JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

सेल , विद्युत वाहक बल , टर्मिनल वोल्टता और आंतरिक प्रतिरोध cell, emf , terminal voltage, internal resistance

cell , electro motive force , terminal voltage and internal resistance in hindi सेल , विद्युत वाहक बल , टर्मिनल वोल्टता और आंतरिक प्रतिरोध  : हम इन सभी के बारे में विस्तार से चर्चा और अध्ययन करेंगे।

विद्युत सेल (electric cell )

वह युक्ति जो किसी परिपथ में स्थायी विद्युत धारा या दो बिन्दुओ के मध्य विभवांतर बनाये रखती है उसे विद्युत सेल कहते है। सभी सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने का कार्य करते है।

अतः हम यह भी कह सकते है की ” सेल वह युक्ति है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन का कार्य करती है ”

विद्युत सेल परिपथ को ऊर्जा प्रदान करता है अर्थात विभवांतर उत्पन्न करता है जिससे परिपथ में उपस्थित आवेश बहने लगता है और फलस्वरूप परिपथ में धारा बहने लगती है।

विद्युत सेलों के प्रकार : सेल को मुख्यत: दो भागों में बांटा गया है

1. प्राथमिक सेल

2. द्वितीयक सेल

1. प्राथमिक सेल (primary cell )

ये वो सेल होते है जो एक बार रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देते है और इनको चार्ज नहीं किया जा सकता। अतः इनको सिर्फ एक बार उपयोग में लाया जा सकता है इन्हे प्राथमिक सेल कहते है।

उदाहरण – शुष्क सेल , डेनियल सेल

2. द्वितीयक सेल (secondary cell ) 

वे सेल जिनमे पहले विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदला जाता है और फिर रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा के रूप में परिपथ में काम में लिया जा सकता है और ऊर्जा खत्म होने पर पुन: चार्ज करके काम में लिए जा सकता है अर्थात पुन: विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित किया जा सकता है।

उदाहरण – सीसा संचायक सेल

विद्युत वाहक बल (electromotive force or emf )

एकांक आवेश को परिपथ में बहने के लिए या प्रवाहित होने के लिए सेल द्वारा किया गया कार्य या आवेश को दी गयी ऊर्जा को ही सेल का विद्युत वाहक बल कहा जाता है।

या

जब सेल से कोई धारा प्राप्त नहीं  रही उस स्थिति में दोनों इलेक्ट्रोडो के मध्य विभवान्तर को विद्युत वाहक बल कहते है।

हालंकि इसको बल कहा जाता है लेकिन यह वास्तव में बल नहीं है यह विभवांतर है जो परिपथ में आवेश को प्रवाहित करने के लिए सेल द्वारा परिपथ पर आरोपित किया जाता है।

टर्मिनल वोल्टता (terminal potential difference )

एकांक आवेश को सेल के एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक बाहरी परिपथ में प्रवहित करने में सेल द्वारा जो कार्य करना पड़ता है उसे टर्मिनल वोल्टता कहते है।

या

सेल बंद परिपथ में लगा हो तो सेल के दोनों इलेक्ट्रोडो मध्य विभवांतर को टर्मिनल वोल्टता कहते है।

सेल आंतरिक प्रतिरोध (internal resistance of cell )

विद्युत सेल के भीतर धारा के मार्ग में आने वाली बाधा को सेल का आंतरिक प्रतिरोध कहते है।

यह बाधा कई कारण से आ सकती है जैसे

विद्युत अपघट्य के कारण , सांद्रता इत्यादि।

इसका मात्रक ओम होता है।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

5 days ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

5 days ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

1 week ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

1 week ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

2 weeks ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

3 weeks ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now