शंकु परिच्छेद कक्षा 11 गणित पीडीएफ डाउनलोड प्रश्नावली प्रश्न उत्तर हल conic sections class 11 notes pdf download in hindi
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शंकु परिच्छेद एक भारतीय गणितीय रचना है जिसे अर्यभट्ट द्वारा लिखा गया था। अर्यभट्ट एक प्रमुख गणितज्ञ, ज्योतिषी, और खगोलज्ञ थे जो 5वीं शताब्दी के भारतीय इतिहास में जितना महत्वपूर्ण थे, उतना ही आज भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने ग्रंथ “आर्यभट्टीय” में गणित, ज्योतिष, खगोल और अन्य विज्ञानों पर व्याख्यान किए हैं।
शंकु परिच्छेद गणितीय गणित में एक प्रमुख अवधारणा है जिसका उद्देश्य किसी एक संख्या को उसके नजदीकी पूर्णांक से पूर्णांकित करना है। अर्थात्, दी गई किसी विस्तृत संख्या के बारे में हमें पता होता है कि यह किस पूर्णांक के नजदीक है, और हमें उसे उस पूर्णांक तक ले जाने का कारण पूछा जाता है।
शंकु परिच्छेद का सिद्धांत यह है कि एक संख्या N को उसके नजदीकी पूर्णांक M से पूर्णांकित करने के लिए हमें N को M से घटा देना चाहिए, और इसके बाद N को M से भाग देना चाहिए। इस प्रक्र
िया को हम शंकु परिच्छेद कहते हैं।
यहां शंकु परिच्छेद का सूत्र है:
N = MQ + R
यहां, N वह संख्या है जिसे हम पूर्णांकित करना चाहते हैं, M वह पूर्णांक है जिसके पास N के सबसे नजदीकी पूर्णांक होंगे, Q वह पूर्णांक है जिसे हम प्राप्त करते हैं जब हम N को M से घटा देते हैं, और R वह पूर्णांक है जो हम प्राप्त करते हैं जब हम N को M से भाग देते हैं।
conic sections in hindiशंकु परिच्छेद (Conic Sections) को हिंदी में “शंकु खंड” भी कहा जाता है। शंकु खंड ज्यामिति में एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें विभिन्न आकारों की ज्यामितिकीय स्थानांतरित की जाती है। यह विषय गणितीय ज्यामिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह गणित और इंजीनियरिंग में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
शंकु खंड विभिन्न प्रकार के विद्युत और ज्यामितिकीय आकारों को संकेतित करता है, जो निम्नलिखित हैं:
1. वृत्त (Circle): यह एक समान दूरी के बिंदुओं से मिलकर बना होता है।
2. एलिप्स (Ellipse): यह एक दीर्घवृत्त होता है जिसमें दो धनात्मक फोकस होते हैं।
3. हाइपरबोला (Hyperbola): यह एक द्विधातुक कोणीय क्षेत्र होता है जिसमें दो निकट समतलों का अन्तर होता है।
4. पैराबोला (Parabola): यह एक धनात्मक कोणीय क्षेत्र होता है जिसमें एक फोकस बिंदु और एक निकटता सीमा होती है।
ये चार आकार संयुक्त रूप से शंकु खंड कहलाते हैं और इनकी अध्ययन से
हमें उनकी गुणधर्मों, समीकरणों, और प्रयोगों का ज्ञान प्राप्त होता है।
शंकुगुणित (Conics) या शंकुखण्ड (Conic Sections) हिंदी में ऐसे आकारों को संकेतित करता है, जो किसी एक प्रमुख ध्यानीय बिन्दु (फोकस) के साथ एक विशेष प्रकार के विशाल चक्राकार या वृत्त का निर्माण करते हैं। शंकुगुणित ज्यामिति में ये चार मुख्य आकार होते हैं: वृत्त (Circle), एलिप्स (Ellipse), हाइपरबोला (Hyperbola), और पैराबोला (Parabola)।
– वृत्त (Circle): वृत्त एक चक्राकार आकार होता है, जिसमें सभी बिन्दुओं का दूरी समान होती है। वृत्त की सामान्य समीकरण होती है (x – a)² + (y – b)² = r², जहां (a, b) निर्देशांक बिंदु हैं और r व्यास है।
– एलिप्स (Ellipse): एलिप्स भी एक चक्राकार आकार होता है, लेकिन इसमें दो फोकस बिंदुओं के लिए विशेष नियमानुसार दूरियों का योग समान होता है। एलिप्स की सामान्य समीकरण होती है (x/a)² + (y/b)² = 1, यहां a और b वृत्तों के व्यास होते हैं और a > b।
– हाइपरबोला (Hyperbola): हाइपरबोला एक विशेष आकार होता है जिसमें दो निकट समतलों के बीच के बिंदुओं के
लिए विशेष नियमानुसार दूरियों का अंतर समान होता है। हाइपरबोला की सामान्य समीकरण होती है (x²/a²) – (y²/b²) = 1, यहां a और b वृत्तों के व्यास होते हैं।
– पैराबोला (Parabola): पैराबोला एक विशेष आकार होता है जिसमें एक फोकस बिंदु और एक निकटता सीमा होती है। पैराबोला की सामान्य समीकरण होती है y² = 4ax, यहां a एक संख्या होती है और पैराबोला की खण्ड-निर्देशकीय प्रमुख दिशा पॉजिटिव x-अक्ष की ओर होती है।
शंकुगुणित विज्ञान और अभियांत्रिकी में अपार उपयोगिता रखता है, जैसे उच्चतर गणित, इलेक्ट्रोनिक्स, और ऊर्जा अभियांत्रिकी में निर्माण करने के लिए।
वृत्त (Circle) हिंदी में एक गोलाकार आकार को संकेतित करता है। वृत्त एक प्रकार का शंकुखण्ड होता है जिसमें सभी बिन्दुओं की दूरी समान होती है। यह एक महत्वपूर्ण ज्यामितिकीय आकार है और इसे गणित, विज्ञान, इंजीनियरिंग, और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
वृत्त का मध्यबिंदु और व्यास दो महत्वपूर्ण परिभाषाएं हैं। मध्यबिंदु वृत्त का केंद्रीय बिंदु होता है और व्यास वृत्त के केंद्र से किसी बिंदु तक की दूरी होती है।
वृत्त की सामान्य समीकरण होती है: (x – a)² + (y – b)² = r²
यहां, (a, b) मध्यबिंदु के निर्देशांक होते हैं और r वृत्त का त्रिज्या (रेडियस) होता है।
वृत्त एक सर्कलर क्षेत्र होता है जिसका परिधि, क्षेत्रफल, और अन्तरल सम्बंधित गणितीय आपूर्ति से निर्धारित किया जा सकता है। यह आकार गणितीय प्रश्नों को हल करने, आपूर्ति शास्त्र, ज्योतिष, और भूगर्भ विज्ञान में उपयोगी होता है।
Parametric Equation of Circle in hindi
वृत्त (Circle) के पैरामीट्रिक समीकरण हिंदी में निम्नलिखित रूप में होते हैं:
जरीबदारी आधारित समीकरण:
x = a + r * cosθ
y = b + r * sinθ
यहां,
– (a, b) वृत्त के मध्यबिंदु के निर्देशांक होते हैं।
– r वृत्त का त्रिज्या (रेडियस) होता है।
– θ जामात्रिक खंड (parameter) होता है जिसके माध्यम से हम वृत्त के विभिन्न बिंदुओं की स्थानांतरित करते हैं। θ का मान 0 से 2π तक हो सकता है।
इन पैरामीट्रिक समीकरण के माध्यम से, हम वृत्त के विभिन्न बिंदुओं की स्थानांतरित कर सकते हैं और इसकी पथ (वृत्त की सरकार) का अध्ययन कर सकते हैं।
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