दिसंबर ग्लोबल हॉलीडेज (december global holidays in hindi) दिसम्बर वैश्विक अवकाश क्या है ?

(december global holidays in hindi) दिसंबर ग्लोबल हॉलीडेज क्या है ? दिसम्बर वैश्विक अवकाश किसे कहते है ?

 1 दिसम्बर : इस दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है | इस दिन को विश्व भर में लोगो में एड्स के प्रति एड्स रोग के प्रति जागरूक किया जाता है तथा इस रोग के लिए लोगो और समाज के व्याप्त भ्रान्तियो को हटाकर लोगो में वास्तविक जानकारी का प्रसार किया जाता है ताकि अधिकाधिक लोग इस रोग के प्रति जागरूक बने।

2 दिसम्बर : यह दिन अंतरराष्ट्रीय दासता उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का कारण यह है कि लोगो को दासता के बंधन से मुक्त करवाना और उनमें इस दासता के प्रति आवाज उठाने के लिए हिम्मत को जुटाना ताकि लोग बच्चो , महिला और अन्य पुरुषों आदि को अपना दास बनाकर न रख सके और उनके जीवन का इस प्रकार से दासता के रूप में हनन न कर सके। इस दिन को मानव तस्करी और उनका शोषण के प्रति आवाज को बुलंद करके उन्हें इन सबसे दूर रखने का प्रयास करना होता है।

3 दिसम्बर : इस दिन को अन्तराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के रूप में मनाया जाता है , इस दिन को मनाने के प्रति दिव्यांगजन लोगो के प्रति अपनी सोच को बदलने और उन्हें विशेष ध्यान देने के लिए लोगो को प्रोत्साहित करना होता है क्योंकि दिव्यांगजन व्यक्ति अपने शरीर से कुछ असामान्य होता है जो बाकी सामान्य व्यक्ति की तरह नहीं दिखता और न ही उसके समान कार्य करने में सक्षम होता है और कभी कभी मानसिक दिव्यांग व्यक्ति सामान्य व्यक्ति के समान सोच भी नहीं सकता इसलिए उन्हें विशेष नजर से देखना हमर कर्तव्य है ताकि वे खुद को अपने समान समझे और समाज के उन्हें अच्छी स्थिति प्राप्त हो सके।

4 दिसम्बर : इस दिन को अन्तर्राष्ट्रीय बैंक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हर देश में व्याप्त बैंक प्रणाली के तहत कार्य करने वाले लाखों कर्मचारियों और उससे जुडी संस्थाओं को लोगो के जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए उन्हें तहे दिल से शुक्रिया कहना है। इस दिन बैंक में काम करने वाले लोगो को भी जब शक्रिया कहा जाता है तो उन्हें भी अपने कार्यो में और अधिक उन्नति करने का साहस प्राप्त होता है।

5 दिसम्बर : प्रतिवर्ष इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विश्व के सभी लोग उनके देश में अथवा विश्व स्तर पर या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाले स्वयंसेवकों का धन्यवाद कहने के रूप में मनाया जाता है। उनके अथक प्रयासों के कारण ही समाज में मानवता आज भी जीवित है और वे अपने जीवन में कई ऐसे कार्य करते है जिनके कारण भले ही कुछ लोगो की लेकिन जीवन सुधार होता है।

6 दिसम्बर : इस दिन विश्व मृदा दिवस या विश्व मिट्टी दिन के रूप में मनाया जाता है। हमारे सभी के जीवन में मृदा का बहुत महत्व है। बिना मृदा के मनुष्य अपने अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकता इसलिए इस दिन मृदा के प्रति लोगो को जागरूक किया जाता है और उन्हें मिट्टी के संरक्षण करने की अपील की जाती है ताकि मृदा या मिट्टी संरक्षित होगी तो ही मनुष्य का जीवन सुरक्षित रहेगा इस बात को हर व्यक्ति के जहन में बैठाया जा सके और उन्हें इसके संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके।

today google in showing doodle of december global holidays . In this December month several festivals are celebrated all around the world and because this is first day of this month that is why google is showing day 1 on it’s famous and most awaited doodle today.

In this winter and best month of the year multiple festivals celebrated in these many are there Christmas to Omisoka are most loved month and festive seasons.

To enhance the celebrations of these festivals and this month google also giving it’s contribution to all of you very happy holidays seasons day 1 doodle on it’s best and most loved world’s number 1 search engine google.

Before we proceed further to review the list of all in this December months which gonna celebrated all around the world , make sure keep these names and festivals are most known and most celebrated in the world and these holidays are also found in all around the world.

we will discuss here almost 5 to 7 most awaited and most loved festivals celebrated in this december months which are global .

list of december global holidays 2020 

  1. Advent
  2. Saint Barbara’s Day 2020 : 4 december 2020 day
  3. Krampusnacht : 5 December 2020
  4. Saint Nicholas’ Day : 6 december 2020 day
  5. Feast of the Immaculate Conception Day :  8 December 2020
  6. Saint Lucia’s Day : 13 December 2020
  7. Las Posadas : 16 to 24 December 2020
  8. Longest Night :
  9. Nikoljdan : 19. December 2020
  10. Christmas Eve : 24 December 2020
  11. Christmas Day : 25 December 2020 and 7 January 2021
  12. Anastasia of Sirmium feast day : 25 december 2020 day
  13. Twelve Days of Christmas : 25 December 2020 to 6 January 2021
  14. Saint Stephen’s Day : 26 December 2020
  15. st john evangelist day : 27 December 2020
  16. Holy Innocents’ Day : 28 december 2020 .
  17. Saint Sylvester’s Day : falls on 31 december 2020 day. this day is celebrated in the memory of pope. Silvester

you can see here that we have listed 17 days of celebrations in this month and in this month there are 31 days , it means almost everyday we celebrated any festivals in this December 2020 that is why google is showing global holidays today.

now let us discuss the date of these all festivals.

  1. Advent
  2. Saint Barbara’s Day 2020
  3. Krampusnacht
  4. Saint Nicholas’ Day
  5. Feast of the Immaculate Conception Day
  6. Saint Lucia’s Day
  7. Las Posadas
  8. Longest Night
  9. Nikoljdan
  10. Christmas Eve
  11. Christmas Day
  12. Anastasia of Sirmium feast day
  13. Twelve Days of Christmas
  14. Saint Stephen’s Day
  15. st john evangelist day
  16. Holy Innocents’ Day
  17. Saint Sylvester’s Day

 

  1. Christmas : If you asked any kid too about most loved and awaited festival in this December , probably they will tell you about this Christmas. because this month is commonly known for Christmas holidays and this is most favorite in this children and kids because they got surprises and gifts from others or from santa or mom dad and relatives that is why they wait for this day and mostly like this day and holiday. in this year this festival in coming on 25 December 2020 on this day Friday and holiday appearing for all around the world so that people can enjoy this day , because of this covid-19 pandemic period the government is going to keep some restrictions of gathering people but during following government rules we will celebrate this festivals and keep ourselves from coronavirus too to keep ours and our society healthy .

जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल 1912 में हुआ था , इनका जन्म ब्रिटिश भारत के सहारनपुर

सरला ठुकराल (sarla thukral in hindi)
ये भारत देश की प्रथम महिला पायलट थी। आज इनका 106 वाँ जन्मदिन है और इस सुअवसर पर गूगल ने अपने डूडल पर इनका चित्र प्रदर्शित किया है। इनको श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से ही गूगल ने अपने डूडल पर स्थान दिया है ताकि इनके बारे में पूरे देश को पता लग सके।
सरला ठुकराल का जन्म 8 अगस्त 1914 को भारत देश के दिल्ली में हुआ था। आज ही के दिन 106 वर्ष पूर्व इन्होने भारत देश की राजधानी में जन्म लिया था। इनकी मृत्यु 15 मार्च 2008 में लगभग 96 वर्ष की उम्र में हुआ था।
यह पहली भारतीय महिला था जिन्होंने पहली बार हवाई जहाज को उड़ाया था। इनको सन 1936 में जब ये केवल 21 वर्ष की थी तब उनको विमानन लाइसेंस दिया गया था। ये शायद पहली महिला होगी जिन्होंने विमान चालन के लिए लाइंसेस को अर्जित किया था इसके बाद उन्होंने “जिप्सी मोथ” नामक विमान को अकेले उड़ाया और अपने जीवन की पहली उड़ान भरी और अपने नाम यह भी रिकॉर्ड दर्ज कर लिया कि वह भारत देश की पहली महिला पायलेट है।
जब वह अपनी पहली उड़ान भर रही थी तब उनके चार वर्ष की बेटी भी थी। लेकिन फिर भी वह अपनी उड़ान के दौरान दृढ रही और जब उनको प्रारंभ में लाइंसेस दिया गया तब वह लाहोर फ्लाइंग क्लब के स्वामित्व वाले विमान के अन्दर उन्होंने 1000 घंटे की उड़ान पूरी की।
जब वह केवल 16 वर्ष की थी तब उनका विवाह पी.डी. शर्मा के साथ हुआ था ,  पी.डी. शर्मा ऐसे व्यक्ति थे जिनके परिवार में कुल 9 लोग पायलट रह चुके थे और यही सबसे बड़ा कारण था जिसकी वजह से उनको हिम्मत मिलती रही और उनके पति ने भी उनको हर समय पायलट बनने के लिए प्रोत्साहित किया और परिणाम यह हुआ कि उन्होंने इतनी बड़ी मंजिल और उपलब्धी अपने नाम कर ली कि आज उनको प्रथम इंडियन महिला पायलट के नाम से जाना जाता है।
दूसरी तरफ देखे तो उनके पति पी.डी. शर्मा ऐसे व्यक्ति थे जिनको प्रथम भारतीय एयरमेल पायलट का लाइसेंस प्राप्त हुआ था अर्थात ये पहले ऐसे भारतीय पुरुष थे जिनको एयरमेल पायलट का लाइसेंस प्राप्त हुआ था। पी.डी. शर्मा ने अपने विमान में कराची से लाहोर के मध्य उड़ान भरी थी।
शर्मा चाहते थे कि उनकी पत्नी भी पायलट के हुनर रखती है इसलिए उन्होंने सरला ठुकराल को प्रोत्साहित किया और इनके इस प्रोत्साहन के फलस्वरूप ही उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया था।
1939 में एक दुखद घटना हुई और इस घटना में सरला ठकराल के पति पी.डी. शर्मा का विमान क्रेश हो गया और इस दुखद घटना में शर्मा की मौत हो गयी।
उनके पति की मृत्यु के बाद उनके सामने जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो गयी क्योंकि उस समय उनकी बेटी छोटी थी और उनको उसके लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था करनी थी इसलिए शर्मा की मृत्यु के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद उन्होंने ट्रेन में वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन दिया लेकिन उनकी किस्मत ने उनका साथ न दिया और उसी समय द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया और इस दौरान सिविल ट्रेनिंग को बंद कर दिया गया था इसलिए उनको यह लाइंसेस नहीं मिल पाया था लेकिन उनको अपने जीवन यापन के लिए जल्दी ही कुछ कार्य करना था इसलिए उन्होंने सोचा की वह एक वाणिज्यिक पायलट बनेगी।
इसके लिए वह लाहोर वापस आ गयी और वहां पर अपना “मेयो स्कूल ऑफ आर्ट” ज्वाइन कर लिया इसमें उन्होंने बंगाल स्कूल ऑफ पेंटिंग में अपनी ट्रेनिंग पूरी की और फाइन आर्ट में अपना डिप्लोमा प्राप्त किया।
सरला ठुकराल आर्य समाज से जुडी हुई थी और आर्य समाज की अनुनायी थी। वह आर्य समुदाय की वेदों की शिक्षा को अपने जीवन में उतारती थी और उन्हें मानती थी। उनके समुदाय के अनुसार ही उनके समुदाय में पुनर्विवाह संभव था और करना भी चाहिए।
विभाजन के बाद उन्होंने भारत में रहने का फैसला किया और वह रहने के लिए दिल्ली आ गयी , उनके साथ उनकी दो बेटियां भी थी। दिल्ली में उनकी मुलाकात आर.पी. ठकराल से हुई और उन्होंने उनसे शादी कर ली।
सरला ठकराल को “मती (Mati)” के नाम से भी संबोधित किया जाता है। वह केवल भारत की प्रथम महिला पायलट ही नहीं थी बल्कि वह एक सफल महिला बिज़नस कर्ता भी थी। इसके अलावा वह अच्छी पेंटर भी थी। उन्होंने कपड़ो की डिजाईन करना शुरू कर दिया था और साथ ही वह कस्टम ज्वेलरी डिजाईन में भी कलाकारी रखती थी।

कुछ अवधारणाएँ‘ साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद, फासीवाद
और क्रांति
इकाई की रूपरेखा
उददेश्य
प्रस्तावना
साम्राज्यवाद
साम्राज्यवाद. का अर्थ
साम्राज्यवाद का विकास
उपनिवेशवाद क्या है ?
नव-उपनिवेशवाद
राष्ट्रवाद
राष्ट्रवाद की अवधारणा
राष्ट्रवाद के विविध चरण
फासीवाद
फासीवाद की प्रमुख विशेषताएँ
इटली, जर्मनी और स्पेन में फासीवाद
मुसोलिनी, समाजवादी से फासीवादी
इटली में फासीवाद के उदय के कारण
यूरोप में नव-फासीवाद
क्रांतियाँ
क्रांति क्या है ?
कुछ महत्वपूर्ण क्रांतियों
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बोध प्रश्नों के उत्तर

उद्देश्य
इस इकाई में चार महत्वपूर्ण अवधारणाओं की चर्चा की गयी है। इसको पढ़ने के बाद आपः
ऽ साम्राज्यवाद की अवधारणा का विश्लेषण कर सकेंगे,
ऽ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के साथ उपनिवेशवाद की विवेचना कर सकेंगे
ऽ नव-उपनिवेशवाद जो साम्राज्यवाद का नूतन रूप है की व्याख्या कर सकेंगे,
ऽ राष्ट्रवाद के महत्व एवं अर्थ का वर्णन कर सकेंगे,
ऽ राष्ट्रवाद के विविध रूपों एवं चरणों को रेखांकित कर सकेंगे,
ऽ फासीवाद के अर्थ की व्याख्या कर सकेंगे,
ऽ जिनसे प्रथम विश्वयुद्ध के उपरांत फासीवाद का उदय हुआ, उन कारणों का पता लगा सकेंगे,
ऽ क्रांतियों के अर्थ एवं महत्व की व्याख्या कर सकेंगे, तथा कतिपय महत्वपूर्ण क्रांतियों जैसे औद्योगिक क्रांति, फ्रांसीसी क्रांति तथा बोल्शेविक क्रांति का वर्णन कर सकेंगे।

 

इकाई 5 मार्क्स और वेबर
इकाई की रूपरेखा
5.0 उद्देश्य
5.1 प्रस्तावना
5.2 सामाजिक स्तरीकरण और मार्क्स
5.2.1 श्रम का विभाजन
5.2.2 वर्ग का तात्पर्य
5.2.3 वर्गों का विकास
5.3 सामाजिक स्तरीकरण और वेबर
5.3.1 वर्ग और जीवन अवसर
5.3.2 हैसियत या स्थिति
5.4 मार्क्स और वेबर में समानताएं और अंतर
5.5 सारांश
5.6 शब्दावली
5.7 कुछ उपयोगी पुस्तकें
5.8 बोध प्रश्नों के उत्तर

5.0 उद्देश्य
इस इकाई में समाजशास्त्र के संस्थापक कार्ल मार्क्स और मैक्स वेबर के विचारों पर चर्चा की जाएगी। इन दोनों दार्शनिकों ने समाजशास्त्रीय चिंतन में बड़ा ही सार्थक योगदान किया है। मगर यहां हम उनके योगदान के एक ही पक्ष सामाजिक स्तरीकरण पर अपनी चर्चा केन्द्रित करेंगे। दोनों दार्शनिकों के इस विषय पर सुस्पष्ट विचार हैं, हालांकि दोनों के विचार समान नहीं हैं। इस इकाई को पढ़ लेने के बाद आपः
ऽ समझ जाएंगे कि समाज में वर्ग किस तरह से उभरते हैं,
ऽ वर्ग निर्माण के आधार को समझ पाएंगे,
ऽ सामाजिक स्तरीकरण में वर्गों की भूमिका, और
ऽ वर्गों को लेकर मार्क्स और वेबर के बीच समानताओं और मतांतरों को जान पाएंगे।

5.1 प्रस्तावना
कार्ल मार्क्स (1818-1881) की गिनती अब तक के सबसे महान दार्शनिकों में होती है। उनके विचारों ने लोगों, वर्गों और राष्ट्रों को प्रभावित किया है। समाज और सामाजिक प्रक्रियाओं को समझने में मार्क्स का ऐतिहासिक भौतिकतावादी सिद्धांत का बड़ा योगदान रहा है। इसने पारंपरिक दृष्टिकोणों का एक आमूल परिवर्तनवादी विकल्प को विश्व के सामने प्रस्तुत किया। सामाजिक विकास को मार्क्स ने वर्ग द्वंद्व के परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास किया था। सामाजिक स्तरीकरण उनके विश्लेषण की धुरी था। सामाजिक स्तरीकरण उनकी दृष्टि में एक ओर एकीकारी संरचना के बजाए विघटनात्मक है, मगर वहीं वह इसे सामाजिक विकास के लिए अपरिहार्य मानते हैं।

मैक्स वेबर (1864-1920) एक और अद्वितीय दार्शनिक रहे हैं। कार्ल मार्क्स की तरह वेबर ने भी बुनियादी आर्थिक पहलुओं के महत्व को माना था। मार्क्स ने अपना ध्यान मुख्य रूप से श्रमिक वर्गों पर लगाया और सामाजिक विकास को उन्हीं की नजर से देखा था। मगर वेबर ने अपने दर्शन में सामाजिक विकास में संपत्ति-संपन्न वर्गों की भूमिका को महत्व दिया था, इसीलिए वेबर को बुर्जुई मार्क्स कहा जाता है। इस इकाई में हम सामाजिक स्तरीकरण पर मार्क्स और वेबर के विचारों पर अलग-अलग चर्चा करेंगे। इसके बाद हम सामाजिक स्तरीकरण व्यवस्था को समझने में वर्ग के विश्लेषण के महत्व पर चर्चा करेंगे।

5.5 सारांश
इस इकाई में हमने सामाजिक स्तरीकरण पर समाजशास्त्र के दो संस्थापकों कार्ल मार्क्स और मैक्स वेबर के दृष्टिकोणों पर चर्चा की। दोनों दार्शनिकों के विचारों ने मानव विकास को बेहद प्रभावित किया है। कार्ल मार्क्स के विचार उनके ऐतिहासिक भौतिकतावाद पर आधारित थे। उन्होंने सामाजिक स्तरीकरण ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखा। उनके अनुसार मानव समाज में होने वाले परिवर्तनों का आधार उत्पादन का बदलता स्वरूप है। वर्ग समाज में स्तरीकरण व्यवस्था का आधार हैं। उत्पादन संबंधों के बदलने पर स्तरीकरण का स्वरूप भी बदल जाता है। इस तरह नए वर्गों ने पुराने वर्गों की जगह ले ली। इसके फलस्वरूप वर्गों के बीच नए संबंध भी बने। इसलिए मार्क्स की दृष्टि में वर्ग और स्तरीकरण समरूप हैं। मार्क्स ने वर्ग-चेतना की भूमिका को वर्ग हितों की साधना के लिए महत्वपूर्ण माना है।

दूसरी ओर मैक्स वेबर ने वर्गों के निर्माण को अधिक महत्व दिया। उनके विचार में भी वर्ग का आधार वही था जो मार्क्स ने माना था। मगर वहीं उनका मानना था कि समाज दो के बजाए चार वर्गों में बंटा होता है। वेबर और मार्क्स में यह मतभेद यही नहीं है। वेबर ने सामाजिक स्तरीकरण की व्याख्या के मुख्य आधार के रूप में वर्ग विश्लेषण की कमियों को बताने का प्रयास भी किया। उनका मानना था कि वर्ग से अधिक महत्वपूर्ण स्थिति (‘स्टेटस‘) होती है। उनका यह तर्क था कि लोग वर्ग-चैतन्य के बजाए स्थिति-चैतन्य अधिक होते हैं। इसलिए उनका विचार था कि हालांकि वर्ग एक वस्तुनिष्ठ श्रेणी है मगर सामाजिक स्तरीकरण को हम स्थिति/हैसियत की कसौटी पर बेहतर समझ सकते हैं।