JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: sociology

सम्प्रदाय किसे कहते है | संप्रदाय की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब बताइए Communitarian in hindi

Communitarian in hindi meaning definition सम्प्रदाय किसे कहते है | संप्रदाय की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब बताइए ?

सम्प्रदाय (Communitarian) : समुदाय, सामूहिक रूप से धार्मिक कर्मकाण्डों में भाग लेना, धार्मिक अनुष्ठानों इत्यादि को पूरी तरह से निभाने के लिए जीवन में अत्यधिक महत्व देते हुए उससे प्रभावित होता है।

कुछ उपयोगी पुस्तकें
डेविस, किंगस्ले 1951, “पॉप्युलेशन ऑफ इंडिया एंड पाकिस्तान”, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी प्रेस, न्यू जर्सी।
टी. एन. मदन (सं.), 1991, ‘‘रिलिजन इन इंडिया”, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, दिल्ली।
बार्थ ए, 1990, रिलिजन ऑफ इंडियाय लो प्राइस पब्लिकेशन, दिल्ली।
श्री निवास एम.एन. एंड शाह ए. एमय 1968, ‘‘हिंदूइज्म” इंटरनेशलन एनसायक्लोपीडिया ऑफ द सोशल साइन्सेस, टप्.5, मैकमिलन कंपनी एंड फ्री प्रेस, न्यूयॉर्क

बोध प्रश्न 3
प) उन धर्मों के नाम लिखिए जो सामूहिकता पर जोर देते हैं। अपना उत्तर लगभग दो पंक्तियों में दीजिए।
पप) धार्मिक पहचान की उठती हुई भावना और अनन्यता के परिणाम के विषय में लगभग आठ पंक्तियों में लिखिए।
पपप)भारत के धर्मों में पाए जाने वाले दो सार्वभौमिक मूल्यों का उल्लेख कीजिए। लगभग दो पंक्तियों में अपना उत्तर लिखिए।
अप) जनजातीय और गैर-जनजातीय धर्मों के बीच क्या संबंध है ? लगभग आठ पंक्तियों में स्पष्ट कीजिए।
अ) बहुलवादी समाज में अपने विशिष्ट स्वरूप के बावजूद प्रत्येक धर्म में कुछ समान सिद्धांत/नियम पाए जाते हैं जिसमें वे परस्पर भागीदार होते हैं। उत्तर लगभग आठ पंक्तियों में लिखिए।

बोध प्रश्नों के उत्तर

बोध प्रश्न 3
प) इस्लाम, सिक्ख और ईसाई धर्म सामूहिकता पर जोर देते हैं।
पप) बढ़ती हुई धार्मिक पहचान और अनन्यवाद के भाव का एक परिणाम यह है कि प्रथाओं, अनुष्ठानों और मान्यताओं के शुद्धिकरण पर जोर दिया जाने लगा है। अपने धर्म के मूल सिद्धांतों से मेल न खाने वाली प्रथाओं, अनुष्ठानों और मान्यताओं को हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
पपप) मानववाद और अहिंसा ऐसी मान्यताएं हैं, जो बहुलवादी समाज के सभी धर्मों में मानी जाती हैं।
पअ) जनजातीय और अन्य समूहों के आपसी संबंधों के कारण अनेक प्रथाओं, रीतियों और मूल्यों का आदान-प्रदान होता है। उदाहरण के लिए, हिन्दू धर्म ने अनेक आदिवासी देवी-देवताओं को अपनाया है। जैसे-शिव, हनुमान और कृष्ण।
अ) भारत के अनेक भागों में विभिन्न धर्मों के लोग समान नियमों का पालन करते हैं। इसका कारण यह है कि वे एक ही व्यवसाय के हैं। विशिष्ट आर्थिक-राजनीतिक माहौल में जीवन व्यतीत करने के लिए इन व्यावसायिक वर्गों के लिए कुछ समान नियमों का पालन करना आवश्यक बनता है। ये नियम धार्मिक अनन्यवाद को पार करते हैं।

उद्देश्य
इस इकाई को पढ़ने के बाद, आपः
ऽ धार्मिक बहुलवाद का अर्थ समझ सकेंगे,
ऽ भारत में धार्मिक बहुलवाद को एक तथ्य के रूप में, विशेषकर इसके भौगोलिक विस्तार के संदर्भ में, धर्म एवं पंथ, जाति एवं धर्म तथा भाषा और धार्मिक बहुलता के बीच के संबंधों को समझ सकेंगे, और
ऽ धार्मिक बहुलवाद पर, एक मूल्य के रूप में धार्मिक समूहों की सामाजिक पहचान, धार्मिक बहुलवाद एवं विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच साझे मूल्यों पर दृढ़ता और अंततः धार्मिक मान्यताओं और अनुष्ठानों के संदर्भ में चर्चा कर सकेंगे।

प्रस्तावना
पिछले खंड 3 में आपने “धर्म एवं उससे संबद्ध पहलू‘‘ में अपने धार्मिक संस्थाओं, धार्मिक विशेषज्ञों, धर्म तथा सामाजिक स्थिरता एवं समाजों में परिवर्तन के साथ धर्म के संबंधों, जैसे धर्म के पहलुओं के बारे में पढ़ा। केस अध्ययनों के द्वारा धार्मिक रूढ़िवाद के बारे में तथा धर्मनिरपेक्षता की अवधारणाओं और धर्मनिरपेक्षीकरण की प्रक्रिया के बारे में भी आप अध्ययन कर चुके हैं। इन विभिन्न पहलुओं का आपने विश्वव्यापी स्तर पर अध्ययन किया है।

इस इकाई में आप भारतीय समाज में ‘‘धार्मिक बहुलवाद‘‘ के अर्थों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। आप देखेंगे कि किसी प्रकार यह एक तथ्य के रूप में मौजूद है और किसी सीमा तक हमारे समाज के सारे धर्मों में कुछ समान मूल्य पाए जाते हैं। इस इकाई का अध्ययन करने के बाद आप जान जाएंगे कि भारत में धार्मिक बहुलवाद एक तथ्य मात्र नहीं है, बल्कि विभिन्न मान्यताओं और मूल्यों तथा धर्मों के सामाजिक स्वरूप में व्याप्त है। तथ्य और मूल्य एक दूसरे से इतनी गहरी तरह से जुड़े हुए हैं कि इन्हें वास्तव में अलग करना अत्यंत कठिन काम हैं इस इकाई को अधिक स्पष्ट बनाने के उद्देश्य से ही हम सबसे पहले धार्मिक बहुलवाद को तथ्य के रूप में प्रस्तुत करेंगे और उसके बाद इसके मूल्य संबंधी पक्षों के विषय में चर्चा करेंगे।

इस इकाई के अनुभाग 17.2 में धार्मिक बहुलवाद का अर्थ समझाया गया है। अनुभाग 17.3 में धार्मिक बहुलवाद को एक तथ्य के रूप में विस्तार से बताया गया है। अनुभाग 17.4 में बहुलवाद के मूल्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है और अंततरू अनुभाग 17.5 में इकाई का सारांश प्रस्तुत किया गया है।

सारांश
इस इकाई में आप धार्मिक बहुलवाद के अर्थ और स्वरूप के विषय में पढ़ चुके हैं। आप देख चुके हैं कि किस प्रकार भारत में समाज में धार्मिक बहुलवाद एक तथ्य है। धार्मिक समूहों का जनसांख्यिकीय पहलू और भौगोलिक फैलाव एक तथ्य है। धार्मिक समूहों का जनसांख्यिकी और भौगोलिक अध्ययन इस बात को प्रमाणित करता है। आप अन्य धार्मिक तत्वों को भी देख चुके हैं। जैसे कि पंथ, जातियों और जाति जैसे विभाजन जो धार्मिक बहुलवाद को वास्तविक और मौलिक दृष्टि से मजबूत बनाते हैं। अंततः आप देख चुके हैं कि किस प्रकार बहुलवाद का मूल्य भारत के सारे धर्मों का अंग है और लम्बे समय से मौजूद है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now