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पर्यावरणीय समस्याएँ व समाधान , पर्यावरण , प्रदुषण क्या है ? , वायु प्रदूषण , ग्रीन हाउस प्रभाव (हरित गृह)
पर्यावरणीय समस्याएँ व समाधान :
पर्यावरण = परि + आवरण = चारो ओर
पर्यावरण (Biophysical environment) : हमारे आस-पास का भौतिक प्राकृतिक व सामाजिक आवरण को ही पर्यावरण कहते है।
प्रश्न : प्रदुषण क्या है ?
उत्तर : प्रदूषण प्रदूषको से फैलता है जीवो के आस-पास जो घटक रहते है , उनमे कमी या वृद्धि होने को ही प्रदुषण में आता है या उसे प्रदूषण कहते है।
प्रदूषण चार प्रकारों में होता है –
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदुषण
- मृदा प्रदूषण
- ध्वनी प्रदूषण
- क्या है ?
- कारण
- समस्याएं
- समाधान
- वनों की कटाई
- रासायनिक उर्वरक
- खेतो में अवशिष्ट पदार्थो को जलाने से प्रदूषण
ग्रीन हाउस प्रभाव (हरित गृह)
- हिमानी व बर्फ का पिघलना
- समुद्री जल स्तर का बढ़ना
- सदावाहनी नदी की कमी
- दिपिय राष्ट जलमग्न का हो जाना
- तटीय किनारे स्थित जलोद मृदा का जलमग्न हो जाएगी जिस कारण से उत्पादन में अत्यधिक कमी आयेगी।
- मूंगा ऐसा जीव होता है जिस पर समुद्र की सम्पूर्ण आहार निर्भर करती है , अगर वैश्विक तापन जारी रहता है तो इस वैश्विक तापन के परिणाम स्वरूप समुद्र के तापमान में थोड़े से परिवर्त प्रवाल के हरे रंग के पीले रंग में बदल देता है जिसे प्रवाल बिरजन कहा जाता है। ऐसी स्थिति में वह अपना खाना खुद नहीं बना सकते , इसके कारण वह नष्ट हो जाते है। जिससे समुद्र के पूरी आहार व्यवस्था नष्ट हो जाती है उससे कई मछलियाँ मर जाती है और फिर मनुष्य अपना भोजन प्राप्त करने में असमय होता है।
- वैश्विक तापन के कारण जलवायु परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न होती है। इस कारण से ऐसी हिमानी जो नदिये का स्रोत है , वह बर्फ पिघलने से पहले तो बाढ़ होती है बाद में वह सुख जाती है।
ओजोन परत का क्षय
अम्लीय वर्षा के कारण नुकसान
- भारत में स्थित प्राचीन इमारत , स्मारकों व हवेलियों में अम्लीय वर्षा से रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा रूप परिवर्तन हो जाता है जिससे उनकी चमक फीकी पड़ जाती है और ये जल्दी ही नष्ट हो जाते है।
- इससे भूमि की उर्वरकता में कमी आती है।
- अम्लीय वर्षा के कारण जो पिने का पानी दूषित हो जाता है।
- मानव में त्वचा व सांस की बीमारी हो जाती है व आँखों में जलन होने लगती है।
- अम्लीय वर्षा के कारण पत्ती पर एक अम्ल की परत बन जाती है जिसके कारण पत्ती अपनी वृद्धि जनन व वाष्पोउत्सर्जन जैसी किया नहीं कर पाती है।
- इससे कई क्षेत्रो में वनों के नष्ट हो जाते है।
- अम्लीयता के कारण तालाबो व झीलों जो पादप व जैविक समुदाय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- अम्लीय वर्षा के कारण वायु फैलाव दूर दूर तक प्रदूषण बढ़ जाता है।
अम्लीय वर्षा के समाधान
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