JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

संक्रमण तत्वों की परमाणु त्रिज्या , ऑक्सीकरण अवस्था Atomic radius of transition elements, oxidation phase

Atomic radius of transition elements, oxidation phase संक्रमण तत्वों की :

परमाणु त्रिज्या :

संक्रमण तत्वों की श्रेणी में बायें से दाएं जाने पर निम्न दो कारक परमाणु के आकार को प्रभावित करते है।

1. प्रभावी नाभिकीय आवेश :

बाएं से दाएं जाने पर नाभिक में प्रोटोन की संख्या बढ़ती है अर्थात नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है , बाह्य इलेक्ट्रॉन पर नाभिक का आकर्षण बल बढ़ता है अतः परमाणु का आकार कम होता जाता है।

2. परिरक्षण प्रभाव या आवरणी प्रभाव :

(N – 1 )d के इलेक्ट्रॉन nS के इलेक्ट्रॉन को प्रतिकर्षित करते है इस प्रभाव को परिरक्षण प्रभाव कहते है।  परिरक्षण प्रभाव बढ़ने पर परमाणु का आकार बढ़ता है।

उपरोक्त दोनों कारक एक दूसरे के विपरीत कार्य करते है अतः परमाणु के आकार में विशेष कमी नहीं होती।

Sc से लेकर Cr तक कारक प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक प्रभावी होता है जिससे परमाणु का आकार कम होता जाता है।

Mn से लेकर Ni तक प्रभावी नाभिकीय आवेश तथा परिरक्षण प्रभाव दोनों कारक एक दूसरे के प्रति संतुलित रहते है अतः आकार लगभग समान रहता है।

Cu व Zn में कारक परिरक्षण प्रभाव अधिक प्रभावी रहता है अतः आकार में वृद्धि हो जाती है।

नोट : प्रथम संक्रमण श्रंखला से द्वितीय संक्रमण श्रंखला में जाने पर आकार में वृद्धि होती है जबकि द्वितीय से तृतीय में जाने पर आकार लगभग समान होते है।  (लेथेनाइड संकुचन के कारण )

ऑक्सीकरण अवस्था :

1. ये परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था (संयोजकता ) प्रदर्शित करते है क्योंकि (N – 1 )d तथा nS कक्षको के मध्य ऊर्जा का अंतर कम होने के कारण दोनों कक्षको के इलेक्ट्रॉन बंध बनाने में भाग लेते है।

2. बाएं से दाएं जाने पर पहले अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ती जाती है अतः उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक बनाने की प्रवृति बढ़ती जाती है।

बाद में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या घटती जाती है जिससे ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक बनाने की प्रवृति बढ़ती है।

3. कॉपर सबसे कम ऑक्सीकरण +1 दर्शाता है जबकि Mn सबसे अधिक ऑक्सीकरण अवस्था +7 दर्शाता है।

4. कुछ तत्व d, d5 , d10 के अतिरिक्त स्थायित्व के कारण विशेष ऑक्सीाकरण अवस्था में स्थायी होते है।

5. F , O आदि अधिक विधुत ऋणिय तत्वों के कारण संक्रमण तत्व उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में पाएं जाते है क्योंकि अधिक विधुत ऋणिय तत्व इन्हे उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्सीकृत कर देते है।

6. निम्न ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्साइड क्षारीय प्रवृति के जबकि उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्साइड अम्लीय प्रवृति के होते है।

7. निम्न ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक आयनिक जबकि उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक सहसंयोजक प्रकृति के होते है।

8. निम्न ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक अपचायक प्रकृति के जबकि उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में यौगिक ऑक्सीकारक प्रकृति के होते है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

3 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

3 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now