JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Uncategorized

अनौद्योगीकरण क्या है | अनौद्योगीकरण की परिभाषा किसे कहते है , विशेषताएँ फायदे deindustrialisation meaning in hindi

deindustrialisation meaning in hindi अनौद्योगीकरण क्या है | अनौद्योगीकरण की परिभाषा किसे कहते है , विशेषताएँ फायदे ?

शब्दावली
अनौद्योगीकरण ः साम्राज्यिक देश के आधुनिक उद्योगों के साथ प्रतिस्पर्धा के कारण उपनिवेशों के पारम्परिक उद्योगों के विनाश की एक प्रक्रिया ।
उपनिवेशवाद ः एक शासन-पद्धति जिसमें एक देश दूसरे देश पर जीवन के सभी पहलुओं, विशेषतरू आर्थिक, में अपना प्रभुत्व रखता है और उसका शोषण करता है।
नव-उपनिवेशवाद ः यह एक पद्धति है जिसमें उपनिवेश की अर्थव्यवस्था रेलमार्गों व परिवहन जैसी आधारिक संरचना के विकास द्वारा साम्राज्यिक देश की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत हो जाती है।

प्रस्तावना
विश्व का सबसे बड़ा औपनिवेशिक साम्राज्य ब्रिटिशों ने भारत में स्थापित किया। लेकिन यह अधिकांश अन्यों से एक भिन्न प्रकार का उपनिवेश था। इन उपनिवेशों में से अनेक विशेषतः लैटिन… अमेरिका में, डच ईस्ट इण्डीज (अब इण्डोनेशिया के नाम से) को छोड़कर, या तो दास अथवा करारबद्ध श्रमिकों के सहारे बनाए गए। अधिकांश भारतीय जिन्हें आज हम फिजी में (व अन्य कई जगह) पाते हैं, करारबद्ध श्रमिक के रूप में लिए गए थे। ब्रिटिशों ने भारत में अपना उपनिवेश । किसानों व स्वतंत्र रूप से नियुक्त श्रमिकों के सहारे स्थापित किया। भारत में अश्वेत “उपनिवेशी जनता‘‘ भी थी, जैसे उदाहरण के लिए केन्या अथवा जिम्बाब्वे में, जिसने भूमि को अपने नियंत्रण में लिया और फिर औपनिवेशिक सत्ता की इमारत का रूप ले लिया। जबकि किसानों और श्रमिकों से जबरन काम करवाया जाता था, बड़े भू-स्वामियों और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से ब्रिटिश पक्ष अपनी बात मनवा ही लेता थाय यदा-कदा संघर्षों के बाद फिर भी, उनमें से अधिकांश अन्ततोगत्वा ब्रिटिश पक्ष में ही हो गए। पुराने वालों को हटाकर व जमींदारी अथवा अन्य भू-अधिकार उन्हें सौंपकर ब्रिटिशों ने नए समूहों का निर्माण भी सहयोग प्राप्त करने की गरज से ही किया। भारत इसीलिए ‘‘दशजों‘‘ के सहयोग पर आधारित एक उपनिवेश था।

राजस्व के दावों, कुछ शुल्क और मिलाकर अप्रत्यक्ष कराघातन के रूप में कृषिवर्ग पर भारी बलात् ग्रहणों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था के आधिशेष में से सबसे बड़े हिस्से को खींचकर ब्रिटिशों ने भारत पर शासन कियाय शुरू-शुरू के काल में इस प्रकार की लूटपाट होती थी पर यह बहुत जल्द ही रुक जाती थी।

यह सब कैसे किया गया? यह किन तरीकों से किया गया? वर्गों और सामाजिक स्तरों के बीच पाने वाले और खोने वाले कौन थे? भारत के लिए परिणाम क्या थे? और अन्ततरू ब्रिटिशों ने इसका लाभ कैसे उठाया? इनके उत्तर हमें एक दिलचस्प कहानी सुनाएँगे। वह कहानी जो हमारा इतिहास है। वह इतिहास जो हमारे लिए अभी तक जीवित है।

ऐसा करने से पूर्व चलिए थोड़ा ठहरते हैं और समझते हैं कि उपनिवेशवाद था क्या। आज साम्राज्यवाद और नव-उपनिवेशवाद तो हैं मगर उपनिवेशवाद समाप्त हो चुका है।

उपनिवेशवाद परिभाषित
उपनिवेशवाद एक पद्धति के रूप में आधुनिक काल के आरंभ, यानी सोलहवीं शताब्दी में ही उद्गमित होना शुरू हो गया था। इसके विशिष्ट स्वरूप को समझने के लिए पूर्व कालों से इसकी भिन्नता पर गौर करना होगा। उपनिवेश तो हमेशा ही रहे हैं। यूनानी ईसापूर्व काल में ही उपनिवेश स्थापित कर चुके थे। भारतीयों के भी उपनिवेश थेय उदाहरणार्थ, चोल समुद्र पार गए और इण्डोचीन व इण्डोनेशिया में उपनिवेश स्थापित किएय कम्बोडिया में प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर अथवा बाली द्वीप में रामायण की प्रस्तुति उसके प्रभाव के जीवन्त उदाहरण हैं। विदेशी शासन भी उतना पुराना है जितना कि सैन्य विजित राज्य । लेकिन हमने उस काल के लिए ‘‘उपनिवेशवाद‘‘। शब्द का प्रयोग कभी नहीं किया। अतरू यह प्रश्न पूछे जाने की आवश्यकता है रू वह क्या था जो 16वीं से 18वीं सदी के उस उपनिवेश स्थापन में नया था जिसने उपनिवेशवाद शब्द की ओर उन्मुख किया?

16वीं शताब्दी के आगे हमने जो देखा वह था संसार के एक छोटे-से हिस्से द्वारा पृथ्वी के बाकी हिस्से का समावेशन । स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैण्ड, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे कुछ देशों ने संसार के बाकी हिस्से पर राजनीतिक प्रभुत्व कायम कर लिया। पहले से भिन्न जब विभिन्न सत्ताओं के बीच संतुलन बनता-बिगड़ता रहता था, उपनिवेशवाद ने सम्पूर्ण विश्व पर कुछ देशों की एक चिरस्थायी शासन-पद्धति और प्रभुत्व को स्थापित किया। एक छोटी-सी समयावधि में ही इसने औपनिवेशीकृत संसार के आर्थिक एकीकरण को एक गहन अनुचित व्यापार-प्रक्रिया के माध्यम से विजेता शंक्तियों की अर्थव्यवस्थाओं की आवश्यकताओं की ओर उन्मुख किया । वालीन जैसे कुछ लोगों ने इसे एक ष्विश्व व्यवस्थाश्श् की संज्ञा दी। फिर भी, एक अन्योन्याश्रित विश्व का उदय हुआ। लेकिन इस अन्योन्याश्रितता की एक विशिष्टता हैय यह अपने प्रारंभ से ही एक पराधीन अन्योन्याश्रिता थी, असमान रूप से बाकियों के विरुद्ध कुछ के पक्ष में झुकी । यह एक अभिलक्षण है. अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था का जो विकासशील विश्व के अहित हेतु अभी तक काबिज हैय उदाहरणार्थ, संयुक्त राज्य अमेरिका पर जर्मनी की अन्योन्याश्रिता को ही लें, दोनों में से कोई भी अलाभान्वित नहीं है। लेकिन यह बात संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जर्मनी पर भारत अथवा ब्राजीलं के संबंध हेतु नहीं कही जा सकती है।

इस बात पर चर्चाओं का सिलसिला शुरू करने से पहले एक आखिरी बात स्पष्ट करना आवश्यक है। उपनिवेशवाद के उदय से पूर्व भारत या चीन जैसे अनेक देशों अथवा कुछ अरब देशों के विकास का स्तर औपनिवेशिक शक्तियों जैसा उच्च अथवा उनसे भी ऊँचा था। वास्तव में भूमध्यसागरीय अथवा हिन्दमहासागरीय व्यापार अरब ही संचालित करते थे। यूरोपीय शक्तियों को जिसने लाभ पहुँचाया वह था नाविकों के दिक्सूचक अथवा उनके जहाजों के लिए लौह पोत खोल के आविष्कार जैसा एक तकनीकी कगार जिसने उनके लिए खुले सागर में अन्य जहाजों को जीतना और अपना आधिपत्य स्थापित करना आसान कर दिया। ध्यान रहे कि “औद्योगिक क्रांतिश्श् अभी काफी दूर थी। 1757 में सबसे पहले भारत विजित हुआ, काफी बाद में लैटिन अमेरिका। 1780 के दशक में व उसके बाद, भाप-इंजिन, कातने की मशीन, आदि के आविष्कार के साथ कुछेक दशकों के बाद ही औद्योगिक क्रांति शुरू हुई। इसलिए यह बात उपनिवेशवाद के साथ ही हुई कि भारत जैसे देशों का पतन शुरू हो गया। कुछ ही दशकों में पश्चिम ने उन देशों पर अधिकतर क्षेत्रों में परम सर्वोच्चता स्थापित कर ली जिन्हें अब हम ‘‘तीसरी दुनिया‘‘ का कहते हैं। एन्द्रे गुंदर फ्रैंक जैसे कुछ लेखकों ने इसे “अल्प-विकास के विकास‘‘ की प्रक्रिया के रूप में पुकारा है।

बोध प्रश्न 1
नोटः क) अपने उत्तर के लिए नीचे दिए रिक्त स्थान का प्रयोग करें।
ख) अपने उत्तरों की जाँच इकाई के अन्त में दिए गए आदर्श उत्तरों से करें ।
1) 16-18वीं शताब्दी के उपनिवेशवाद के लिए नया क्या था?
2) क्या आप उपनिवेशवाद के मुख्य अभिलक्षणों को पहचान सकते हैं?
3) एक उपनिवेश के रूप में भारत लैटिन अमेरिका से किस प्रकार भिन्न था?

 बोध प्रश्नों के उत्तर
बोध प्रश्न 1
1) 16-18वीं शताब्दी के उपनिवेशवाद का नया अभिलक्षण यह था कि पूर्व-उपनिवेशवाद से भिन्न इसने विश्व के बड़े भाग का इसी के छोटे-से भाग द्वारा बलात् समावेशन देखा।
2) प) विश्व के बड़े भाग का देशों के एक छोटे-से समूह द्वारा बलात् समावेशन ।
पप) उपनिवेशों के संसाधनों का मुट्ठीभर साम्राज्यिक देशों द्वारा दोहन, और उपनिवेशों की अर्थव्यवस्था को चैपट किया जाना।
पपप) लैटिन अमेरिका भारत से काफी पहले ही जीत लिया गया था। इसके बाद औद्योगिकं क्रांति हुई, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया।

 उपनिवेशवाद के प्रभाव
1757 में प्लासी की लड़ाई में सिराज-उद्-दौला की हार को औपनिवेशिक शासन का आरंभ माना जा सकता है। 1765 में बक्सर की लड़ाई के बाद बंगाल की दीवानी ब्रिटिश हाथों में चली गई। (बंगाल राजस्व अंचल में तब वे आते थे जो अब पश्चिम बंगाल, बंगलादेश, बिहार व उड़ीसा हैं।) ब्रिटिश संसद के घोषणा-पत्र के तहत ईस्ट इण्डिया कम्पनी को भारत समेत पूर्व के साथ व्यापार का एकाधिकार दे दिया गया। इन लड़ाइयों के बाद उन्होंने विजित राज्य क्षेत्रों से भू-राजस्व एकत्रित करने की अनन्य नियंत्रण-शक्ति भी अर्जित कर ली। ब्रिटिशों ने अर्थव्यवस्था को अपने सीधे नियंत्रण में लाने के लिए अपनी राजनीतिक नियंत्रण-शक्ति का प्रयोग किया। शीघ्र ही भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के हितों की पूर्ति हेतु बदल दी गई। तब व्यापार और राजस्व ही वे दो प्रत्यक्ष साधन थे जिनके माध्यम से वे भारतीय अर्थव्यवस्था का शोषण करने और आधिशेष उस ब्रिटेन को भेज देने की अपनी नियंत्रण-शक्ति का प्रयोग करते थे जो शीघ्र ही एक लम्बी औद्योगिक क्रांति के मंच पर प्रवेश करने वाला था। यह सब भारत के लिए बहुत अनर्थकारी अप्रत्यक्ष-प्रभाव वाला था।

 सारांश
जब भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, औद्योगिक रूप से यह उन्नत पूँजीवादी देशों की परिधि से बाहर सर्वाधिक विकसित था। उसके पास सबसे बड़ा पूँजीपतिवर्ग था जो पीछे से राजनीति को प्रभावित करने में निपुण था, साथ ही था वृहद्तम और सबसे प्रवीण मध्यवर्ग तथा कुशल श्रमिकों की वृहद् सम्पन्नता के साथ संख्यात्मक रूप से विशाल एक सर्वहारा वर्ग। विरोधोक्ति के रूप में, भारत में शहरी व ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में गरीबी की सर्वोच्च व्यापकता है, परन्तु इसके साथ चलने वाली कुपोषण, बीमारी, अशिक्षा, अनाश्रय आदि बातों के साथ यह ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से है, इस वास्तविकता से कतई दूर कि हमारी क्षमतानुसार हमें बनाने वाले साधन समाज में बड़ी विरलता से व्याप्त थे। आधुनिक भारत के निर्माण में उपनिवेशवाद बड़ा ही निर्णायक सिद्ध हुआ।

उपनिवेशवाद के प्रभाव
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
उपनिवेशवाद परिभाषित
उपनिवेशवाद के प्रभाव
औपनिवेशिक साम्राज्य की प्रकृति और अवस्थाएँ
प्रभाव: प्रथम चरण – कृषिवर्ग और उसकी दुर्दशा
प्रभाव: द्वितीय चरण- अनौद्योगीकरण और उसके प्रभाव
प्रभाव: तृतीय चरण – साम्राज्यवाद और औद्योगीकरण
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें व लेख
बोध प्रश्नों के उत्तर

 उद्देश्य
स्वतंत्रता के बाद भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को ठीक से समझने के लिए, औपनिवेशिक शासन के प्रभावों का अध्ययन करना जरूरी है। प्रभावों के बहुविधि और परस्पर विरोधी स्वभाव को समझना अपने आप में ही एक दिलचस्प कवायद है। परन्तु आधुनिक भारत का निर्माण उससे भी अधिक आकर्षक है। इस इकाई को पढ़ने के बाद आप इस योग्य होंगे कि –
ऽ समझ सकें कि भारत में स्वतंत्रता-प्राप्ति के समय वाला भारत किस प्रकार बनाय तथा
ऽ उन राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक प्रक्रियाओं का बोध कर सकें जो स्वतंत्रोत्तर भारत में हुईं।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now