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जैव विविधता के प्रतिरूप , कारण , परितंत्र में महत्व Biodiversity patterns in hindi
Biodiversity patterns in hindi जैव विविधता के प्रतिरूप कारण , परितंत्र में महत्व :
[1]अक्षांशीय प्रवणता (Latitudinal gradient) :
भूमध्य रेखा के उत्तर व दक्षिण का 3.5 अक्षांश का क्षेत्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहलाता है यहां वर्षा अधिक होने से जैव विविधता ज्यादा होती है परंतु भूमध्य रेखा के दोनों ओर 66.5 डिग्री अक्षांश तक जाने पर शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र मिलता है यहां उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से थोड़ी कम जैव विविधता मिलती है इसी तरह 90 डिग्री अक्षांश तक दुर्गों की ओर जाने पर शीत कटिबंधीय क्षेत्र में सबसे कम विविधता मिलती है |
अक्षांशीय प्रवणता को हम निम्न उदाहरण द्वारा समझ सकते हैं : दक्षिण अमेरिका के अमेजन उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की जैव विविधता सबसे अधिक होती है यहां 40000 पादप जातियां , 3000 मत्स्य , 1300 पक्षी , 427 स्तनधारी , 427 उभयचर , 378 सरीसृप तथा 125000 से अधिक अकशेरुकी जातियां पाई जाती हैं |
इसी तरह भूमध्य रेखीय देश कोलंबिया में 1400 पक्षी जातियां जबकि 40 डिग्री अक्षांश उत्तर में स्थित न्यूयॉर्क में 105 व 70 डिग्री अक्षांश उत्तर में स्थित ग्रीनलैंड में केवल 56 जातियां ही पाई जाती हैं |
भारत भी भूमध्य रेखा के समीप स्थित है इसलिए जहां 1200 पक्षी जातियां पाई जाती हैं |
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में जैव विविधता के कारण (causes of biodiversity in the tropical region) :
[1] अधिक उत्पादकता : सौर ऊर्जा अधिक होने से पादप अधिक प्रकाश संश्लेषण करते हैं अतः उत्पादकता ज्यादा होने से जैवविविधता भी ज्यादा होती है
[2] जातीय क्षेत्र संबंध : जर्मनी के प्रकृति विज्ञानी व भूगोल शास्त्री एलेग्जेंडर वॉन हगबॉल्ट ने बताया कि अन्वेषण क्षेत्र की सीमा बढ़ाने पर अनवेराण क्षेत्र की सीमा बढ़ाने पर जातियों की समृद्धि भी बढ़ती है |
जातीय समृद्धि वह क्षेत्र के बीच का संबंध निम्न समीकरण द्वारा दिखाते हैं
LogS = LogC + zLog A
जहां S = जातीय समृद्धि
A = क्षेत्र
Z = समात्रयन रेखा की ढाल (परिवर्तन गुणांक)
C = y- अंतः खंड
यदि बड़े क्षेत्र हो तो जातीय क्षेत्र संबंध की समात्रयनरेखा की ढलान एकदम तिरछी खड़ी हो जाती है और Z का मान 0.6-1.2 हो जाता है | जैसे उष्णकटिबंधीय वनों के फल हारी पक्षी वह स्तनधारियों के लिए रेखा की ढलान 1.15 होती है |
इस संदर्भ में तिरछी खड़ी ढलान का यह अर्थ है कि जितना बड़ा क्षेत्र होगा वहां जातियों की विविधता या समृद्धि उतनी ही ज्यादा होती है |
सामान्यतया छोटे क्षेत्रों के लिए z का मान 0.1 – 0.2 के आस-पास होता है |
जातीय विविधता का परितंत्र में महत्व (Importance of ethnic diversity in ecology) :
टिलमैन के अनुसार किसी क्षेत्र में जितनी ज्यादा जातीय विविधता होगी उस हिसाब से वहां उत्पादकता भी ज्यादा होगी और परितंत्र भी अधिक स्थाई होगा |
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