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गाउस नियम के अनुप्रयोग , application of gauss law in hindi , theorem applications गौस की प्रमेय
गौस की प्रमेय application of gauss law in hindi , गाउस के नियम के अनुप्रयोग कक्षा 12 gauss theorem in hindi class 12 , गौस , गाउस का नियम :-
कूलॉम नियम द्वारा गाउस के नियम की उत्पत्ति : माना कोई बिंदु O जिस पर q आवेश स्थित है , इस आवेश को स्वेच्छिक बंद पृष्ठ में रखते है , इस q आवेश से r दूरी पर स्थित पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता –
बिंदु O पर स्थित आवेश q से r दूरी पर स्थित पृष्ठीय अल्पांश पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता –
E = kq/r2 समीकरण-1 (कूलाम नियम से)
पृष्ठीय अल्पांश (dS) से सम्बद्ध कुल फलस्क –
dΘ = E.dS (विद्युत फ्लक्स की परिभाषा से)
dΘ = E.dScosθ
सम्पूर्ण बंद पृष्ठ से सम्बद्ध कुल फलस्क –
Θ = ∫ E.dScosθ समीकरण-2
समीकरण-1 का मान समीकरण-2 में रखने पर –
Θ = ∫kq/r2 .dScosθ समीकरण-2
Θ = kq ∫Ω [धनकोण की परिभाषा से – dΩ = dScosθ/r2 ]
Θ = kq (4π) [सम्पूर्ण पृष्ठ का घनकोण ∫dΩ = 4π]
गाउसीय पृष्ठ : एक ऐसा काल्पनिक पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता समान हो , गाउसीय पृष्ठ कहलाता है। गाउसीय पृष्ठ को बन्द आकृति में परिवर्तित करने के लिए ऐसे पृष्ठों का चयन करते है जिनका तल या तो विद्युत क्षेत्र के समांतर हो या विद्युत क्षेत्र के लम्बवत हो।
गाउस के अनुप्रयोग
कम शब्दों में उत्तर निम्न प्रकार लिखे : गॉस के नियम का प्रमेय के अनुप्रयोग निम्न प्रकार है –
- गोलीय कोश के कारण विद्युत क्षेत्र:
गोले के बाहर विद्युत क्षेत्र : चूँकि हम जानते है कि कोश के कारण विद्युत क्षेत्र , बाह्य त्रिज्यीय होगा अत: हम एक गोलीय गाउसीयन सतह का चयन करते है। गाउसीय प्रमेय का इस गाउसीयन सतह के लिए उपयोग करने पर ∫ E.dS = Φnet = q/ε0
∫ E.dS (क्योंकि E सतह के लम्बवत है |)
E ∫dS (क्योंकि विद्युत क्षेत्र E का मान सतह पर नियत है |)
चूँकि ∫dS = गोलीय सतह का कुल क्षेत्रफल अत: ∫dS = 4πr2
- 4πr2= q/ ε0
अत: गोले के बाहर विद्युत क्षेत्र E = q/ ε04πr2
गोलीय कोश के अन्दर विद्युत क्षेत्र : कोश के अन्दर गोलीय गाउसीयन सतह का चयन करते है एवं इस सतह के लिए गाउस की प्रमेय का उपयोग करते है।
∫ E.dS = Φnet = q/ε0 = 0
∫ E.dS = 0
E ∫ dS = 0
∫ dS = 4πr2
E 4πr2 = 0
गोलीय कोश के अन्दर विद्युत क्षेत्र E = 0
2. ठोस गोले के कारण विद्युत क्षेत्र (समरूप वितरित आवेश Q एवं त्रिज्या R)
ठोस गोले के बाहर विद्युत क्षेत्र : विधुत क्षेत्र की दिशा त्रिज्यीय बाहर की ओर होती है अत: हम एक गोलीय गाउसीयन सतह का चयन करते है और गाउस की प्रमेय या नियम का उपयोग करते है –
∫ E.dS = Φnet = Q/ε0
∫ E.dS (क्योंकि E सतह के लम्बवत है |)
E ∫dS (क्योंकि विद्युत क्षेत्र E का मान सतह पर नियत है |)
चूँकि ∫dS = गोलीय सतह का कुल क्षेत्रफल अत: ∫dS = 4πr2
- 4πr2= Q/ ε0
ठोस गोले के बाहर विद्युत क्षेत्र E = Q/4πε0r2
ठोस गोले के अन्दर विद्युत क्षेत्र : ठोस गोले के अन्दर गतिय गाउसीयन सतह का चयन करते है।
और इस तरह के लिए गॉस प्रमेय का उपयोग करते है।
∫ E.dS = Φnet = qin/ε0 समीकरण-1
qin = [{(q)/(4πε0R3/3) } x 4πr3/3]/ε0
हल करने पर
qin = qr3/R3
qin का मान समीकरण 1 में रखने पर –
∫ E.dS = Φnet = qin/ε0
∫ E.dS = Φnet = qr3/ε0R3
∫ E.dS (क्योंकि E सतह के लम्बवत है |)
E ∫dS (क्योंकि विद्युत क्षेत्र E का मान सतह पर नियत है |)
चूँकि ∫dS = गोलीय सतह का कुल क्षेत्रफल अत: ∫dS = 4πr2
- 4πr2= Φnet= qr3/ε0R3
ठोस गोले के अन्दर विद्युत क्षेत्र E = qr/4πε0R3
या
E = kQr/R3
3. अन्नत लम्बे आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र (रेखीय आवेश घनत्व λ से समरूप वितरित आवेश)
अंनत तार के द्वारा विद्युत क्षेत्र त्रिज्यीय है अत: चित्रानुसार हम एक बेलनाकार गाउसीयन सतह का चयन करते है।
Φnet = qin/ε0 = λl/ε0
Φnet = ∫ E.dS = E ∫dS = E.(2πrl)
E.(2πrl) = λl/ε0
E = λl/ε0(2πrl)
E = 2kλl/r
4. अन्नत लम्बी आवेशित नलिका के कारण वैद्युत क्षेत्र (समरूप पृष्ठीय आवेश घनत्व σ)
नलिका के बाहर विद्युत क्षेत्र : एक बेलनाकार गाउसीयन सतह का चयन करते है।
Φnet = qin/ε0 = σ2πRl/ε0
Eout x 2πrl = σ2πRl/ε0
Eout = σR/rε0
नलिका के अन्दर E : नलिका के अन्दर बेलनाकार गॉसीयन सतह का चयन करते है।
Φnet = qin/ε0 = 0
अत:
Ein = 0
5. R त्रिज्या के अन्नत लम्बाई के ठोस बेलन के कारण विद्युत क्षेत्र (समरूप आयतन आवेश घनत्व ρ)
बाहर स्थित बिंदु के लिए वैद्युत क्षेत्र E : एक बेलनाकार गाउसीयन सतह का चयन करते है।
तथा गाउस के नियम या प्रमेय का उपयोग करते है।
E x 2πrl = qin/ε0 = ρ x πR2l/ε0
Eout = ρR2/2rε0
अन्दर स्थित बिंदु पर E : ठोस बेलन के अन्दर बेलनाकार गॉसीयन सतह का चयन करते है।
एवं गाउस प्रमेय का उपयोग करते है।
E x 2πrl = qin/ε0 = ρ x πr2l/ε0
Ein = ρr/2ε0
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