हिंदी माध्यम नोट्स
AVO मीटर किसे कहते है , उपयोग क्या होता है avo meter can be used to measure what in hindi
avo meter can be used to measure what in hindi AVO मीटर किसे कहते है , उपयोग क्या होता है ?
मौखिक प्रश्न व उत्तर (Viva Voce)
प्रश्न 1. मल्टीमीटर क्या है?
उत्तर- यह एक चल कुण्डली धारामापी है जिसको उचित संशोधन करने d.c. अथवा a.c. दोनों परिपथों में विभव, धारा एवं प्रतिरोध मापने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।
प्रश्न 2. क्या इसे किसी अन्य नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर- हां। इसे AVO मीटर भी कहते हैं जहां A से तात्पर्य ऐम्पियर (या धारा), V से तात्पर्य वोल्ट (या विभव) तथा व् से तात्पर्य ओम या (प्रतिरोध) है।
प्रश्न 3. मल्टीमीटर की सुग्राहिता से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर- मल्टीमीटर की सुग्राहिता से तात्पर्य इसका प्रति एकांक वोल्ट पूर्ण स्केल विक्षेप के लिए प्रतिरोध है। इसका प्रतिरोध प्रति एकांक कोल्ट जितना अधिक होता है, उतनी ही इसकी सुग्राहित अधिक होती है। इसकी माप ओम/वोल्ट मात्रक में की जाती है। उदाहरण के लिए यदि मल्टीमीटर का प्रतिरोध 5000 ओम है तथा यह 5 वोल्ट विभव पर पूर्ण स्केल विक्षेप देता है तो इसकी सुग्राहिता 100 ओम/वोल्ट होगी।
प्रश्न 4. इसे a.c. तथा d.c. दोनों परिपथों में कैसे उपयोग में लाते हैं?
उत्तर- जब इसे d.c. परिपथ के बजाय a.c. परिपथ मे उपयोग में लाते है जो इसके साथ एवं पूर्ण दिष्ट जाता है जो नापे जाने वाले a.c. विभव या धारा को a.c. विभव या धारा में देता है। तब वह a.c. से में विभव या धारा का rms मान नापते है।
क्रियाकलाप (Activity)-3)
उद्देश्य (Object)ः
तीन बल्व. (on/off) स्विच, एक फ्यूज तथा एक विद्युत स्त्रोत घरेलू विद्युत परिपथ बनाया।
सामग्री (Material):
तीन बल्ब (तीनों 100 वॉट, 220 वोल्ट), तीन होल्डर, तीन (on/off) स्विच, एक फ्यूज (5 amp.), एक दो पिन प्लग, a.c. विद्युत स्त्रोत तथा लचीले संयोजक तार जिन पर लाल व काले रंग का अवरोधी आवरण हो।
सिद्धान्त (Theory):
घरेलू विद्युत परिपथ में सभी विद्युत उपकरण (जैसे टीवी, फ्रिज, बल्ब, ट्यूबलाईट पंखा आदि) विद्युत सी. के साथ परस्पर समान्तर क्रम में संयोजित किये जाते हैं जिससे सभी उपकरण समान वोल्टता पर प्रचालित हो सके तथा आवश्यकतानुसार उपकरणों को स्विच की सहायता से पृथक-पृथक रूप से प्रचालित किया जा सके। इसक अतिरिक्त प्रत्येक विद्युत उपकरण से वदध्विि स्विच को लाइव तार (फेस वॉयर) से जोड़ा जाता है अन्यथा यदि स्विट उदासीन तार से जुड़ा है तो स्विच के खुले (off) होने पर भी उपकरण से धारा बहती रहती है। इसी प्रकार फ्यूज तान को लाइव तार (फेस वायर) से जोड़ा जाता है जिससे विद्युत परिपथ में प्रवाहित धारा जैसे ही अधिकतम सीमा (फ्यूज तार की रेटिंग तथा उपकरणों के क्षतिग्रस्त होने की सीमा) को पार करे फ्यूज तार टूट जाये तथा परिपथ एवं उपकरक्षतिग्रस्त होने से बच जायें।
फ्यूज तार रेटिंग:
फ्यूज तार की रेटिंग का निर्धारण, परिपथ में जुड़े उपकरणों की अधिकतम धारा सहन करने की क्षमता तथ परिपथ के सभी उपकरणों को एक साथ ऑन करने पर मुख्य परिपथ से ली गई धाराओं के मान के आधार पर किय जाता है। जैसे-
तीन बल्बों (प्रत्येक 100 वॉट) को एक साथ ऑन करे पर
परिपथ में व्यय कुल शक्ति P = P1 + P2 + P3 = 300 वोट
अतः परिपथ द्वारा मेन्स से ली गई धारा I = ़ P/V= 300/220=1.4 एम्पियर
तथा सामान्यतः घरेलू उपकरणों की अधिकतम धारा सहन करने की क्षमता 5 एम्पियर होती है अतः इस परिपथ में 5 एम्पियर का फ्यूज तार जोड़ना उपयुक्त है।
परिपथ निर्माण विधि (Method of assembling the circuit):
1. सर्वप्रथम बल्ब के तीनों होल्डारों को एक लकड़ी के बोर्ड पर कस लेते हैं तथा तीनों बल्ब होल्डरों में लगा लेते हैं।
2. काले आवरण के तीन लचीले सम्बन्धन तार लेकर उनका एक-एक सिरा तीनों बल्बों के होल्डरों के एक-एक सिरे से
जोड़ देते हैं तथा दूसरे सिरे आपस में एक बिन्दु । पर जोड़ देते हैं।
3. अब लाल आवरण के लचीले सम्बन्धन तार लेते हैं तथा इनके एक-एक सिरे तीनों बल्बों के होल्डरों के दूसरे बचे सिरे
से जोड़ देते हैं तथा तार के दूसरे सिरे तीन स्विच लेकर उनके एक-एक सिरों से जोड़ते हैं। तत्पश्चात् तीन और लाल आवरण के सम्बन्धन तार लेकर तीनों स्विचों के दूसरे सिरे जोड़ते हैं तथा फिर इन तारों के दूसरे सिर आपस में एक बिन्दु B पर जोड़ देते हैं।
4. तत्पश्चात् एक लम्बा काला तार लेकर बिन्दु A से दो पिन प्लग च् के एक सिरे a को जोड़ते हैं। अब एक लम्बा लाल तार लेकर बिन्दु B से फ्यूज F का एक सिरा जोडते हैं. फिर फ्यूज के दूसरे सिरे को एक और लाल कार से जोड़कर लाल तार के दूसरे सिरे को दो-पिन प्लग P के दूसरे सिरे b से जोड़ देते हैं।
5. अब दो पिन प्लग को घर में लगे स्विच बोर्ड के दो पिन सॉकेट में लगाते हैं। ध्यान रहे कि प्लग की पिन । सॉकेट के बायीं ओर के छेद में तथा पिन व दायीं ओर के छेद में जाये क्योंकि सॉकेट में लाइव तार का सम्बन्ध बाया व उदासीन तार का सम्बन्ध दायीं ओर होता है।
6. अब एक-एक करके स्विच को ON व OFF करके बल्ब के जलने व बझने का परीक्षण करते हैं।
सावधानियाँ (Precautions):
1. प्रत्येक सम्बन्धन तार के दोनों सिरों के पास से अवरोधी आवरण हटा लेना चाहिए।
2. स्विच तथा फ्यूज को सदैव लाइव तार के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।
3. तीनों बल्ब परस्पर समान्तर क्रम में जोड़ने चाहिए।
4. स्विच को गीले हाथ से नहीं छूना चाहिए।
मौखिक प्रश्न व उत्तर (Viva Voce)
प्रश्न 1. आपके प्रयोग में विद्युत स्त्रोत क्या है?
उत्तर- मेन्स (कमरे में लगे स्विच बोर्ड का दो-पिन सॉकेट)
प्रश्न 2. यह विद्युत स्त्रोत कैसा है-ए.सी. अथवा डी.सी.?
उत्तर- ए.सी.।
प्रश्न 3. आप अपने घर पर किस वोल्टेज पर ए.सी. प्राप्त करते हो?
उत्तर- 220 वोल्ट पर।
प्रश्न 4. आपके प्रयोग में फ्यूज क्या है? इसका उपयोग समझाइए।
उत्तर- फ्यूज ऐसी युक्ति है जो किसी विद्युत परिपथ के लगे उपकरणों में बहने वाली धारा का मान अधिकतम सीमा से अधिक होने पर अधिक गर्म होकर तुरन्त टूट जाता है तथा उस संयंत्र से धारा प्रवाह बन्द हो जाता है। जिससे संयंत्र क्षतिग्रस्त होने से बच जाता है।
प्रश्न 5. फ्यूज तार किस पदार्थ का बना होता है?
उत्तर- यह टिन व सीसे की मिश्रधातु का बना होता है जिसका गलनांक कम तथा विशिष्ट प्रतिरोध उच्च होता है।
प्रश्न 6. फ्यूज तार की लम्बाई या मोटाई में से कौन-सी राशि अधिकतम धारा सीमा पर निर्भर करती है तथा किस प्रकार? .
उत्तर- फ्यूज तार की मोटाई अधिकतम धारा सीमा पर निर्भर करती है। धारा सीमा जितनी अधिक होती है, फ्यूज तार उतना ही मोटा होता है।
प्रश्न 7. फ्यूज तार को किस तार के साथ जोड़ा जाता है-लाइव तार से अथवा उदासीन तार से?
उत्तर- लाइव तार के साथ।
प्रश्न 8. आपके प्रयोग में प्रयुक्त संयोजक तार किस धातु के बने होते हैं?
उत्तर- तांबे के (क्योंकि तांबे का विशिष्ट प्रतिरोध कम होता है।) ये तार रबर या प्लास्टिक जैसे विद्युत अवरोधी पदार्थ से ढके रहते हैं।
प्रश्न 9. आप अपने प्रयोग में दो रंग के आवरण वाले तार क्यों प्रयुक्त करते हो?
उत्तर- क्योंकि रंग प्रथा के अनुसार लाल रंग के आवरण वाला तार लाइव तार व काले रंग के आवरण वाला तार उदासीन तार माना जाता है।
प्रश्न 10. स्विच क्या है?
उत्तर- स्विच वह युक्ति है जो परिपथ में धारा प्रवाह को चालू करने या रोकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। यह प्रायः एक ध्रुवीय
होता है जिसे व्छ या व्थ्थ् करके लाइव तार से परिपथ में लगे संयंत्र (जैसे-बल्ब) को जोड़ते या हटाते हैं।
प्रश्न 11. स्विच को किस तार के साथ जोड़ते हैं-लाइव तार अथवा उदासीन तार?
उत्तर- स्विच को सदैव लाइव तार के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं। यदि स्विच को उदासीन तार के साथ जोड हैं तो स्विच के व्थ्थ् होने पर भी विद्युत संयंत्र लाइव तार से जुड़ा रहता है तथा उसके तन्तु को छूने से झटका आ सकता है।
प्रश्न 12. आपने बल्बो को किस संयोजन में जोड़ा है-श्रेणी संयोजन में या समान्तर संयोजन में, तथा क्या?
उत्तर- समान्तर संयोजन में क्योंकि (i) समान्तर संयोजन में प्रत्येक बल्ब समान वोल्टेज (= मन्स के वाल्टज 220 – वोल्ट) पर कार्य करता है। अतः एक बल्ब के जले होने पर दूसरे बल्ब को और जलाने पर जलते हुए बल्ब की चमक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता तथा (पप) समान्तर क्रम संयोजन में एक बल्ब को ऑफ करने या इसके फ्यूज होने पर भी अन्य बल्ब जलते रहते हैं।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…