JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: english grammar

clever thief short story with moral in english / hindi | the thief story summary in english

the thief story summary in english or clever thief short story with moral in english / hindi language , क्लेवर थीफ स्टोरी इन हिंदी , चालाक चोर की कहानी और कहानी का मोरल या नैतिक हिंदी भाषा में |

story : once there was a thief and he was very clever . once the thief was caught. He was brought before the king. The king ordered him to be hanged. The thief said to the king that he knew a secret . He could grow a tree with golden fruits. The king became interested in the thief.

The king asked the thief to grow such a tree. The thief prepared some small pellets of gold. He told the king that these should be sown by a person who had never stolen anything. No person came forward. The king thought that everyone had stolen something in his life . so he ordered to set the thief free.

Moral : wisdom saved life

चालाक चोर की कहानी

एक बार एक चोर होता है , वह बहुत अधिक चतुर होता है और वह अपनी चतुराई से हर समस्या का समाधान खोज लेते है | एक बार वह चोरी करते हुए राजा के सैनिको द्वारा पकड़ा गया | उसे पकड़कर राजा के समक्ष पेश किया गया | राजा ने केस की सुनवाई करने के बाद यह पाया कि वह चोर है तो उसने उस चोर को फांसी पर लटकाने का फैसला सुनाया |

जब सैनिक उसे ले जाने लगे तो उसने अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया और उसने कहा कि उसे एक ऐसा तरीका आता है जिससे मैं एक ऐसा पेड़ लगा सकता हूँ जिस पर सोने के फल लगते हो | राजा ने जब यह सुना तो वह चकित हो गया कि ऐसा भी वृक्ष हो सकता है क्या जिस पर फल सोने के लगे |

राजा ने चोर से कहा कि तुम मेरे लिए भी ऐसा एक पेड़ लगाओ जिस पर सोने के फल लगे ताकि हमारा राज्य भी धनी राज्य बन जाए और हमारी प्रजा समृद्ध हो जाए |

उसने राजा से कुछ सोने के पत्थर या सोने के टुकड़े मंगवाए और राजा से कहा कि इनको ऐसे व्यक्ति के द्वारा उगवाया जाए जिसने अपने सम्पूर्ण जीवन में कभी भी , किसी भी चीज की चोरी नहीं की हो | राजा के दरबार में ऐसा कोई व्यक्ति सामने न आया |

राजा ने अपने राज्य में घोषण करवाई की वह व्यक्ति राजा के पास आये जिसने कभी किसी वस्तु की चोरी नहीं की हो लेकिन प्रजा में से भी कोई व्यक्ति राजा के पास नहीं गया |

राजा समझ गया और उसने उस चोर को छोड़ने के आदेश दे दिए क्योंकि राजा ने पाया कि प्रत्येक व्यक्ति ने अपने जीवन में कुछ न कुछ अवश्य चुराया है |

नैतिक या सीख : ज्ञान ने जान बचाई या बुद्धि से जान बचायी

यदि वह चोर अपनी बुद्धि का प्रयोग न करता तो राजा के द्वारा उसे फांसी दे दी जाती लेकिन उस चोर ने यह सिद्ध कर दिया कि दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसने अपने जीवन में कुछ नहीं चुराया हो | संसार में हर व्यक्ति कुछ न कुछ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुराता है |

इसलिए कहा जाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए |

 

 

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now