JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

अक्रिस्टलीय ठोस , क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर , ठोस क्या है (crystalline  and non crystalline solids in hindi)

(crystalline  and non crystalline solids in hindi) अक्रिस्टलीय ठोस , क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर , ठोस क्या है : हम यहाँ पहले अध्ययन करते है कि ठोस क्या होते है और फिर इसके प्रकार अर्थात क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस क्या हा और दोनों के क्या क्या गुण होते है इसके आधार पर दोनों में क्या अंतर है , इन सबका अध्ययन करेंगे।

ठोस क्या है ?

किसी पदार्थ की वह अवस्था जिसमें आकार , आकृति और आयतन नियत बने रहते है अर्थात निश्चित आयतन और आकार वाली पदार्थ की अवस्था को ठोस कहते है।
पदार्थ की अन्य अवस्थाएं भी होती है जैसे गैस और तरल लेकिन इनमें निश्चित आयतन और आकार का गुण नहीं पाया जाता है।
ठोस के भीतर उपस्थित कणों अर्थात परमाणु और अणुओं के मध्य लगने वाले बल अलग अलग प्रकृति के हो सकते है और इसके आधार पर ठोस अलग अलग प्रकार के हो सकते है अर्थात ठोसों के प्रकार इनके मध्य उपस्थित परमाणुओं और अणुओं के मध्य लगने वाले बलों पर निर्भर करता है।
ठोस दो प्रकार के होते है –
1. क्रिस्टलीय ठोस (non crystalline solid)
2. अक्रिस्टलीय ठोस (crystalline solids)
अब हम यहाँ ठोस के दोनों प्रकार को विस्तार से अध्ययन करते है।

1. क्रिस्टलीय ठोस (non crystalline solid)

इस प्रकार के ठोसों की एक निश्चित बाह्य ज्यामितीय आकृति होती है , अर्थात इस प्रकार के ठोस में उपस्थित आयन , परमाणु या अणु एक नियमित और निश्चित त्रिविमीय प्रतिरूप में व्यवस्थित होते है।
उदाहरण : क्वार्टज़ , अभ्रक तथा हीरा आदि।
इस प्रकार के ठोस विषम दैशिक प्रकृति के होते है अर्थात इन ठोसों में में प्रत्यास्थता गुणांक , उष्मीय चालकता , अपवर्तनांक आदि का मान अलग अलग दिशाओं में अलग होता है। ये ठोस सममितता का गुण रखते है।

2. अक्रिस्टलीय ठोस (crystalline solids)

ये ठोस जिनमें एक निश्चित बाह्य ज्यामितीय आकृति नहीं होती है , इसका तात्पर्य है कि इन ठोसों में उपस्थित आयन , परमाणु अथवा अणु एक नियमित और निश्चित त्रिविमीय प्रतिरूप में व्यवस्थित नहीं रहते है उन्हें अक्रिस्टलीय ठोस कहते है।
उदाहरण : रबर , प्लास्टिक , मोम आदि।
इन ठोसों में सम दैशिकता का गुण पाया जाता है अर्थात इन ठोसों के सभी दिशाओं में प्रत्यास्थता गुणांक , उष्मीय चालकता , अपवर्तनांक आदि का मान समान रहता है। इन ठोसों की कोई निश्चित सममितता नहीं पायी जाती है तथा इन ठोस पदार्थों का कोई निश्चित गलनांक नहीं होता है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

23 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

23 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now