JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

bands in conductors , insulators and semiconductor , ऊर्जा बैण्ड के आधार पर पदार्थ के वर्गीकरण

ऊर्जा बैण्ड के आधार पर पदार्थ के वर्गीकरण : ठोसो में ऊर्जा बैण्ड के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण निम्न तीन प्रकार में किया है –

(i) चालक

(ii) कुचालक

(iii) अर्धचालक

(i) चालक : वे ठोस पदार्थ होते है जिनमे वह बैण्ड जिसमे संयोजी इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है।  वह या तो आंशिक रूप से भरा होता है अथवा इस बैण्ड एवं इसके इसके ऊपर वाले बैण्ड के अतिव्यापन से नया बैण्ड बनता है जो आंशिक रूप से भरा हो सकता है।

अथवा

चालक वे पदार्थ होते है जिनमे संयोजी बैण्ड तथा चालन बैण्ड के बीच वर्जित ऊर्जा अंतराल का मान शून्य हो अथवा दोनों बैण्ड एक-दूसरे से अतिव्यापित हो जाते है।

चालक पदार्थो में उसके संयोजी तथा चालन बैंड के मध्य शून्य ऊर्जा अंतराल होने के कारण इलेक्ट्रॉन सामान्य तापमान पर अत्यधिक संख्या में चालन बैण्ड में ही संक्रमण कर जाते है।

इन पदार्थो में मुक्त इलेक्ट्रोन की संख्या अत्यधिक होने के कारण ही इनकी चालकता सर्वाधिक होती है जबकि प्रतिरोधकता सबसे कम मान की होती है।

उदाहरण : अधिकांश धातुएँ , मानव शरीर , पृथ्वी , विद्युत अपघट्य पदार्थ आदि।

(ii) कुचालक

वे पदार्थ जिनमे संयोजी बैण्ड तथा चालन बैण्ड के बीच वर्जित ऊर्जा अंतराल का मान लगभग 3 ev से 7 ev (इलेक्ट्रॉन वोल्ट) तक होता है।
इतना अधिक ऊर्जा अंतराल होने के कारण संयोजी बैण्ड के इलेक्ट्रॉन सामान्य तापमान अथवा उससे अधिक तापमान पर वर्जित ऊर्जा अन्तराल को पार करके चालन बैंड से संक्रमित नहीं हो सकते।
इसी कारण सामान्य तापमान पर अथवा उससे अधिक तापमान पर भी कुचालको में मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या सबसे कम होती है।  यही कारण है कि इन पदार्थो की चालकता सबसे कम जबकि प्रतिरोधकता सबसे अधिक होती है।

कुचालक पदार्थो में उनका संयोजी बैण्ड पूर्णत: भरण होता है जबकि उनका चालन बैंड पूरी तरह से रिक्त होता है।
उदाहरण : लकड़ी , प्लास्टिक , हीरा , अभ्रक , मोम आदि।

(iii) अर्धचालक

अर्द्धचालक पदार्थो की बैण्ड संरचना कुचालको के समान ही होती है।  जिसमे वर्जित ऊर्जा अंतराल का मान कुचालकों की तुलना में बहुत कम होता है।  अधिकांश अर्द्ध चालक पदार्थो के लिए वर्जित ऊर्जा अंतराल Eg का मान लगभग 1 ev के आसपास होता है।
अर्धचालक पदार्थो में परम शून्य तापमान पर इनके संयोजी बैण्ड के सभी ऊर्जा स्तर पूरी तरह से भरे होते है जबकि चालन बैण्ड पूरी तरह से रिक्त होता है।
परम शून्य तापमान पर संयोजी बैण्ड का कोई भी इलेक्ट्रॉन ऊर्जा ग्रहण करके चालन बैण्ड में नहीं जा सकता इसी कारण –
परम शून्य तापमान पर अर्द्धचालक पदार्थ कुचालक की तरह व्यवहार करते है।
जब अर्धचालको का तापमान कमरे के सामान्य ताप अथवा उससे अधिक किया जाता है तब संयोजी बैण्ड के इलेक्ट्रॉन तापीय ऊर्जा को ग्रहण करके चालन बैंड के ऊर्जा स्तरों में जाने लगते है , चालन बैण्ड में जाने के बाद यह इलेक्ट्रॉन स्वतंत्रता पूर्वक गतिशील हो सकते है।
तथा चालन में योगदान कर सकते है।  चालन बैण्ड में तापीय ऊर्जा के कारण पहुचने वाले इन इलेक्ट्रॉन की संख्या चालक पदार्थो की तुलना में क्रम जबकि कुचालको की तुलना में अधिक होती है।
यही कारण है कि अर्धचालको की चालकता चालको से कम तथा कुचालको से अधिक होती है।  इसी प्रकार इनकी प्रतिरोधकता कुचालको से कम तथा चालको से अधिक होती है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now