crystal me nibid sankulan in hindi क्रिस्टलो में निबिड़ संकुलन : परमाणु अणु आयन को गोलाकार माना जाता है ये इस प्रकार से व्यस्थित रहते है कि इनके मध्य रिक्त स्थान कम से कम हो , इसे निबिड़ संकुलन कहते है।
क्रिस्टलों में निबिड़ संकुलन त्रिविमीय रूप से निम्न प्रकार से होता है।
- एक विमा में निबिड संकुलन :
डायग्राम ??
इस व्यवस्था में एक परमाणु दो परमाणुओं से स्पर्श करता है अतः उपसहसंयोजन संख्या 2 होती है।
- द्विविमा में निबिड़ संकुलन :
यह दो प्रकार से होता है।
(१) द्विविमा में वर्ग निबिड़ संकुलन :
डायग्राम ??
इस व्यवस्था में उपसहसंयोजन संख्या 4 होती है।
(२) द्विविमा में षट्कोणीय निबिड़ संकुलन :
डायग्राम ??
इस व्यवस्था में उपसहसंयोजन संख्या 6 होती है।
- त्रिवीमा में निबिड़ संकुलन :
इसमें तीन प्रकार की सरंचना बनती है।
BCC (body centered cubic ) | HCP (hexagonal close packed) | FCC या CCP (face centered cubic) |
1. केंद्रीय घनीय संरचना | षट्कोणीय निबिड़ संकुलन | घनीय निबिड़ संकुलन |
2. उपसहसंयोजन संख्या =8 | 12 | 12 |
3. कुल दक्षता = 68% | 74% | 74% |
4. रिक्त स्थान =32% | 26% | 26% |
X XXXXX | इसे ABABAB संरचना भी कहते है। | इसे ABCABCABC संरचना भी कहते है। |