उदाहरण-5. CO अणु की कोणीय कम्पन आवृत्ति 0.6×1015 rad/s है। यदि इसके परमाणुओं को साम्यावस्था की स्थिति से 0.5A की दूरी पर खींचा जाये तो किये गये कार्य की गणना कीजिए।
हल : CO अणु का समानीत द्रव्यमान
U = m1m2/m1 + m2 = 12 x16 /12 + 16 x 1.67×10-27
= 192/28 x 1.67 x 10-27kg
=11.45 x 10-27kg
CO अणु का अन्तरापरमाणुक बल नियतांक k है तो
ω = 2 πv √k/u
ω2 = k/u
या k = uω2
लेकिन प्रश्नानुसार ω = 0.6 x 1015 रेडियन/से.
k = 11.45 x 10-27 x (0.6 x 1015 )2
= 11.45 x 0.36 x 10-27 x 1030
= 4.122 x103 N/m
CO के परमाणुओं को साम्यावस्था की स्थिति से 0.5A दूरी खींचने में किया गया कार्य
W = 1/2 kx2
= 1/2 x 4.122 x 103 x (0.5 x 10-10)2
= 1/2 x 4.122 x 0.25 x 10-17
= 5.15 x 10-18]
उदाहरण-6. दो समरूप LC परिपथों को इस प्रकार से प्रेरकत्वीय युग्मित किया गया है कि उनके युग्मन गुणांक का मान 0.5 है। यदि प्रत्येक LC परिपथ की प्राकृतिक आवृत्ति 500 Hz हो तो यग्मित निकाय के दो सामान्य विधाओं की आवृत्तियों की गणना कीजिये |
हल: प्रेरकत्वीय युग्मित LC परिपथ की दो सामान्य विधाओं की आवृत्तियाँ होती है
ω’ = ω0/√1 – k v’ = vc /√1 + k
तथा ω” = ω0/√1 – k v” = v0/√1 – k
लेकिन प्रश्नानुसार,
V0 = 500 Hz
K = 0.5
V’ = 500/√1 + 0.5 = 500/1.224 = 408.4 Hz
V” = 500/√1 – 0.5 = 500/0.707 = 707.2 Hz
उदाहरण-7. दो समरूप LC परिपथ अपनी प्रेरकत्वों से युग्मित है और उनकी दोनों सामान्य विधाओं की आवृत्तियाँ 3 : 4 के अनुपात में है। परिपथ के युग्मन गुणांक की गणना करो।
हल : प्रेरकत्वीय युग्मित LC परिपथ की सामान्य विधाओं की आवृत्तियाँ
ω’ = ω0/√1 + k
ω” = ω0/√1 – k
ω’ /ω” = √1 – k/1 + k
ω’/ω” = 3/4
√1 – k/1 + k = 3/4
1 – k/1 + k = 9/16
K = 7/25 = 0.28
उदाहरण-8. दो समरूप LC परिपथों को धारितीय युग्मित किया गया है। यदि प्रत्येक परिपथ में लगा प्रेरकत्व L= 5 mH तथा धारिता C = 2 pF हो तो इन युग्मित परिपथों को कम्पित कराने पर सामान्य विधाओं की कोणीय कम्पन आवृत्तियों की गणना कीजिए।
हल : धारितीय युग्मित LC परिपथ की दो सामान्य विधाओं की कोणीय कम्पन आवृत्तियों का मान होता है
ω1 = √1/LC
ω2 = √3/LC
लेकिन प्रश्नानुसार
L= 5Uh = 5 x 10-3 H
C = 2Uf = 2 x 10-6 F
ω1 = √1/5 x 10-3 x 2 x 10-6 = √1/10 x 10-9
= √1/10-8 = √108
= 104 rad/s
ω2 = √3/5 x 10-3 x 2 x 10-6 = √3/10 x 10-9
= 104 3 = 1.732 x 104 rad/s
उदाहरण-9. दो दोलकों A व B की लम्बाई L है परन्तु उनके गोलकों के द्रव्यमान mA तथा mB है। गोलकों को k बल नियतांक वाले एक स्प्रिंग से चित्रानुसार जोड़ा जाता है।
- अल्प दोलनों के लिए दोलकों के गति समीकरण लिखिये।
- प्रसामान्य निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
- विधा आवृत्तियाँ ज्ञात कीजिए।
हल : (i) माना दोलक A व B के सामावस्था से विस्थापन xA xB है।
A दोलक के गति का समीकरण
MA d2xA/dt2 + mag/L xA = – k (xA – xB) ……………………………..(1)
B दोलक के गति का समीकरण
MB d2xb/dt2 + mbg/L xb = – k (xb – xa) ……………………………(2)
(ii) समीकरण (1) व समीकरण (2) का योग करने पर,
D2/dt2 (maxa + mbxb) + g/l (maxa + mbxb) = 0
माना X = maxa + mbxb तथा ω12 = g/l
D2x/dt2 + ω12 x = 0 …………………………………………(3)
समीकरण (1) में से (2) घटाने पर
d/dt2 (xa – xb) + g/l (xa – xb) = – k (1/ma + 1/mb) (xa – xb)
माना u = ma mb/ma + mb तथा ω22 =(g/l + k/u)
D2/dt2 (xa – xb) + ω22 (xa – xb) = 0
माना xa – xb = y
D2y/dt2 + ω22y = 0
समीकरण (3) व (4) सरल आवर्त गति के समीकरण है।
इससे यह ज्ञात होता है कि युग्मित दोलकों को ऐसे निर्देशांकों X व Y के रूप में व्यक्त किया जा। सकता है जिनकी गति सरल आवर्त गति होती है। ये प्रासामान्य निर्देशांक कहलाते हैं।
(iii) समीकरण (3) व (4) से.
यदि सदैव Y= 0 अर्थात् xa = xb हो तो इस स्थिति में प्रत्येक दोलन की आवृत्ति ω = ω1 अयुग्मित । अवस्था के समान होगी।
यदि सदैव x = 0 अर्थात् Maxa = – Mbxb हो तो इस स्थिति में प्रत्येक दोलन की आवृत्ति ω = ω2 होगी।
उदाहरण-10. दो द्रव्यमान m के कण, दो एकसमान द्रव्यमानहीन स्प्रिंगों से जिनका गि नियताक k है निम्न चित्रानुसार जुड़े हैं तो सिद्ध करो कि इनके दो कम्पन विधाओं की कोणीय आवृत्तियों का मान होगा
ω = √(3 + √5) k/2m
हल : माना किसी क्षण P1 का सन्तुलन स्थिति से विस्थापन y1 तथा कण P2 का y2 है तो कण P1 पर कार्य करने वाला प्रत्यानयन बल
=-ky1 + k(y2 – y1)
तथा कण P2 पर कार्य करने वाला प्रत्यानयन बल =-k(y2 – y1) । कणों पर लगने वाले गुरूत्वीय बल को नहीं माना गया है क्योंकि गुरूत्वीय बल विस्थापन पर आधारित नहीं होते हैं। इसलिए इनका प्रत्यानयन बल में कोई सहयोग नहीं होगा। कण P1 के गति का समीकरण होगा
M d2y1/dt2 =-ky1 + k (Y2 -y1)………………………………….(1)
तथा कण P2 के गति का समीकरण
M d2y2/dt2 = – k (y2 – y1) ………………………………….(2)
समीकरण (1) तथा (2) से
D2y1/dt2 = – k/m y1 + k/m (y2 – y1)
D2y1/dt2 = – 2k/m y1 + k/m y2 ………………………………(3)
तथा d2y2/dt2 = – k/m y2 + k/m y1 ………………………….(4)
माना किसी कम्पन विधा की आवृत्ति 0 तथा कला नियतांक के है तो समीकरण (3) तथा (4) के हल
Y1 = A cos (ωt + φ) …………………………………….(5)
तथा y2 = B cos (ωt + φ) ………………………………….(6)
यहा A तथा B दो द्रव्यमानों के क्रमशः आयाम है समीकरण (5) तथा (6) कमान सही तथा (4) में रखने पर प्राप्त होगा
Y1/y2 = A/B = K/m/2k/m – ω2 …………………………………….(7)
Y1/y2 = A/B =/k/m – ω2 /k/m …………………………………………(8)
तथा समीकरण (7) तथा (8) से
(k/m/2km – ω2) = (k/m – ω2/k/m)
या (2k/m – ω2)( k/m – ω2) = k2/m2
ω4 – 3k/m ω2 + 2k2/m2 = k2/m2
ω4 – 3k/m ω2 + k2/m2 = 0 ………………………………………………..(9)
समीकरण (9) ω2 का द्विघात समीकरण है तथा इसके हल से सामान्य विधाआ का कम्पन आत प्राप्त होंगी।
समीकरण (9) का हल होगा।
ω2 = (3 + 5) k/2m …………………………………………(10)
या ω = (3 + 5) k/2m
उदाहरण-11. उपरोक्त उदाहरण (10) में दोनों समान्य विधाओं में कणों के आयाम् । अनुपात ज्ञात कीजिये।
हल : समीकरण (7) व (8) से प्राप्त अनुपात A/B कम्पन विधा में कणों के आयामों का अनुपात हो । तथा इसका मान होगा:
धीमी कम्पन के लिए [समीकरण (8) से]
A/B = k/m – (3 – 5) k/2m
= k/m {1 – 1/2 (3 – 5)}/k/m
= 2 – 3 + √5 = √5 – 1/2 = 0.62 …………………………(11)
तीव्र कम्पन विधा के लिए [समीकरण (8) से]
A/B = k/m – (3 + √5) k/2m
= k/m {1-1/2 (3 + √5)}/k/m
= 2 – 3 – √5/2 = -1 – √5/2 – 1.62 …………………………………………(12)
(-) चिन्ह प्रदर्शित करता है यह विधा, विपरीत कला विधा होती है।
- उदाहरण (10) के निकाय के सामान्य विधाओं की कोणीय आवृत्ति तथा सामान्य निर्देशांकों की गणना करो जबकि M = 2 kg तथा k = 20 Nm-1 हो।
हल : (i) सामान्य विधाओं की कोणीय आवृत्ति
ω = √(3 + 5)k / 2m
अतः प्रथम सामान्य कम्पन विधा की आवृत्ति
ω1 = {(3 – √5) k/2m}1/2
तथा द्वितीय सामान्य कम्पन विधा की आवृत्ति
ω2 = {(3 + √5) k/2m }1/2
प्रश्नानुसार,
m = 2 किलोग्राम तथा k = 20Nm-1
ω1 = {(3 – √5) 20/2 x 2}1/2
= {(3 – √5)5}1/2
= 1.95 rad/s (धीमी कम्पन विधा) (Slower mode)………………………………………….(13)
तथा ω2 = {(3 + √5) 20/2 x 2}1/2
= {(3+√5)5} = (26.18)1.2
=5.12 rad/s (तीव्र कम्पन विधा) (Faster mode) …………………………..(14)
(ii) निकाय की सामान्य गति को इसकी कम्पन विधाओं के अध्यारोपण के रूप में लिखने पर
Y1 =A1 cos (ω1t + φ1)+A2 cos (ω2t+ φ2) ………………………….(15)
Y2 = B1 cos (ω1t + φ 1) + B2 cos (ω2t + φ 2)……………………………….(16)
तथा समीकरण (11) से
A1/B1 = 0.62
B1 = 1.62A1 ……………………………………….(17)
तथा समीकरण (12) से
A2/B2 =-1.62
या B2 =-0.62A2 ……………………………………………………(18)
समीकरण (13).(14).(17) तथा (18) से क्रमशः ω1, ω2 B1 तथा B2 का मान, समीकरण (16) में रखने पर
Y1 =A1 cos (1.95t + φ1)+A2 cos (5.12t + φ2)
Y2 = 1.62A1 cos (1.95t + φ1)-0.62A2 cos (5.12t + φ2)
माना X तथा Y नये निर्देशांकों का एक सेट है जिसमें X तथा Y निम्न प्रकार से परिभाषित
X = A1 cos (1.95t + φ1)
तथा Y = A2 cos (5.12t + φ2)
वास्तव में निर्देशांक x तथा Y निकाय के सामान्य निर्देशांक होते हैं क्यों कि इन निर्देशांक सम्बन्धित गतियाँ आवर्ती होती हैं जिसकी कोणीय आवृत्तियाँ क्रमशः ω1 = 1.95 rad/sतथा ω2 = 5.12 rad/s होती है।
उपरोक्त निर्देशांकों के आधार पर
Y1 = X + Y
Y2 = 1.62 X-0.62 Y
इन समीकरणों को हल करने पर सामान्य निर्देशांकों का मान प्राप्त होगा
X = 0.28y1 +0.45y2
Y = 0.72y1 + 0.45y2