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पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में अंतर स्पष्ट कीजिए curriculum and syllabus difference in hindi
curriculum and syllabus difference in hindi पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या में अंतर स्पष्ट कीजिए ?
पाठ्यक्रम व पाठ्यचर्या से आप क्या समझते हैं ? इनमें क्या अन्तर है स्पष्ट कीजिए?
What do you understand by curriculum and syllabus ? Differentiate between curriculum and syllabus ?
उत्तर- पाठ्यक्रम का अर्थ (Meaning of Curriculum)- पाठ्यक्रम शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के ‘कैरीकुलम‘ (Curriculum) शब्द से हुई है जो कि लैटिन शब्द ‘करियर‘ (Currier) से बना है जिसका अर्थ है “दौड़ का मैदान” (Race course)। शिक्षा के अन्तर्गत इसका अर्थ है, छात्रों का दौड़ का मैदान अथवा छात्रों का कार्य क्षेत्र। अर्थात् पाठ्यक्रम रूपी मैदान में दौड़कर शिक्षक और शिक्षार्थी शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। पाठ्यक्रम वह मार्ग है जिसका अनुसरण करके छात्र शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
मुनरो (Munroe) के शब्दों में पाठ्यक्रम में वे सभी अनुभव सम्मिलित हैं जिन्हें शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विद्यालय में प्रयोग में लाता हैं।‘‘
फिलिप एच. टेलर (Philip H- Tayior) के मतानुसार, “पाठ्यक्रम के अन्तर्गत पाठ्यक्रम, शिक्षण, शिक्षण विधियाँ तथा उद्देश्यों को सम्मिलित किया जाता है तथा इन क्रियाओं को कैसे आरम्भ किया जाये। इन तीनों पक्षों की अन्त प्रक्रिया को पाठ्यक्रम कहते हैं।‘‘
कनिंघम (Cunningham) के अनुसार, “कलाकार (शिक्षक) के हाथ में यह (पाठ्यक्रम) एक साधन है जिससे वह पदार्थ (शिक्षार्थी) का अपने आदर्श उद्देश्य के अनुसार अपने स्टूडियो (स्कूल) में ढाल सके।‘‘
माध्यमिक शिक्षा आयोग (1952-54) – “पाठ्यक्रम का अर्थ रूढ़िवादी ढंग से पढ़ाये जाने वाले बौद्धिक विषयों से नहीं है परन्तु उसके अन्दर वे सभी क्रिया-कलाप आ जाते हैं जो बालकों को कक्षा के बाहर तथा भीतर प्राप्त होते हैं।‘‘
पाठ्यचर्या (Syllabus)- पाठ्यचर्या से तात्पर्य है शिक्षण विषय की रूप-रेखा जो किसी स्वर के लिए निर्धारित की गई है। किसी विषय की सम्पूर्ण रूपरेखा को उस विषय की पाठ्यचर्या कहते है। पाठ्यचर्या में शिक्षक और समाज के उद्देश्यों को दृष्टिगत रखा जाता है।
पाठ्यक्रम एवं पाठ्यचर्या में अन्तर
क्र.स. पाठ्यक्रम (Curriculum) पाठ्यचर्या (Syllabus)
1. पाठ्यक्रम का स्वरूप अधिक व्यापक होता है। पाठ्यचर्या का स्वरूप संकुचित होता है।
2. पाठ्यक्रम के अन्तर्गत पाठ्यचर्या को सम्मिलित किया जाता है। पाठ्यचर्या के अन्तर्गत पाठ्यक्रम को सम्मिलित नहीं किया जाता।
3. स्कूल स्तर पर निर्माण। केन्द्रीय स्तर पर निर्माण।
4. पाठ्यक्रम द्वारा बालक का सर्वांगीण विकास होता है। जैसे-ज्ञानात्मक, भावात्मक, क्रियात्मक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास। पाठ्यचर्या द्वारा ज्ञानात्मक पक्ष का विकास ही होता है।
5. पाठ्यक्रम में उल्लेखित निर्देशों के पालन में लचीलापन।
पाठ्यचर्या में उल्लेखित निर्देशों का पालन आवश्यक।
6. पाठ्यक्रम में शिक्षण सामग्री, शिक्षक विधि, उपागगम के आधार पर मूल्यांकन । पाठ्यचर्या में मूल्यांकन संरचना का वर्णन।
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