JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physics

संवहन : ऊष्मा का संवहन (convection of heat transfer) , प्रकार क्या है , परिभाषा

(convection of heat transfer in hindi) संवहन : ऊष्मा का संवहन :  यह ऊष्मा संचरण की दूसरी विधि है , इस विधि में जब किसी द्रव्य जैसे गैस या द्रव को गर्म किया जाता है तो गर्म होने के बाद द्रव्य के कण स्रोत से दूर गति करते है और साथ में ऊष्मा ऊर्जा को ले जाते है अर्थात ऊष्मा का स्थानांतरण होता है , इस विधि को ऊष्मा का संवहन कहते है।
परिभाषा : “ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें ऊष्मा स्थानान्तरण , द्रव्य कणों के डायरेक्ट गति से एक स्थान से दुसरे स्थान तक होता है , संवहन कहलाता है। ”

ऊष्मा का संवहन के प्रकार

यह दो प्रकार का होता है –
१. प्राकृतिक संवहन (natural convection)
२. अधिकृत अथवा प्रणोदित संवहन (forced convection)
अब हम यहाँ इन दोनों प्रकारों को एक एक करके पढ़ते है।
१. प्राकृतिक संवहन (natural convection) : संवहन की इस विधि में द्रव्य के कण स्वत: गति करते है और ऊष्मा का स्थानांतरण करते है।
जब एक बर्तन में पानी को गरम किया जाता है तो पानी का निचे वाला भाग जल्दी ऊष्मा के सम्पर्क में आता है जिससे यह जल्दी गरम हो जाता है और जैसे की हम जानते है कि ठंडे पानी का घनत्व अधिक होता है और गर्म पानी का घनत्व कम होता है।
चूँकि निचे का पानी गरम हो गया जिससे इसका घनत्व कम हो गया और इसके ऊपर स्थित पानी का घनत्व अधिक है जो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण निचे आने का प्रयास करता है और गर्म पानी का घनत्व कम है अत: यह बर्तन में ऊपर की ओर गति करना प्रारंभ करता है , यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक की पूरे बर्तन के पानी का ताप समान न हो जाए।
यह प्राकृतिक संवहन का उदाहरण है , यहाँ बाह्य कोई बल नही लगाया गया है , द्रव्य के कण स्वत: गति कर रहे है और अपने साथ ऊष्मा का स्थानांतरण कर रहे है।
२. अधिकृत अथवा प्रणोदित संवहन (forced convection) : इस प्रकार के संवहन में तरल को किसी गर्म वस्तु से ऊष्मा लेने के लिए बाध्य (मजबूर) किया जाता है।
इस संवहन में न्यूटन का शीतलन का नियम काम में लिया जाता है जिसके अनुसार
“जो वस्तु गर्म है , उसमे ऊष्मा हानि की दर , वस्तु के क्षेत्रफल (A) और वस्तु तथा तरल के मध्य ताप में अंतर के गुणनफल के समानुपाती होता है। “
माना जो वस्तु गर्म है उसका क्षेत्रफल A है , तरल को ऊष्मा देने की वजह से इसमें ऊष्मा की हानि होती है जिसका मान H मान लीजिये , वस्तु तथा तरल के मध्य ताप में अंतर (T – T0) मान लीजिये तो न्यूटन के शीतलन के नियम के अनुसार
H A (T – T0)
Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now