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द्विपद प्रमेय कक्षा 11 गणित प्रश्नावली पीडीएफ डाउनलोड , binomial theorem in hindi class 11 maths

By   June 13, 2023

binomial theorem in hindi class 11 maths द्विपद प्रमेय कक्षा 11 गणित प्रश्नावली पीडीएफ डाउनलोड ?

द्विपद प्रमेय pdf download 

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द्विपद प्रमेय (Binary Predicables) न्यायशास्त्र में प्रयुक्त एक शास्त्रीय शब्द है जो विशेषकों (attributes) के बारे में विचार करने के लिए उपयोग होता है। इसे द्विपद कहा जाता है क्योंकि इसमें दो हिस्से होते हैं, एक विशेष्य (subject) और एक विशेषण (predicate)।

द्विपद प्रमेय का प्रयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इसे एक वाक्यांश के रूप में या एक संकेत (symbol) के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसका उदाहरण देने के लिए, “सीता गंधर्वी है” एक द्विपद प्रमेय है जहां “सीता” विशेष्य है और “गंधर्वी” विशेषण है। इसे यूनिवर्सल अफर्मेशन के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसे प्रतिष्ठित किया जाता है कि यह सभी प्राणियों के लिए सत्य है।

द्विपद प्रमेय एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसे न्यायशास्त्र और तत्वशास्त्र (ontology) में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग वाक्यांशों के साथ प्रमाणित विचारों को बनाने में भी किया जाता है, जो एक निश्चित सामान्यता या असामान्यता के बारे में बताते हैं। द्विपद प्रमेय न्यायशास्त्र में तत्वों की परिभाषा और समझने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में सेवा करता है।

द्विपद सूत्र या बाइनोमियल सूत्र एक गणितीय सूत्र है जो (a + b)^n जैसे द्विपदियों को पट्टीबद्ध रूप में व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है, जहां ‘n’ एक पूर्णांक होता है। यह सूत्र द्वारा दिए गए द्विपदियों को विस्तार या खोलने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे बाइनोमियल के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें दो अङ्कों का सम्बन्ध होता है।

बाइनोमियल सूत्र के अनुसार, (a + b)^n का पट्टीबद्ध रूप निम्नप्रकार होगा:

(a + b)^n = C(n, 0) * a^n * b^0 + C(n, 1) * a^(n-1) * b^1 + C(n, 2) * a^(n-2) * b^2 + … + C(n, n-1) * a^1 * b^(n-1) + C(n, n) * a^0 * b^n

यहां, C(n, r) न के निचे एक र है, जिसे “n चुनते हैं र” के रूप में पढ़ा जाता है और n और r के बीच कोईएफ़ीएन्सियल कार्य होता है जो निम्नलिखित सूत्र के द्वारा प्रतिष्ठित किया जाता है:

C(n, r) = n! / (r! * (n-r)!)

यहां, “!” फैक्टोरियल को दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि एक संख्या के लिए उससे छोटे सभी पूर्णांकों का गुणांक होता है।

बाइनोमियल सूत्र के आधार पर, हम किसी भी पूर्णांक n के लिए (a + b)^n की पट्टीबद्ध रूप निकाल सकते हैं और इसे प्रयोग करके (a + b)^n के मान की गणना कर सकते हैं।

Pascal’s Triangle in hindi 

पास्कल का त्रिकोण (Pascal’s Triangle) एक गणितीय त्रिकोण है जो पूर्णांकीय संख्याओं की विन्यासवादी समता को प्रदर्शित करता है। यह त्रिकोण बाइनोमियल संख्याओं के रूप में भी जाना जाता है। यह त्रिकोण ब्यूटिफुल गणितीय नियमों का संग्रह है और इसे बिनोमियल व्याख्याओं, शृंगरकोण और पास्कल की बाइनोमियल संप्रदाय के नाम से भी जाना जाता है।

पास्कल का त्रिकोण का प्रारूप निम्नप्रकार होता है:

1
1 1
1 2 1
1 3 3 1
1 4 6 4 1
और इसका गणितीय नियम कहता है कि प्रत्येक संख्या ऊपरी पंक्ति में उसके दो संख्याओं के योग से बनती है जो उसे त्रिकोण के बीच में स्थित हैं।

उदाहरण के लिए, त्रिकोण के चौथे पंक्ति में, ऊपरी संख्याएं 1, 3, 3, 1 हैं। इन संख्याओं को योग करने पर हमें पांचवीं पंक्ति की ऊपरी संख्याएं मिलती हैं, जो 1, 4, 6, 4, 1 हैं। इसी तरीके से त्रिकोण के हर पंक्ति में संख्याओं का निर्माण होता है।

पास्कल का त्रिकोण बाइनो

मियल संख्याओं की गुणा करने, व्याख्याओं की खोज करने, पांचवीं व्याख्या से निर्मित शृंगरकोण के संबंधित संख्याओं की प्राप्ति आदि के लिए उपयोगी है। इसे अधिकांशतः गणितीय निर्णयों और संख्यात्मक प्रश्नों को हल करने में उपयोग किया जाता है।