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द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , संहति केंद्र (center of mass in hindi)
(center of mass in hindi) द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , संहति केंद्र : किसी पिण्ड या पिण्डों के निकाय का वह वह बिंदु जहाँ उस पिंड या निकाय के सम्पूर्ण द्रव्यमान को केन्द्रित माना जा सकता है उस बिन्दु को द्रव्यमान केंद्र कहते है।
अत: इस बिन्दु के सापेक्ष पिण्ड का या निकाय का सम्पूर्ण द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है इसलिए इस बिंदु को द्रव्यमान केन्द्र कहा जाता है।
अत: इस बिन्दु के सापेक्ष पिण्ड का या निकाय का सम्पूर्ण द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है इसलिए इस बिंदु को द्रव्यमान केन्द्र कहा जाता है।
द्रव्यमान केन्द्र के गुण (properties of center of mass)
1. जब किसी पिण्ड पर इस प्रकार बल आरोपित किया जाए की बल की क्रिया रेखा पिण्ड के द्रव्यमान केंद्र से होकर गुजरे तो इस बल के कारण मात्र स्थानान्तरीय गति उत्पन्न हो सकती है लेकिन यह बल पिण्ड में घूर्णन गति उत्पन्न नहीं कर सकता है।
2. किसी पिंड या पिंडों के समूह के द्रव्यमान केंद्र के सापेक्ष पिण्ड में उपस्थित द्रव्यमान के आघूर्ण का योग शून्य होता है।
3. द्रव्यमान केंद्र के सापेक्ष द्रव्यमान की स्थिति का औसत भार का मान शून्य होता है।
नोट: वस्तु के द्रव्यमान केंद्र पर द्रव्यमान का उपस्थित होना आवश्यक नहीं है जैसे यदि किसी खोखले गोले का द्रव्यमान केंद्र इसके केंद्र में हो सकता है और खोखले गोले के केंद्र में कोई द्रव्यमान नहीं होता है , अत: यह एक बिंदु होता है जहाँ पर वस्तु का पूरा द्रव्यमान का मान केन्द्रित माना जा सकता है।
उदाहरण (example)
चूँकि हम जानते है कि प्रत्येक पदार्थ अनेक कणों से मिलकर बना होता है , जब किसी गेंद को फेंका जाता है तो इसमें उपस्थित सभी कण एक समान गति नहीं करते है इसलिए एक कण की गति के द्वारा किसी अन्य कण की गति के बारे में नहीं बता सकते , इसलिए गेंद की गति एक सम्पूर्ण कणों की गति का रूप होता है लेकिन गेन्द में एक बिंदु ऐसा होता है जिसकी गति ऐसी होगी जो बिल्कुल गेंद की गति के समान होगी अर्थात यह अकेला बिंदु पूरी गेंद की गति को प्रदर्शित करता है। इस बिन्दु को गेंद का द्रव्यमान केन्द्र कहते है।
द्रव्यमान केन्द्र ज्ञात करना (सूत्र निर्माण)
सबसे पहले हम दो कणों के लिए द्रव्यमान केंद्र की गणना करेंगे और इसके बाद n कणों के लिए।
माना चित्रानुसार दो द्रव्यमान है जिनका द्रव्यमान क्रमशः m1 और m2 है , दोनों द्रव्यमान की स्थिति निर्देश बिंदु Q से क्रमशः r1 तथा r2 है। (निर्देश तंत्र)
दोनों पिंडों या कणों का द्रव्यमान केंद्र का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
जब किसी प्रकार कणों की या पिण्डों की संख्या n हो अर्थात यहाँ n = 2 , 3 , 4 …… ∞ हो तो इस स्थिति में इन n कणों के कारण द्रव्यमान केन्द्र का मान निम्न सुत्र्रा द्वारा ज्ञात किया जाता है –
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