JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

क्यूरी नियम तथा क्युरी ताप की परिभाषा क्या है curie’s law , curie temperature in hindi क्यूरी ताप किसे कहते हैं

curie’s law and curie temperature in hindi क्यूरी नियम तथा क्युरी ताप की परिभाषा क्या है , क्यूरी ताप किसे कहते हैं ?

परिभाषा : हम अध्ययन कर चुके है की जब किसी पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो यह कितनी सरलता से चुम्बकित हो जाता है इसे चुम्बकीय प्रवृति कहते है।

क्यूरी ने प्रयोग किये और पदार्थों के वर्गीकरण के अनुसार उन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति ताप के प्रभाव के बारे में बताया।
उन्होंने बताया की प्रतिचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति ताप से अप्रभावित रहती है अर्थात प्रति चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति ताप पर निर्भर नहीं करती है।
अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति (X) , इसके परम ताप (T) के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
X 1/T
समानुपाती चिन्ह हटाने पर
X = C/T
दो वैज्ञानिकों क्यूरी व वाइस ने मिलकर लोह चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति समझाने के लिए एक नियम दिया जिसे क्यूरी-वाइस नियम कहते है , उन्होंने अपने इस नियम में कहा की ” परम ताप T पर चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति का मान निम्न सूत्र द्वारा दिया जाता है ”

TC को लौह चुम्बकीय पदार्थ का क्यूरी ताप कहते है।

क्यूरी ताप

जब लौह चुम्बकीय पदार्थ को गरम किया जाता है तो ऊष्मा के कारण लौह चुम्बकीय पदार्थ में पाए जाने वाले डोमेन संरचना नष्ट होने लगती है , अगर ताप को और अधिक बढाया जाए तो डोमेन पूर्ण रूप से नष्ट हो जाते है तथा पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ बन जाते है।
अब यदि ताप को हटा लिया जाये और पदार्थ को ठंडा किया जाए तो पदार्थ पुन: लौह चुम्बकीय पदार्थ बन जाता है अर्थात इसमें पुन: अपने गुण वापस आ जाते है।
अत: हम क्यूरी ताप की परिभाषा निम्न प्रकार दे सकते है ” वह ताप जिस पर कोई लौह चुम्बकीय पदार्थ पूर्ण रूप से अनुचुम्बकीय पदार्थ बन जाता है उस ताप को क्यूरी ताप कहते है “
क्यूरी ताप– जब किसी लौह-चुम्बकीय पदार्थ को गर्म किया जाता है, तो उसकी चुम्बकीय प्रवृत्ति ज्ञ परत ताप ज् के व्युत्क्रमानुपाती होती है, अर्थात     इसे क्यूरी का नियम कहते हैं। ताप बढ़ने से ज्ञ का मान घटता है। ताप बढ़ाते जाने पर एक ऐसा ताप आता है, जिस पर यह लौह चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ बन जाता है। इस ताप को क्यूरी ताप कहते हैं। क्यूरी ताप से ऊपर लौह-चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति उस ताप का व्युत्क्रपाती होता है, जितना ताप क्यूरी बिन्दु से ऊपर रहता है। कोबाल्ट, निकेल और लोहा के क्यूरी बिन्दु क्रमशः लगभग 373 K, 673 K और 973 K है।
Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now