है। लोकनत्र संघर्ष का अपेक्षाकृत अधिक सभ्य तरीका प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सशस्त्र संघर्ष के तरीको के स्थान पर विचार-विमर्श तथा समझाने-बुझाने के तरीको को प्रस्तुत करता है। कारतूसो की पेटी का स्थान मतपेटी ले लेती है। हम एक साथ बैठते हैं, बातचीत करते है और विचार-विमर्श करते है। हम अपने दृढ निश्चय, विचारो और तर्कों के बल पर एक-दूसरे को राजी करने और जीतने की कोशिश करते है।
प्राचीन भारतीय ग्राम-गणराज्यो तथा यूनानी नगर-राज्यो मे, सभी नागरिक एक साथ इकट्ठे होकर शासन के मसलो का फैसला करते थे। इस प्रकार, लोग राज्य के मामलो का निर्णय करने मे सत्ता का सीधे प्रयोग करते थे और इस प्रकार की राज्य व्यवस्था को प्रत्यक्ष लोकनत्र कहा जा सकता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि कानूनी तथा राजनीतिक संप्रभुता, दोनो ही चीजें लोगो मे निहित होती है। कितु राजनीतिक इकाइयो के आकार तथा उनकी आबादी मे वृद्धि के साथ और अततः आधुनिक राष्ट्र-राज्यो के आगमन के साथ ही राज्यो के मामलों पर चर्चा करने तथा आसानी से निर्णयों पर पहुचने के लिए लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा करना असभव हो गया। इसके अलावा, विधान नाने तथा राज्य का प्रशासन करने की प्रक्रिया जटिल से जटिलतर होती गई। इसलिए, जल्दी ही प्रत्यक्ष लोकतंत्र की सभी प्रकार की प्रणालियां विश्व भर में वस्तुतया समाप्त हो गई। अलबत्ता, स्विट्जरलैंड के कुछ प्रदेश ऐसे बच गए जहां छोटे-से-छोटे प्रश्नों, जैसे क्या स्कूल बृहस्पतिवार को बंद होने चाहिए या क्या ब्रेड की कीमत बढ़ाई जानी चाहिए, आदि का निर्णय अभी भी आम जनमत द्वारा किया जाता है। अति महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मसलों के संबंध में कुछ स्थानो पर जनमतसंग्रह कराया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ देशो (जैसे फ्रांस, आयरलैड, जापान और स्विट्जरलैंड) के संविधानों में ऐसे प्रावधान रखे गए हैं जिनके अंतर्गत संविधान संशोधन के लिए जनमतसंग्रह की व्यवस्था की गई है। लेकिन, वर्तमान समय में विभिन्न देशों में आम लोग अक्सर अपने प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए ही नियतकालिक अंतराल के बाद मतदान करते है। इस प्रकार, आधुनिक लोकतंत्र में परोक्ष प्रतिनिधित्व आवश्यक हो गया है, जिसके अंतर्गत शासन संचालन तथा कानूनों का निर्माण लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि करते हैं।
इस प्रकार, लोकतत्रात्मक राज्य व्यवस्था हमारे संविधान की एक बुनियादी विशेषता बन गई है, जिसे किसी भी सवैधानिक संशोधन द्वारा बदला नहीं जा सकता, किंतु लोकतत्र के अनेक रूपातर हैं जिन्हें समान रूप से प्रतिनिधिक तथा उचित माना जा सकता है।
हमने प्रतिनिधिक ससदीय लोकतंत्र को अपनाया है। संविधान निर्माताओं ने प्रयास किया कि भारी संख्या में देश के समस्त वयस्क लोगों को साक्षरता, संपत्ति, आयकर या स्त्री-पुरुष के किसी मानदड के बिना मतदान का अधिकार देकर पूर्ण प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए। इस तथ्य की पुष्टि सार्वजनीन वयस्क मताधिकार के प्रावधानो से हो जाती है। 18 वर्ष तथा इससे ऊपर के सभी वयस्को-पुरुषो तथा स्त्रियों को मतदान का अधिकार प्राप्त है (अनुच्छेद 326) और कार्यपालिका विधानमडल के लोक-सदन के प्रति उत्तरदायी है ख्अनुच्छेट 75(3) तथा 164(2), ।
गणराज्यीय स्वरूप
‘गणराज्य‘ की संकल्पना उस राज्य की प्रतीक है जिसमें जनता सर्वोच्च होती है, जिसमे कोई विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग नहीं होता और सभी सार्वजनिक पदों के द्वार बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक नागरिक के लिए खुले होते है। इसमें कोई वंशानुगत शासक नहीं होता तथा राज्य का अध्यक्ष लोगों द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। उसे सामान्यतया गणराज्य का राष्ट्रपति कहा जाता है। कूते के अनुसार, गणराज्यीय शासन प्रणाली जन-निर्वाचित प्रतिनिधियों की शासन प्रणाली होती है। न्यायमूर्ति हिदायतुल्लाह के शब्दों में: “गणराज्य एक ऐसा राज्य होता है जिसमें अंतिम विश्लेषण में सर्वोच्च शक्ति जनता में, न कि राजा जैसे किसी एक व्यक्ति में निहित होती है।‘‘ इसलिए लोकतंत्रात्मक गणराज्य से अभिप्राय मोटे तौर पर उस राज्य से होता है जिसमे एक निर्वाचित अध्यक्ष तथा जन-प्रतिनिधियों की सरकार हो। मेडिसन ने फेडरलिस्ट में कहा है:
गणराज्य एक ऐसी शासन प्रणाली है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी शक्तिया आम जनता से प्राप्त करती है, और वह उन व्यक्तियों द्वारा शासित होती है जो अपने पद सीमित अवधि के लिए, लोगो के प्रसादपर्यंत या अच्छे व्यवहारपर्यंत धारण करते हैं।
भारत एक गणराज्य है; इस विषय मे उद्देशिका मे जो उल्लेख किया गया है, वह बहुत ही व्यापक अर्थो में किया गया है। 26 जनवरी, 1950 को संविधान के लागू होने के साथ ही भारत डोमिनियन नहीं रहा तथा क्राउन के प्रति उसकी कोई राजनिष्ठा नहीं रही। संघ का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है जो एक नियत अवधि के लिए जनता के प्रतिनिधियों के निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है। विधि की नजर में सभी नागरिक बराबर होते हैं; कोई भी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग नहीं होता और नस्ल, जाति, स्त्री-पुरुष या संप्रदाय के आधार पर किसी भेद के बिना सभी सार्वजनिक पदों के द्वार प्रत्येक नागरिक के लिए खुले होते हैं।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

14 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

15 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now