हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
बुर्जुआ की परिभाषा क्या है | बुर्जुआ पूंजीपति वर्ग किसे कहते है bourgeoisie in hindi meaning definition
bourgeoisie in hindi meaning definition in sociology class बुर्जुआ की परिभाषा क्या है | बुर्जुआ पूंजीपति वर्ग किसे कहते है ?
शब्दावली
बुर्जुआ की परिभाषा : यह पूंजीपतियों का वह वर्ग, जो कि विकसित देशों में उत्पादन के लिए आवश्यक सभी कच्चे माल, उपकरण (मशीनों तथा कारखानों, फैक्ट्रियों) तथा उपभोग के सभी साधनों का स्वामी होता है (एंजल्स के प्रिसिपल्स ऑफ कम्यूनिज्म में, 1847)
उत्पादन के सम्बन्ध उत्पादन की प्रक्रिया में उभरने वाले प्रत्यक्ष सामाजिक सम्बन्ध । इन सामाजिक सम्बन्धों के अंतर्गत उत्पादन के साधनों के मालिक तथा गैर-मालिक (श्रमिकों) दोनों के मध्य सम्बन्ध शामिल होते हैं। ये सम्बन्ध उत्पादन पर स्वामित्व की क्षमता एवं नियंत्रण को निश्चित एवं निर्धारित करते हैं।
उत्पादन प्रणाली उत्पादन की शक्तियों और उत्पादन के सम्बन्धों के मध्य सम्बन्ध को उत्पादन प्रणाली कहा जा सकता है। उत्पादन के तरीके उत्पादन की शक्तियों और सम्बन्धो। के मध्य सम्बन्ध में भिन्नता के आधार पर पहचाने जाते हैं।
एशियाटिक उत्पादन प्रणाली यह उस समुदाय आधारित उत्पादन व्यवस्था से सम्बन्धित है, जिसमें भूमि का स्वामित्व सामुदायिक होता है और राज्य शक्ति के अस्तित्व की अभिव्यक्ति इन समुदायों की वास्तविक अथवा काल्पनिक एकता से होती है।
प्राचीन उत्पादन प्रणाली उत्पादन की व्यवस्था, जिसमें मालिक का दास पर स्वामित्व का अधिकार होता है तथा वह उसके श्रम के उत्पादन को दासता के माध्यम से हड़प लेता है और दास को जनन की अनुमति नहीं देता। सामन्तवादी उत्पादन प्रणाली यह एक ऐसी उत्पादन व्यवस्था है, जिसमें भूपति किसानों से जमीन के किराये के रूप में उनके अतिरिक्त श्रम को हड़प लेता है।
पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली यह एक ऐसी उत्पादन व्यवस्था है, जिसमें उत्पादन के साधनों का स्वामी अर्थात् पूंजीपति सर्वहारा वर्ग से लाभ के रूप में अतिरिक्त श्रम करवाते हैं।
दास प्राचीन उत्पादन प्रणाली में उत्पादकों का वह वर्ग जो कि मालिकों द्वारा निजी सम्पत्ति के रूप में सीधे नियंत्रित किया जाता है
भूमिहीन किसान सामन्तवादी उत्पादन के तरीके में उत्पादकों का वह वर्ग जिनका अतिरिक्त श्रम किराये के माध्यम से हड़प लिया जाता है
श्रमिक अथवा कामगार पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली में उत्पादकों का वह वर्ग जिनके पास अपनी आजीविका कमाने के लिए अपनी श्रमशक्ति के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है और इनके अतिरिक्त श्रम को पूंजीपति लाभ के माध्यम से हड़प लेते हैं।
मालिक दास प्रथा में वह शासक वर्ग, जो कि दासों पर नियंत्रण रखते हैं। इसी प्रकार, यह कहना भी सही है कि पूँजीवादी व्यवस्था में सर्वहारा वर्ग सिर्फ श्रमशक्ति का मालिक होता है। दूसरी ओर, पूँजीपति उत्पादन के साधनों का मालिक होता है। इस इकाई के संदर्भ में ‘मालिक‘ शब्द इन रूपों में प्रयुक्त हुआ है।
सामंती भूपति सामंतवाद का वह शासक वर्ग, जो भूमिहीन कृषकों पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण रखते हैं
पूंजीपति पूंजीवाद में वह शासक वर्ग जो उत्पादन के साधनों पर नियंत्रण रखता है
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बॉटोमोर, थॉमस बी., 1975, मार्कि्सस्ट सोशियॉलौजी, मैकमिलनः लंदन
ह्यूबरमैन, लिओ, 1969, मैन्स वर्ल्डली गुड्स, पीपुल्स पब्लिशिंग हाउसः नई दिल्ली
सारांश
मार्क्सवादी सामाजिक सिद्धांत में उत्पादन शक्तियां, सम्बन्ध तथा प्रणाली की अवधारणाएं केन्द्रीय हैं। उत्पादन प्रणाली उत्पादन शक्ति और सम्बन्धों से बनती है और मार्क्स के अनुसार ये सामाजिक प्रक्रिया के प्रमुख निर्धारक होते हैं।
उत्पादन की शक्तियां आर्थिक वस्तुओं के उत्पादन में प्रयुक्त कच्चे माल तथा उपकरण और तकनीकों को कहते हैं। उत्पादन के सम्बन्ध उत्पादन की प्रक्रिया में उभरने वाले सम्बन्धों को कहते हैं और ये विशेषतः उत्पादन के साधनों के मालिक तथा गैर-मालिक (श्रमिकों) के मध्य सम्बन्ध होते हैं। उत्पादन के सम्बन्धों के अंतर्गत उत्पादों पर स्वामित्व रखने की क्षमता और नियंत्रण शामिल हैं।
इस प्रकार पूंजीवादी समाजों में उत्पादन के सम्बन्ध हैं जो कि पूंजीपति और श्रमिक के मध्य होते हैं और जिसमें पूंजीपति न केवल उत्पादन के साधनों पर नियंत्रण रखते हैं, बल्कि श्रमिक द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मनचाहे ढंग से वितरण, उपभोग अथवा विक्रय कर सकते हैं।
किसी भी समाज की संरचना में उत्पादन के सम्बन्ध और शक्तियां मूलभूत होती हैं। जिन विभिन्न रूपों में विभिन्न समाज संगठित होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उत्पादन की शक्तियाँ उत्पादन के सम्बन्धों से कैसे जुड़ी हैं। उत्पादन के सम्बन्धों की अवधारणा व्यक्तियों के मध्य सम्बन्धों को इतना अधिक इंगित नहीं करती जितना कि सामाजिक वर्गों के बीच सम्बन्धों को इंगित करती है। ऐसा है क्योंकि उत्पादन के सम्बन्ध अनिवार्य रूप से परस्पर विरोधी होते हैं (उदाहरण के लिए पूंजीपति श्रमिकों के श्रम उत्पाद को हड़प लेते हैं)। अतः वर्गो के मध्य भी सम्बन्ध परस्पर विराधी होते हैं।
उत्पादन की कोई भी प्रणाली उत्पादन के सम्बन्धों और उत्पादन की शक्तियों के मध्य सम्बन्ध हैं। एक-दूसरे से उत्पादन की शक्तियों और उत्पादन के सम्बन्धों के बीच सम्बन्धों की विभिन्नता के आधार पर उत्पादन प्रणालियाँ अलग की जा सकती हैं, पहचानी जा सकती हैं। उदाहरण के लिए सामन्तवादी उत्पादन प्रणाली में भूपति के पास कृषकों की उत्पादन की शक्तियों, उपकरणों तथा भूमि पर सीधा नियंत्रण नहीं होता परन्तु कृषक के उत्पादन पर भूपति का पूरा नियंत्रण होता है। दूसरी ओर, पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली में पूंजीपति उत्पादन की शक्तियों तथा उत्पादन दोनों पर नियंत्रण रखते हैं।
उत्पादन प्रणाली की अवधारणा एक अमूर्त विश्लेषणात्मक अवधारणा है। किसी भी विशिष्ट समाज में किसी नियत समय पर एक से अधिक उत्पादन प्रणाली प्रचलित हो सकती है। फिर भी, यह संभव है कि एक प्रमुख अथवा निर्धारक उत्पादन प्रणाली को पहचाना जा सके, जो कि अन्य सभी उत्पादन व्यवस्थाओं पर प्रभुत्व रखती है। विशेषतः सामाजिक क्रांति के समय में एक ही समाज में एक से अधिक उत्पादन प्रणाली प्रचलित होती है। मार्क्स ने चार उत्पादन प्रणालियों की सैद्धान्तिक अवधारणाएं दी हैं और ये हैंः एशियाटिक, प्राचीन, सामन्तवादी एवं पूंजीवादी। इनमें से अंतिम उत्पादन प्रणाली उसके लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण थी। इकाई 8 में वर्ग एवं वर्ग संघर्ष पर चर्चा की जाएगी जो कि पूंजीवादी समाजों के आर्थिक गठन के मार्क्सवादी विश्लेषण का प्रमुख आधार है।
उत्पादन की शक्तियां, संबंध एवं प्रणाली
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
उत्पादन
मानवीय समाज का आधारः भौतिक उत्पादन
उत्पादनः सामान्य तथा ऐतिहासिक संवर्ग
उत्पादन की शक्तियां
उत्पादन शक्तियाँः उत्पादन के साधन व श्रम शक्ति
उत्पादन की भौतिक शक्तियों में परिवर्तन
उत्पादन शक्तियों की प्रकृति उत्पादन के संबंध
उत्पादन शक्तियों एवं संबंध में जुड़ाव
उत्पादन संबंधों के प्रकार
उत्पादन संबंधों की प्रकृति
उत्पादन संबंधों से उत्पादन शक्ति में बदलाव
उत्पादन प्रणाली
उत्पादन प्रणाली परिभाषा मे निर्णायक तत्वः अतिरिक्त उत्पादन
उत्पादन प्रणाली में विशिष्ट उत्पादन संबंध
उत्पादन प्रणाली की उत्पादन शक्तियों में बदलाव
उत्पादन की प्रणाली के विभिन्न स्वरूप
एशियाटिक उत्पादन प्रणाली
प्राचीन उत्पादन प्रणाली
सामन्तवादी उत्पादन प्रणाली
पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बोध प्रश्नों के उत्तर
उद्देश्य
यह इकाई उत्पादन की शक्तियों, सम्बन्ध एवं प्रणाली के बारे में है। यह इकाई ऐतिहासिक भौतिकवाद के सिद्धांत के विभिन्न पक्षों का विवरण देती है। इस इकाई में हमने उत्पादन की महत्वपूर्ण धारणाओं के अंतर्गत उत्पादन की शक्तियों, सम्बन्धों एवं प्रणाली की चर्चा की है। इसको पढ़कर आपके द्वारा सम्भव होगा
ऽ उत्पादन की शक्तियां, सम्बन्ध एवं प्रणाली-इन तीनों अवधारणाओं की व्याख्या
ऽ इन अवधारणाओं को एक-दूसरे से अलग करके समझना
ऽ समाज के सम्पूर्ण मार्क्सवादी दृष्टिकोण के अंतर्गत इन अवधारणाओं को समझना।
प्रस्तावना
ऐतिहासिक भौतिकवाद पर इकाई 6 में हमने मानवीय प्रगति के मार्क्सवादी सामाजिक सिद्धांत की चर्चा की थी। यहाँ इकाई 7 में हमने इस सिद्धांत की प्रमुख तीन अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। इन अवधारणाओं, अर्थात् उत्पादन की शक्तियों, सम्बन्ध व प्रणाली से आपका परिचय इकाई 6 में कराया जा चुका है। इन्हीं अवधारणाओं को अब अधिक विस्तार से समझाया जा रहा है ताकि मार्क्स द्वारा इन विचारों के उपयोग को आप स्वयं समझ सकें। यह इकाई उन अवधारणाओं के बारे में ही है जिनसे मार्क्स ने ऐतिहासिक भौतिकवाद का सिद्धांत निर्मित किया है। इन्हीं अवधारणाओं के माध्यम से मार्क्स ने सामान्य रूप से समाज में परिवर्तन के नियम व विशिष्ट रूप से पूंजीवादी समाज में परिवर्तन के नियम को समझाया है। यह इकाई इन अवधारणाओं की व्याख्या करने का एक प्रयास है। इन अवधारणाओं से मार्क्स ने एक ऐसा सिद्धान्त विकसित किया, जिसके द्वारा उसके समकालीन समाज को समझा जा सके। उसने समाज में परिवर्तन हेतु प्रक्रिया के एक कार्यक्रम का भी निरूपण किया।
मार्क्सवादी अवधारणाओं को व्यवस्थित रूप से समझाने के लिए इस इकाई को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा गया है।
पहले भाग में आपको उत्पादन की शक्तियों की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई है। यह भाग इस अवधारणा के अर्थ तथा महत्व को समझाने का प्रयास है।
दूसरे भाग में उत्पादन के सम्बन्धों की अवधारणा के बारे में बताया गया है। यहाँ यह व्याख्या इस बात पर बल देती है कि ये सामाजिक सम्बन्ध हैं तथा इन्हें उत्पादन के भौतिक, तकनीकी पक्षों के साथ भ्रमित न किया जाए।
तीसरे भाग में आपको उत्पादन प्रणाली की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई है।
अंतिम भाग में हमने उत्पादन के चार तरीकों की विवेचना की है।
Recent Posts
द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi
अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…
नियत वेग से गतिशील बिन्दुवत आवेश का विद्युत क्षेत्र ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi
ELECTRIC FIELD OF A POINT CHARGE MOVING WITH CONSTANT VELOCITY in hindi नियत वेग से…
four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं
चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…
Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा
आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…
pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए
युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…
THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा
देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…