हिंदी माध्यम नोट्स
बारदोली सत्याग्रह किसे कहते हैं , कारण , कब हुआ नेतृत्व किसने किया Bardoli Satyagraha in hindi
Bardoli Satyagraha in hindi बारदोली सत्याग्रह किसे कहते हैं , कारण , कब हुआ नेतृत्व किसने किया ?
प्रश्न: बारदोली सत्याग्रह वास्तविक रूप में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का ग्रामीण आधार प्रस्तुत करता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: अनेक प्रांतों के विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन विरोधी गाँधीवादियों द्वारा लगातार रचनात्मक कार्य करते रहने से कांग्रेस ने धीरे-धीरे अपना ग्रामीण आधार बना लिया था। किंतु ग्रामीण संगठन के प्रति विशिष्ट गांधीवादी दृष्टिकोण से प्रभावित सबसे पहला महत्वपूर्ण आंदोलन 1928 में गुजरात के सूरत जिले के बारदोली में हुआ। गुजरात के सूरत जिले में स्थित बारदोली 1922 ई. के बाद राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया था। देश में एक तरफ साइमन कमीशन का विरोध किया जा रहा था। उन्हीं दिनों बारदोली के किसानों ने लगान वृद्धि के विरुद्ध संघर्ष प्रारम्भ किया। 1926-27 ई. में कपास के मूल्यों में गिरावट के बावजूद बम्बई सरकार ने बारदोली में राजस्व 22ः बढ़ा दिया। बाध्य होकर किसान अपनी भूमि बेचने के लिए तैयार थे, किन्तु मन्दी की वजह से कोई खरीददार नहीं था।
दुबला आदिवासियों ने लगानबंदी का आंदोलन चलाया। इन आदिवासियों को ‘कालीपरज‘ (काले लोग) कहा जाता था जिसे गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने बदलकर ‘रानीपरज‘ (वनवासी) कर दिया। किसानों की ओर से कांग्रेस नेताओं ने सरदार बल्लभ भाई पटेल से आंदोलन का नेतृत्व करने का अनुरोध किया। 4 फरवरी, 1928 ई. को बल्लभ भाई पटेल बारदोली पहुंचे। इनके नेतृत्व में बारदोली के किसानों ने लगान की अदायगी तब तक न करने का निर्णय किया जब तक कि सरकार किसी निष्पक्ष न्यायाधिकरण का गठन नहीं करती या पहले से दिए जा रहे लगान को ही पूरी अदायगी नहीं मानती। सरदार ने पूरे तालुके को 13 शिविरों में विभाजित कर प्रत्येक में एक अनुभवी नेता तैनात किया। इस तरह सत्याग्रह की शुरुआत हुई। अगस्त, 1928 ई. में गांधीजी बारदोली पहुंचे और उन्होंने घोषणा की कि यदि सरकार ने सरदार पटेल को गिरफ्तार किया तो वे किसानों का नेतृत्व करेंगे।
बारदोली सत्याग्रह में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इन महिलाओं में कस्तूरबा गांधी, मनी बेन पटेल (बल्लभ भाई पटेल की पुत्री), शारदा बेन शाह, मीठू बेन, भक्तिबा (दरबार गोपाल दास की पत्नी) और शारदा मेहता ने व्यापक रूप से जन सम्पर्क किया। बारदोली की औरतों ने ही पटेल को सरदार की उपाधि से विभूषित किया। रचनात्मक कार्य करने वाले गांधीजी को अपना नेता बताते थे। भाषणों और सत्याग्रह पत्रिका के लेखों में रोजाना इस बात पर बल दिया जाता था कि असली उत्पादक होने के नाते किसान और ग्रामीण मजदूर ही राज्य के मुख्य स्तंभ है। बारदोली. का महत्व इसलिए है कि शीघ्र ही यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। अन्त में सरकार ने एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल से इस मामले में जाँच करवाई।
मैक्सवेल-ब्रमफील्ड इन्क्वायरी कमेटी ने स्वीकार किया कि बारदोली के राजस्व का आकलन दोषपूर्ण था। गुजरात और दाराष्ट भर में राजस्व-संशोधन विरोधी अभियान चलाए गए। अतः, लगान वृद्धि 22% से घटाकर 6.03% कर दा गई। अंततरू 16 जलाई, 1929 को बम्बई सरकार ने सांविधानिक सुधारों के तत्कालीन चक्र के पूरा होने तक राजस्व के संशोधन का विचार त्याग दिया।
इस प्रकार यह अहिंसात्मक कृषक आंदोलन सफल हुआ। इस प्रकार गांधीवादी राष्ट्रवाद गुजरात के किसानों को कुछ ठोस लाभ दिलाने में सफल रहा। गांधीवादी आंदोलन न केवल ग्रामीण अपितु, शहरी समाज के भी विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग और संपत्ति की न्यासिता (ट्रस्टीशिप) पर बल देता था। बाद में तीस के दशक में किसान सभाओं के घोषणा-पत्रों में जमींदारी प्रथा की समाप्ति और ऐसी भू-व्यवस्था स्थापित करने की मांग देखने को मिलती है जिससे जमीन किसान की हो। 1930 के दशक में कांग्रेस के भीतर और बाहर के उग्रपरिवर्तनवादी नेतृत्व ने किसान सभा जैसे निकायों के रूप में अपनी शक्ति सुदृढ़ की।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…