JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: indianworld

जलवायु भू आकारिकी क्या होती है ? what is Climatic Geomorphology in hindi जलवायु भू-आकृति विज्ञान

जलवायु भू-आकृति विज्ञान किसे कहते हैं ? जलवायु भू आकारिकी क्या होती है ? what is Climatic Geomorphology in hindi ?

जलवायु भू-आकारिकी
(Climatic Geomorphology)

जलवायु द्वारा स्थलरूप नियन्त्रित एवं विकसित होता है, परिणामस्वरूप एक जलवायु प्रदेश के स्थलरूप दूसरे जलवायु प्रदेश के स्थलरूप से सर्वथा भिन्न होता है। स्थलरूपों को सृजित करने वाले प्रक्रम की भिन्नता एवं सक्रियता जलवायु पर निर्भर करती है। ये प्रक्रम अपनी क्रियाशीलता द्वारा धरातल पर उद्भूत स्थलरूपों का सृजन एवं विनाश करते हैं। अतीत में जलवायु परिवर्तन वृहद् स्तर पर हुआ, जिस कारण अपरदनात्मक प्रक्रमों में भिन्नता उत्पन्न हुई तथा प्राचीन स्थलरूप में नवीन स्थलरूपों का सृजन हुआ। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप स्थलरूपों के विकास में जटिलता का समावेश हुआ। विश्व का प्राचीन एवं नवीन मानचित्र बनाया जाय एवं इसके साथ-साथ स्थलरूपों का विश्लेषण किया जाय, तब स्थलरूपों में उत्पन्न अनेक भ्रान्तियों का समाधान प्रस्तुत किया जा सकता है। क्या वर्तमान स्थलरूप वर्तमान जलवायु के प्रतिफल है? नवीन स्थलरूपों में विद्यमान प्राचीन स्थलरूपों की वास्तविकता क्या है? एक जलवायु प्रदेश के स्थलरूप दूसरे प्रकार के जलवायु प्रदेश के स्थलरूप से भिन्न क्यों हैं ? अनेक प्रश्नों का समाधान जलवायु भू-आकृति विज्ञानवेत्ताओं ने जलवायु भू-आकारिकी के अध्ययन में प्रस्तुत किया है।
प्रत्येक भ्वाकृतिक प्रक्रम अपना अलग स्थलरूप निर्मित करता है तथा प्रत्येक प्रक्रम विशेष प्रकार की जलवायु का प्रतिफल होता है।
जलवायु भू-आकारिकी (Climatic Geomorphology)
जलवायु भू-आकारिकी को अनुमोदित करने वाले विद्वानों का मत है -विभिन्न प्रकार की जलवायु में भित्र-भिन्न प्रकार के प्रक्रम कार्यरत हैं तथा इनकी कार्य विधियों में अन्तर होता है, जिस कारण विभित्र प्रकार के स्थलरूपों का सृजन एवं विकास होता है। क्षेत्र पर्यवेक्षण तथा अनेक अन्य प्रमाणों के आधार पर- भ्वाकृतिक प्रक्रम जलवायु से प्रभावित एवं नियंत्रित होते हैं तथा प्रत्येक प्रकार की जलवायु स्वयं के विशिष्ट स्थलरूपों के समुदाय को विकसित करती है, संकल्पना का प्रतिपादन किया गया। जलवायु भू-आकारिकी के अध्ययन में चीन में रिक्तोफेन, अफ्रीका में पसर्गे, जसेन, पाल्टर, पोरवेक तथा सेपर के अध्ययनों से बल मिला। डेविस के अध्ययन ने इस विचारधारा को संवर्धित किया। जर्मन विद्वानों के अनुसार-प्रत्येक जलवायु प्रदेश में विशेष प्रकार के स्थलरूपों का समुदाय विकसित होता है तथा एक जलवायु प्रदेश के स्थलरूप दूसरे प्रकार के जलवायु प्रदेश के स्थलरूपों से भिन्न होते हैं। फ्रान्स के विद्वानों के अनुसार स्थलरूपों के विकाम में जलवायु एक नियंत्रक कारक होती है। विभिन्न प्रकार के जलवायु प्रदेशों की प्राकृतिक वनस्पति, वाहीजल, अपरदनात्मक प्रक्रम तथा उनके कार्यों की विधि का विश्लेषण करें. तो ज्ञात होता है कि ये प्रायः एक दूसरे से भिन्न होते हैं।
जलवायु भू-आकारिकी का प्रतिपादन करने वाले विद्वानों ने ऐसे-ऐसे स्थान जो प्राचीन जलवायु के अवशेष के रूप में विद्यमान हैं। इनके आधार पर विद्वानों ने स्पष्ट किया कि- प्रत्येक स्थलरूप विशिष्ट प्रकार की जलवायु का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनको देखकर प्राचीन जलवायु का बोध होता है। इसके अध्ययन के लिए सर्वप्रथम स्थलरूपों का विश्लेषण क्षेत्र पर्यवेक्षण के आधार पर किया जाता है, तत्पश्चात् इनके अंगों-उपांगों का अध्ययन प्रस्तुत किया जाता है। विस्तृत अध्ययनों के आधार पर पर इन्सेलबर्ग, पेटीमेण्ट, टार तथा लेटराइट की सतह की खोज की गयी है तथा इससे उस जलवायु का विश्लेषण किया गया है, जिसमें इनका निर्माण हुआ है। लेटराइट का जमाव उष्णार्द्र प्रकार की जलवायु में होता है, परन्तु वर्तमान समय में कुछ लेटराइट सतह उपोष्ण कटिबन्ध में भी मिलती है। यदि इन्सेलबर्ग का विश्लेषण करें तो स्पष्ट होता है कि यह अर्द्धशुष्क जलवायु का स्थलरूप है, परन्तु वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार की जलवायु में पाया जाता है। पेडीमेण्ट के विषय में इन विचारकों का मत है कि यह प्राचीन जलवायु का प्रतिफल है न कि वर्तमान जलवायु का। पामर तथा नेल्सन महोदयों ने टार्स को परिहिमानी जलवायु का प्रतिफल मानते हैं, लेकिन वर्तमान समय में डार्टमूर का टार्स इसमें भ्रान्ति उत्पन्न कर देता है। निष्कर्ष रूप से यही कहा जा सकता है कि -ये स्थलरूप वर्तमान जलवायु के प्रतिफल नहीं हैं, बल्कि प्लीस्टोसीन युग से प्राचीन है।
भ्वाकृतिक प्रक्रम पर जलवायु का नियन्त्रण
प्रत्येक भ्वाकृतिक प्रक्रम अपना अलग-अलग स्थलरूप निर्मित करता है और प्रत्येक प्रक्रम विशेष प्रकार की जलवायु का प्रतिफल होता है। अर्थात् जलवायु की भिन्नता के साथ प्रक्रमों में भिन्नता होती है तथा प्रत्येक प्रक्रम के कार्य करने में भिन्नता होती है। इस भिन्नता का मुख्य कारण जलवायु के तत्व होत हैं, जिनमें दो तत्व-(प) औसत वार्षिक तापमान, (पप) औसत वार्षिक वर्षा प्रमुख हैं। इन दोनों तत्वो क द्वारा भिन्न-भिन्न जलवायु में भिन्न-भिन्न प्रकार के स्थलरूपों का विकास होता है। यदि हम भिन्न-भिन्न जलवायु प्रदेश को लेकर अध्ययन करें, तो स्पष्ट होता है कि उष्णार्द्र जलवाय में वर्षा तथा तापमान दोना उच्च है, जिस कारण रासायनिक अपक्षय बहुत गहराई तक हो जाता है। परन्तु उष्ण कटिबन्धीय भागों में कैनियन, गार्ज तथा तीव्र ढाल वाली अवनलिकायें भी दिखाई पड़ती हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।
अत्यधिक वर्षा तथा तापमान के कारण तीव्र ढाल पर भी वनस्पतियों का आवरण छा जाता है, जिस कारण भौतिक अपक्षय नहीं हो पाता है। ये वनस्पतियाँ नदियों की घाटियों तक छाई रहता है। जिस कारण नदी का पार्श्ववर्ती अपरदन नहीं हो पाता है तथा कहीं-कहीं पर निम्नवर्ती अपरदन अधिक होता है। ‘उष्णार्द्र जलवायु में तीव्र रासायनिक अपक्षय होता है‘ इसका मुख्य कारण उच्च तापमान तथा विचारधारा के प्रवर्तक सेपर (1935), फ्रीस (1935) बेण्टवर्थ (1928) आदि हैं। शुष्क जलवायु में तापमान उच्च तथा वर्षा (10 इंच) निम्न होती है, जिस कारण भौतिक अपक्षय अधिक होता है तथा साथ ही साथ रासायनिक अपक्षय भी देखने को मिलता है। उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट होता है कि – भिन्न-भिन्न जलवायु में भिन्न-भिन्न प्रक्रम कार्य करते हैं।
उष्णार्द्र जलवायु में जल तथा शुष्क जलवायु में वायु का कार्य होता है। तापक्रम तथा वर्षा बड़े पैमाने पर अपक्षय को प्रभावित करती हैं। भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश में दिन में तापमान अधिक तथा रात में कम होता है, जिस कारण चट्टानें फैलती तथा सिकुड़ती हैं। फलतः भौतिक अपक्षय अधिक होता है। धु्रवीय जलवायु प्रदेश में बर्फ इतनी जमी रहती है कि कभी पिघलती ही नही, जिस कारण भौतिक अपक्षय होता ही नहीं। शीतोष्ण कटिबन्धीय जलवायु में सन्धियों में जल के जमने तथा पिघलने के कारण भौतिक अपक्षय अधिक मात्रा में होता है। इस प्रकार तापक्रम तथा वर्षा के विभिन्न संयोग अपरदनात्मक प्रक्रमों तथा उनकी कार्यविधि को प्रभावित करते हैं। पेल्टियर महोदय ने स्थलरूपों को नियन्त्रित करने वाले कारको में तापमान तथा वर्षा को माना है। स्टोडार्ट महोदय ने जल के महत्व को अधिक माना है।

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

3 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

4 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

7 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

7 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

7 days ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now