जीव विज्ञान क्या है , सजीवों के प्रमुख लक्षण , वनस्पति जगत , जन्तु विज्ञान , जीव , सजीव

(definition of biology in hindi) जीव विज्ञान : विज्ञान की वह शाखा जिसमे सजीवों की संरचना , कार्यिकी , वृद्धि व विकास का अध्ययन किया जाता है , जीव विज्ञान कहते है।

जीव विज्ञान की प्रमुख दो शाखाएं होती है –

1. वनस्पति जगत (Botany) : जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत पेड़ पौधों का अध्ययन किया जाता है वनस्पति जगत कहलाता है।

थ्रियोफ्रेस्टस (theophrastus) को वनस्पति विज्ञान का जनक कहते है।

2. जन्तु विज्ञान (zoology) : जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत प्राणियों का अध्ययन किया जाता है उसे जन्तु विज्ञान कहते है।

अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक कहते है।

अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक भी कहते है।  लैमार्क ने सर्वप्रथम जीव विज्ञान शब्द का प्रयोग किया था।

जीव (organism) : जीव एक या एक से अधिक कोशिकाओं का बना वह संगठन है जिसमे बाह्य व आन्तरिक वृद्धि होती है।  विकास होता है ! चेतना होती है और अपने जैसा प्रतिरूप बनाने की क्षमता होती है , वह जीव कहलाता है।

सजीवों के प्रमुख लक्षण

1. सभी सजीव वृद्धि करते है : जीवों के भार व संख्या में वृद्धि होती है , यह वृद्धि जीवों में आन्तरिक होती है।  जीवों के भार व लम्बाई में वृद्धि कोशिका विभाजन द्वारा होता है।
2. सजीव प्रजनन करते है : सभी सजीव अपनी जाति व अपने अस्थित्व को बनाये रखने के लिए अपने समान संतान उत्पन्न करते है।
उदाहरण : खच्चर , श्रमिक मधुमक्खी नपुंसक मानव आदि।
3. सजीव उपापचय क्रियाएँ करते है : सभी सजीवों में हजारों उपापचय क्रियाएं होती है।  पोषण , पाचन , स्वांगीकरण आदि ये जीवों की स्पष्ट अभिलाक्षानिक गुण है।
4. सजीवों में उत्तेजना व चेतना पायी जाती है : जीवों में अपने आस पास के वातावरण या पर्यावरण के भौतिक ,रासायनिको तथा जैविक उद्दीपनो के प्रति प्रतिक्रिया करते है अर्थात उत्तेजना व चेतना करते है।
जीव जगत में मानव स्वचेतना रहता है अर्थात अपने आप से अवगत है।
5. जीवों का निश्चित आकार व आकृति होती है।
6. जीवों में जैविक क्रियाएँ जैसे श्वशन , उत्सर्जन , प्रकाश संश्लेषण आदि क्रियाएं होती है।
7. जीवों में विभिन्नता , अनुकूलता , समन्वय गतियाँ , जीवन संघर्ष आदि क्रियाएं होती है।
8. जीवों की अंतत मृत्यु होती है।