JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

concentration polarisation in hindi definition सान्द्रता ध्रुवण किसे कहते हैं परिभाषा क्या है

सान्द्रता ध्रुवण किसे कहते हैं परिभाषा क्या है concentration polarisation in hindi definition ?

अर्धसेल विभव की सार्थकता (Signfieance of Half Cell Potential) अर्घसेल विभव व उसके चिन्हों की सार्थकता निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा समझी जा सकती है।

(1) धातु–धातु आयन अर्धसेल का विभव (इलेक्ट्रोड विभव) धातु आयन की अपचयन की अभिक्रिया Mn+ + ne— = M होने की सरलता का माप है। चूंकि इलेक्ट्रोड विभव गणना मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के सन्दर्भ में की जाती है। अतः इलेक्ट्रोड विभव धातु आयन (Mn+) के, H2 द्वारा (1 atm दाब पर) अपचयित होकर धातु (M) तथा H+ (इकाई सक्रियता) बनने का सरलता का माप है

जिन धातुओं के इलेक्ट्रोड विभव के मान उच्च (उच्च धनात्मक मान) है, उनके यौगिक सरलता से  H2

द्वारा अपचयित हो जाते हैं। उदाहरण के लिये कॉपर लवण सिल्वर लवण आदि। इस प्रकार निम्नलिखित सेल अभिक्रिया संभव है।

जिन धातुओं के इलेक्ट्रोड विभव के मान निम्न ( उच्च ऋणात्मक मान) है, उनके द्वारा H+ आयन H2 गैस में सरलता से अपचयित हो जाते है। उदाहरण के लिये केडमियम जिंक

(ii) विद्युत रसायन श्रेणी में विभिन्न इलेक्ट्रोडों के मानक इलेक्ट्रोड विभव (मानक अपचयन विभव) बढ़ते हुये क्रम में दिये हुये हैं। जिन इलेक्ट्रोड युग्मों (electrode couples) के इलेक्ट्रोड विभव निम्न (उच्च ऋणात्मक मान) हैं, वे उच्च इलेक्ट्रोड विभवों (उच्च धनात्मक मान) के इलेक्ट्रोड युग्मों को अपचयित कर देते हैं। अर्थात् श्रेणी में ऊपर के इलेक्ट्रोड युग्म नीचे के इलेक्ट्रोड युग्मों को अपचयित कर देते हैं। उदाहरण के लिये E°Zn2+,Zn = -0.763 का मान E° Cu+2. Cu = 0.337 से कम है अतः निम्न अभिक्रिया एक स्वतः अभिक्रिया होगी।

इस प्रकार Cu2+ के विलयन में Zn(s) की छड़ डालने पर Cu(s) अवक्षेपित हो जाता है, और Zn विलयन में Zn 2+ के रूप में चला जाता है।

ध्रुवण (Polarisation)

गेल्वेनिक सेल में रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। इससे तंत्र की मुक्त ऊर्जा में कमी होती है तथा सेल अभिक्रिया स्वतः होती है। अर्थात् समय के साथ वैद्युत वाहक बल कम होत हैं। उत्क्रमणीय शर्तों के अनुसार वैद्युत कार्य जो होता है वह मुक्त ऊर्जा में कमी के बराबर होता है। अर्थात् -G = nFE लेकिन अगर सेल अनुत्क्रमणीय रूप में कार्य करने के लिए जो वैद्युत ऊर्जा उपलब्ध होगी वह मुक्त ऊर्जा में कमी से कम होगी अर्थात् – G > nFE तथा यह अन्तर ऊष्मा के रूप में निकलेगी।

ऐसी स्थिति में उत्क्रमणीय सेल के वैद्युत अपघटन के लिए दो विभवान्तर होगें वह उत्क्रमणीय वि. वा. बल से अधिक होगा। इस प्रकार के सैल के वैद्युत अपघटन के लिए लगाया गया विभव सैद्धान्तिक विभव से अधिक होगा अर्थात् ये ध्रुवित हो गए है यह अतिरिक्त विभव धुवित विभव (Polarisation Potential) कहलाता है तथा इस प्रक्रिया को धुवण (Polarisation) कहते हैं

यह वास्तव में कॉपर इलेक्ट्रोड पर हाइड्रोजन के इकट्ठा हो जाने के कारण होता है। इसके कारण विद्युत धारा कम होती है तथा अन्त में शून्य हो जाती है इसी प्रभाव को सेल का ध्रुवण (Polarisation of Cell) कहते हैं। इसकों निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-

तनु सल्फ्यूरिक अम्ल में रखे हुये प्लेटिनम इलेक्ट्रोड़ों के बीच में धारा गुजारने पर हाइड्रोजन कैथोड़ पर निकलती है।

विलयन के बाहर धारा कैथोड से एनोड की ओर बहती है जबकि विलयन के अन्दर वह ऐनोड से कैथोड की ओर बहती है। अब यदि बैटरी को हटा दें और दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच अल्प धारा प्रवाहित हो रही है किन्तु इस धारा कि दिशा विद्युत अपघटन के दौरान वाली दिशा के प्रतिकुल है अर्थात् यह धारा सेल के भीतर ऐनोड से कैथोड की ओर बहती है। इसका कारण यह है कि विद्युत अपघटन के दौरान प्रयुक्त प्लेटिनम इलेक्टोड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बुदबुदों से ढक जाते हैं जो उन्हें गैस इलेक्ट्रोड बना देते हैं। चूंकि इन नए इलेक्ट्रोड़ों का वि.वा.बल बैटरी के वि.वा.बल के विपरीत है। इसलिए इसे विरोधी वि.वा.बल (back emf) कहते हैं।

विद्युत अपघटन के उत्पादों द्वारा फलित विरोधी वि.वा.बल की इस घटना को ध्रुवण कहते हैं।

ध्रुवण को प्रदर्शित करने के लिए एक साधारण सेल के दोनों इलेक्ट्रोड़ों को एक वैद्युत घण्टी से जोड देते हैं जब सेल कार्य करेगा तब घण्टी तेज बजेगी तथा धीरे-धीरे इसकी आवाज कम होते होते बंद हो जायेगी इसका कारण सेल का पूर्ण ध्रुवण हो जाने पर आवाज बिल्कुल बंद हो जाऐगी।

सान्द्रता ध्रुवण (Concentration Polarisation)

वैद्युत अपघटन पर उत्क्रमणीय आयनों का अवक्षय (depletion) होता है। अगर विलयन को अच्छी तरह से जोर से नहीं हिलाए हो इलेक्ट्रोड़ों के चारों ओर आयनों की सान्द्रता अलग हो जाएगी। इस प्रकार सान्द्रता परिवर्तन का नए प्रकार का विरूद्ध दिशा में सेल बन जाता है। इस प्रकार के ध्रुवण को सान्द्रता ध्रुवण कहते हैं।.

 ध्रुवण को हटाने के तरीके (Methods of removing Polarsiation)

(i) यांत्रिक विधि द्वारा – इलेक्ट्रोड पर जमी हाइड्रोजन को ब्रुश से बार-बार साफ करने पर।

(ii) वैद्युत रासायनिक विधि सेल में दो ऐसे विलयन काम में लेने होगें जिसमें निकली हुई। हाइड्रोजन को दूसरे विलयन के धातु आयन के संपर्क में आए या ऐसी गैस निकले जो ध्रुवण नहीं करें।

उदाहरणार्थ बुन्सन सेल ।

(ii) रासायनिक विधि – सेल का ध्रुवण किसी प्रबल ऑक्सीकारक पदार्थ को काम में लेकर कम किया जा सकता है। जैसे क्रोमिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, मैगनीज डाई ऑक्साइड (MnO2) आदि। ये हाइड्रोजन को जल में परिवर्तित कर देते हैं।

अतः वे पदार्थ जो ध्रुवण को पूर्णतया या आंशिक रूप से कम करते है उन्हें विध्रुवीय पदार्थ (depolariser) कहते है । उदाहरणार्थ लैक्लांची सेल में MnO2 विध्रुवीय पदार्थ की तरह कार्य कर है ।

अधिवोल्टता ( Over Voltage or Over Potential)

हम जानते है कि किसी सेल के वि.वा.बल के राबर या बहुत थोड़ी मात्रा में अधिक विरूद्ध वि. वा. बल (Oposing emf) लगाने पर सेल अभिक्रिया उत्क्रमणीय हो जाती है। लेकिन वास्तव में यह देखा गया कि सेल अभिक्रिया को उत्क्रमणीय करने के लिए विरूद्ध वोल्टेज या वि.वा.बल सैद्धान्तिक वि.वा. बल के मान से बहुत अधिक लगाना पड़ता है।

किसी अम्ल के विलयन के वैद्युत अपघटन के लिए वांछित वोल्टता एक वायुमण्डल पर हाइड्रोजन के साथ वाली उत्क्रमणीय सेल के वि.वा.बल के बराबर होती हैं तथापि यह देखा गया कि प्रेक्षित अपघटन वोल्टता सैद्धान्तिक (उत्क्रमणीय) मान से सदा अधिक होती है। उदाहरणार्थ सेल

का वोल्टेज 1.12 वोल्ट है अब अगर विरूद्ध वोल्टेज 1.12 वोल्ट से थोड़ा अधिक लगाए तो सेल अभिक्रिया उत्क्रमित हो जाएगी व H2 तथा O2 का निकलना प्रारम्भ हो जाएगा। लेकिन वास्तव में यह सही नहीं है व विरूद्ध वोल्टेज 1,72 वोल्ट की आवश्यकता होगी जबकि सैद्धान्तिक मान 1.12 वोल्ट है अर्थात् उत्क्रणीय सेल अभिक्रिया के लिए 0.60 वोल्टेज की अधिक आवश्यकता होगी। यह अधिवोल्टता (Overvoltage) है। इसकी व्याख्या इस तथ्य के आधार पर की जाती है कि एक अल्प धारा का प्रवाह होने पर अपेक्षाकृत अधिक ध्रुवण होता है जो स्वभावतः इलेक्ट्रोड़ों की प्रकृति पर निर्भर करता है इसी प्रकार तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के वैद्युत अपघटन के लिए प्लेटिनम और सीसे के इलेक्ट्रोड़ों के साथ क्रमशः 1.7 वोल्ट और 2.2 वोल्ट धारा की आवश्यकता होती है। जबकि सैद्धान्तिक मान केवल 1.23 वोल्ट है।

अतः यह अधिक वोल्टेज जो सेल के उत्क्रणीय अभिक्रिया के होने (उसके वोल्टेज से) में लगाया जाता है अधिक वोल्टता कहलाता है।

अतः जिस वोल्टता पर कोई गैस विद्युत अपघटन के दौरान वास्तव में मुक्त होती है और जिस सैद्धान्तिक मान पर उसे मुक्त होना चाहिए था उसके अन्तर को अधिवोल्टता कहते हैं।

इस अधिवोल्टता को बबल अधिवोल्टता (bubble overvoltage) भी कहते हैं क्योंकि इस बिन्दु पर गैस के बुलबुले निकलना शुरू होते हैं।

हाइड्रोजन अधिवोल्टता (Hydrogen Overvoltage)

इसी प्रकार तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के विद्युत अपघटन के लिए प्लेटिनाइज्ड प्लेटिनम और सीसे के इलेक्ट्रोड ले तो उत्क्रमणीय इलेक्ट्रोड पर हाइड्रोजन गैस निकलती है तथा प्लेटिनम के अलावा अन्य इलेक्ट्रोड जैसे जिंक, केडमियम, टीन, मरकरी आदि ले तो अधिवोल्टता का मान एक वोल्ट अधिक होगा।

अतः जिस वोल्टता पर हाइड्रोजन गैस विद्युत अपघटन के दौरान वास्तव में मुक्त होती है और जिस सैद्धान्तिक मान पर उसे मुक्त होना चाहिए था उसके अन्तर को हाइड्रोजन अधिवोल्टता कहते हैं।

इसी प्रकार ऐनोड पर जिस वोल्टता से ऑक्सीजन मुक्त होती है व जिस सैद्धान्तिक मान पर मुक्त होनी चाहिए उस अन्तर को ऑक्सीजन अधिवोल्टता कहते हैं।

विभिन्न धातुओं को काम में लेने पर हाइड्रोजन वोल्टेज व ऑक्सीजन वोल्टेज के मान सारणी में हैं।

यह देखा गया कि जिस धातु की हाइड्रोजन अधिवोल्टता अधिक है उसकी ऑक्सीजन वोल्टता कम होती है व इसका विपरीत (vice versa) भी सत्य हैं

अधिवोल्टता पर वैद्युत धारा (current density), pH, ताप, अशुद्धियाँ तथा दाब का असर पड़ता है।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

1 day ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

1 day ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now