JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

bifr full form in hindi | औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बी आई एफ आर) board of industrial and financial reconstruction in hindi

the board of industrial and financial reconstruction (bifr) came into existence in hindi bifr full form in hindi | औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बी आई एफ आर) board of industrial and financial reconstruction in hindi ?

रुग्ण औद्योगिक कंपनी अधिनियम, 1985
रुष्ण औद्योगिक कंपनी अधिनियम, 1985 में औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बी आई एफ आर), और भारतीय औद्योगिक निवेश बैंक की स्थापना का उपबंध किया गया है। रुग्ण औद्योगिक कंपनी अधिनियम, के उद्देश्य निम्नवत् हैं:
ऽ रोजगार को अधिकतम संरक्षण प्रदान करना;
ऽ निधियों का इष्टतम उपयोग;
ऽ उत्पादना परिसम्पत्तियों का निस्तारण;
ऽ बैंकों को देय राशियाँ जारी करना; और
ऽ शीघ्र निर्णय के लिए विद्यमान धीमी और अपर्याप्त तंत्र के बदले विशेषज्ञों का निकाय।

 औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बी आई एफ आर)
रुग्ण औद्योगिक कंपनी अधिनियम में बी आई एफ आर की स्थापना का प्रावधान किया गया है। बी आई एफ आर 12 जनवरी 1987 से अस्तित्व में आया।

रुग्ण औद्योगिक कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा कंपनी की रुग्णता के बारे में बी आई एफ आर को सूचित करना बाध्यकारी बना दिया गया है। बी आई एफ आर को कंपनी की रुग्णता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जांच करने की शक्तियाँ दी गई हैं।

बी आई एफ आर यदि इस निष्कर्ष पर पहुँचती है कि कंपनी रुग्ण हो गई है तो यह संबंधित कंपनी को अपनी निवल संपत्ति धनात्मक करने के लिए उपयुक्त समय दे सकती है अथवा वह उपयुक्त उपाय कर सकती है जैसे प्रबन्धन में परिवर्तन, शेयर पूँजी की पुनर्संरचना, किसी उपक्रम का आंशिक अथवा पूर्ण बिक्री अथवा पट्टे पर दिया जाना, या किसी लाभकारी इकाई के साथ समामेलन/विलय, या यह भी कि एक रुग्ण इकाई का दूसरे रुग्ण इकाई के साथ विलय कर दिया जाए। फरवरी 1994 में यथा संशोधित रुग्ण औद्योगिक कंपनी अधिनियम बी आई एफ आर को विपरीत विलय के लिए सिफारिश करने की भी अनुमति देता है।

यदि रुग्ण कंपनी के पुनरुद्धार का कोई भी उपाय साध्य अथवा व्यवहार्य नहीं पाया जाता है, तो बी आई एफ आर कंपनी के परिसमापन का निर्णय देती है। बेईमान प्रबन्धन को चेतावनी देने के लिए अधिनियम में यह भी उपबंध है कि यदि बी आई एफ आर संतुष्ट हो जाता है कि कोई व्यक्ति निधियों के विपथन के लिए अथवा कंपनी का कार्य इस तरह से संचालित करने के लिए जो कंपनी के हितों के प्रतिकूल है, का जिम्मेदार है तो बी आई एफ आर बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को वैसे व्यक्ति अथवा कंपनी जिसमें ऐसा व्यक्ति साझीदार है अथवा कंपनी जिसमें ऐसा व्यक्ति निदेशक है को दस वर्षों की अवधि के लिए कोई भी वित्तीय सहायता देने से मना करने को कह सकता है।

बी आई एफ आर की शक्तियाँ फेरा और नगर भूमि अधिकतम सीमा अधिनियम को छोड़कर सभी कानूनों पर सर्वोपरि हैं। सात सदस्यीय बोर्ड के निर्णय के विरूद्ध सिर्फ तीन सदस्यीय अपीलीय प्राधिकरण अथवा उच्चतम न्यायालय में अपील की जा सकती है।

मूल्याँकन: औद्योगिक रुग्णता के समाधान के लिए बी आई एफ आर की व्यवस्था औचित्यपूर्ण है-यह अधिक संतुलित, यथार्थवादी प्रक्रिया, तथा सभी के हितों को ध्यान में रखने वाली है। यदि हमारे विषमतापूर्ण समाज में सरकारी नीति को भूमिका निभानी है तो बी आई एफ आर जैसी संस्थागत व्यवस्था आवश्यक है।

एक बार जब समुचित मानदंड निर्धारित कर दिए जाते हैं तो एक तटस्थ निकाय किसी रुग्ण इकाई के पुनरुद्धार अथवा उसे बंद किए जाने के संबंध में निर्णय ले सकती है। अन्यथा, श्रमिक को सिर्फ व्यापारी के सनक और भ्रम के कारण अपना रोजगार खोना पड़ सकता है। यह एक ऐसा उपाय भी है जो औद्योगिक इकाइयों में समाज के डूबे हुए अल्प संसाधनों जिसके साथ बहुमूल्य सामाजिक लागत का सम्बद्ध है का संरक्षण करता है।

संक्षेप में, बी आई एफ आर पर निम्नलिखित कुछ टिप्पणियाँ की जा सकती हैं:
प) औद्योगिक रुग्णता की घटनाओं के मद्देनजर बी आई एफ आर का दायरा अत्यन्त सीमित है।

पप) नरसिम्हन समिति के प्रतिवेदन और अनुपयोज्य आस्तियों के मामले में उपबंधकारी मानदंडों के संदर्भ में पुनरुद्धार स्कीमों के संबंध में वित्तीय संस्थाओं और बैंकों ने अपना रवैया सख्त कर दिया है; लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि बी आई एफ आर रुग्णता के प्रति सख्त रवैया नहीं अपना रहा है।

पपप) आर्थिक नीतियों में हाल के उदारीकण के परिणामस्वरूप नई इकाइयों के प्रवेश की बढ़ी हुई आजादी के मद्देनजर इकाइयाँ बंद करने की स्वतंत्रता को भी और व्यापक बनाए जाने की जरूरत है और क्या इस स्थिति में बी आई एफ आर रुग्णता के संबंध में सख्त रवैया अपना सकता है।

पअ) परिसमापन में अनेक बाधाएँ हैं; ये कानून, कानून की व्याख्या, प्रक्रिया और कार्यान्वयन से संबंधित हैं। इनके परिणामस्वरूप परिसमापन में अनिवार्य रूप से विलम्ब होता है; कभी-कभी तो 50 वर्ष लग जाना भी असामान्य नहीं है। इसे तालिका 21.2 में देखा जा सकता है। इसमें

परिसमापन का नहीं होना न सिर्फ बी आई एफ आर प्रक्रियाओं के सुधारों को बाधित करता है अपितु यह किसी फर्म के निश्चित रूप से अव्यवहार्य हो जाने की स्थिति में भी उसके अनुरक्षण के लिए प्रोत्साहन देता है।

उपर्युक्त के मद्देनजर ‘‘पूँजी बाजार और वित्तीय क्षेत्र प्रोत्साहन‘‘ (कैपिटल मार्केट्स एण्ड फाइनेन्सियल सेक्टर इन्सेन्टिवस्) संबंधी प्रधान मंत्री की परिषद् विषय समूह ने बी आई एफ आर को समाप्त कर देने की सिफारिश की है। यह औद्योगिक पुनरुद्वार के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम होगा। यह मालिकों और प्रबन्धकों को यह संकेत देगा कि वे रुग्णता की शरण नहीं ले सकते हैं। इसके बदले में, उन्हें भूमि, भवन, पूँजीगत उपकरण इत्यादि के रूप में फंसी हुई सम्पत्तियों को विमुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें बी आई एफ आर के आशीर्वाद से आमूल-चूल परिवर्तन के भ्रम में पड़ने का बहाना छोड़ना होगा।

बोध प्रश्न 3
1) उन तीन श्रेणियों का उल्लेख कीजिए जिसमें आप औद्योगिक रुग्णता को वर्गीकृत कर सकते हैं।
2) उद्योग की रुग्णता समाप्त करने के उपाय बताएँ।
3) भारत में रुग्ण उद्योगों के प्रति सरकार की नीति की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
4) बी आई एफ आर क्या है? भारत में औद्योगिक रुग्णता की समस्या के समाधान में इसका क्या
योगदान रहा है?

शब्दावली
बड़े पैमाने की मित्व्ययिता/लागत ः उत्पादन के बढ़ते हुए पैमाने से इकाई लागत में कमी।
बाह्य स्रोत से प्राप्ति ः कोई भी उत्पाद या सेवा संगठन के अंदर सृजित नहीं करके संगठन से बाहर के स्रोत से प्राप्त करना।
विलय ः दो फर्मों का समामेलन जिसमें दोनों के शेयर धारक एक नई कंपनी बनाने के लिए अपने इक्विटी को मिलाने पर सहमत हो जाते हैं।
भौतिक आस्तियाँ ः भौतिक आस्तियाँ जैसे संयंत्र और मशीनें जिन्हें अमूर्त आस्तियों जैसे पेटेंट के मूल्य या फर्म की साख से अलग किया जा सकता है।
विपरीत विलय ः सुदृढ़ फर्म का कमजोर फर्म के साथ समामेलन।

 

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now