JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physics

द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , संहति केंद्र (center of mass in hindi)

(center of mass in hindi) द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा क्या है , उदाहरण , सूत्र , संहति केंद्र : किसी पिण्ड या पिण्डों के निकाय का वह वह बिंदु जहाँ उस पिंड या निकाय के सम्पूर्ण द्रव्यमान को केन्द्रित माना जा सकता है उस बिन्दु को द्रव्यमान केंद्र कहते है।
अत: इस बिन्दु के सापेक्ष पिण्ड का या निकाय का सम्पूर्ण द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है इसलिए इस बिंदु को द्रव्यमान केन्द्र कहा जाता है।

द्रव्यमान केन्द्र के गुण (properties of center of mass)

1. जब किसी पिण्ड पर इस प्रकार बल आरोपित किया जाए की बल की क्रिया रेखा पिण्ड के द्रव्यमान केंद्र से होकर गुजरे तो इस बल के कारण मात्र स्थानान्तरीय गति उत्पन्न हो सकती है लेकिन यह बल पिण्ड में घूर्णन गति उत्पन्न नहीं कर सकता है।
2. किसी पिंड या पिंडों के समूह के द्रव्यमान केंद्र के सापेक्ष पिण्ड में उपस्थित द्रव्यमान के आघूर्ण का योग शून्य होता है।
3. द्रव्यमान केंद्र के सापेक्ष द्रव्यमान की स्थिति का औसत भार का मान शून्य होता है।
नोट: वस्तु के द्रव्यमान केंद्र पर द्रव्यमान का उपस्थित होना आवश्यक नहीं है जैसे यदि किसी खोखले गोले का द्रव्यमान केंद्र इसके केंद्र में हो सकता है और खोखले गोले के केंद्र में कोई द्रव्यमान नहीं होता है , अत: यह एक बिंदु होता है जहाँ पर वस्तु का पूरा द्रव्यमान का मान केन्द्रित माना जा सकता है।

उदाहरण (example)

चूँकि हम जानते है कि प्रत्येक पदार्थ अनेक कणों से मिलकर बना होता है , जब किसी गेंद को फेंका जाता है तो इसमें उपस्थित सभी कण एक समान गति नहीं करते है इसलिए एक कण की गति के द्वारा किसी अन्य कण की गति के बारे में नहीं बता सकते , इसलिए गेंद की गति एक सम्पूर्ण कणों की गति का रूप होता है लेकिन गेन्द में एक बिंदु ऐसा होता है जिसकी गति ऐसी होगी जो बिल्कुल गेंद की गति के समान होगी अर्थात यह अकेला बिंदु पूरी गेंद की गति को प्रदर्शित करता है। इस बिन्दु को गेंद का द्रव्यमान केन्द्र कहते है।

द्रव्यमान केन्द्र ज्ञात करना (सूत्र निर्माण)

सबसे पहले हम दो कणों के लिए द्रव्यमान केंद्र की गणना करेंगे और इसके बाद n कणों के लिए।
माना चित्रानुसार दो द्रव्यमान है जिनका द्रव्यमान क्रमशः m1 और m2 है , दोनों द्रव्यमान की स्थिति निर्देश बिंदु Q से क्रमशः r1 तथा r2 है। (निर्देश तंत्र)
दोनों पिंडों या कणों का द्रव्यमान केंद्र का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
जब किसी प्रकार कणों की या पिण्डों की संख्या n हो अर्थात यहाँ n = 2 , 3 , 4 …… ∞ हो तो इस स्थिति में इन n कणों के कारण द्रव्यमान केन्द्र का मान निम्न सुत्र्रा द्वारा ज्ञात किया जाता है –
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

1 day ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

1 day ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

3 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

3 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now