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गद्यांश के उत्तर सहित | अपठित गद्यांश और प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखे उदाहरण apathit gadyansh ka udaharan
apathit gadyansh ka udaharan गद्यांश के उत्तर सहित | अपठित गद्यांश और प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखे उदाहरण बताओ |
गद्यांश 1
आसमान में मुक्का मारना कोई बुद्धिमानी का काम नहीं समझा जाता। बिना लक्ष्य के तर्क करना भी बुद्धिमानी नहीं है। हमें भली-भांति समझ लेने की आवश्यकता है कि हमारा लक्ष्य क्या है? हम जो कुछ प्रयत्न करने जा रहे है वह किसके लिए है? साहित्य हम किसके लिए रचते है, इतिहास और दर्शन क्यों लिखते और पढ़ते है? मनुष्य ही वह बड़ी चीज है जिसके लिए सब यह किया करते है। हमारे सब प्रयत्नों का एक लक्ष्य है, मनुष्य वर्तमान दुर्गति के पंक से उद्धार पाए और भविष्य में सुख और शान्ति से रह सके। वह शास्त्र, वह ग्रन्थ, वह कला, वह नृत्य, वह राजनीति, वह समाज-सुधार जंजाल-मात्र है जिससे मनुष्य का भला न होता हों मनुष्य आज हाहाकार के भीतर त्राहि-त्राहि पुकार रहा है। हमारे राजनीतिक और सामाजिक सुधान से अन्न-वस्त्र की समस्या सुलझ सकती है फिर भी मनुष्य सुखी नहीं बनेगा। उसे सिर्फ अन्न-वस्त्र से ही सन्तोष नहीं होगा। इसके बाद काम करता है। मनुष्य नामक प्राणी तो पशुओं में ही एक विकसित प्रजाति है और यदि मनुष्यता के गुण और मूल्य उसमें नहीं हैं,, तो वह मनुष्य नामक पशु ही है, मनुष्य नहीं। भोजन करना, सोना और वंश-वृद्धि जैसे काम प्रकृति के द्वारा तय हैं, सच्चा मानव बनने के लिए उसे जो दृष्टि चाहिए उसे पाने में साहित्य सहायता हो सकता हैं।
1. आसमान में मुक्का मारने से आशय हैः
(A) लोगों का ध्यान आकर्षित करना
(B) अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करना
(C) वीरतापूर्ण कार्य करना
(D) निरर्थक कार्य करना
उत्तर- (D) निरर्थक कार्य करना
2. बुद्धिमानी नहीं है:
(A) निरुद्देश्य तर्क करना
(B) राजनीतिक आन्दोलन करना
(C) आसमान में मुक्का मारना
(D) निष्फल कार्य करना
उत्तर- (C) आसमान में मुक्का मारना
3. साहित्य, कला, नृत्य आदि व्यर्थ है यदि उनसे:
(A) मनुष्य का हित न हो सके (B) लक्ष्य न पाया जा सके
(C) धन न कमाया जा सके (D) यश प्राप्त न हो सके
उत्तर- (A) मनुष्य का हित न हो सके
4. अन्न वस्त्र आदि की समस्याएँ हल हो सकती हैः
(A) अच्छे साहित्य (B) आवश्यकताओं की पूर्ति से
(C) धन न कमाया जा सके (D) राजनीतिक आन्दोलनों से
उत्तर- (B) आवश्यकताओं की पूर्ति से
5. मनुष्य के लिए प्रकृति द्वारा तय कामों में नही हैः
(A) अन्न-वस्त्र की पूर्ति (B) मानवीय मूल्य न हों
(C) सोना (D) भोजन करना
उत्तर- (C) सोना
6. मनुष्य एक पशु ही है यदि उसमें:
(A) साहित्य के प्रति रुचि न हो (B) मानवीय मूल्य न हो
(C) सम्पन्नता न हो (D) सामाजिकता न हो
उत्तर- (B) मानवीय मूल्य न हो
7. दिए गए शब्दों में से अर्थ की दृष्टि से भिन्न शब्द छाँटिए।
(A) निशाना (B) लक्ष्य
(C) उद्देश्य (D) उद्धार
उत्तर- (D) उद्धार
8. अनुच्छेद में ‘जजाल‘ शब्द किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है?
(A) त्राहि-त्राहि (B) झंझट
(C) समस्या (D) प्रयत्न
उत्तर- (B) झंझट
9. ‘बुद्धिमानी‘ शब्द है
(A) विशेषण (B) क्रिया
(C) संज्ञा (D) सर्वनाम
उत्तर- (C) संज्ञा
गद्यांश 2
यह तो आप जानते है कि पृथ्वी प्रारम्भ में आग का गोला थी। मुझे ठीक-ठीक नहीं पता कि ऐसी आग में मुझे पानी का जन्म कैसे हुआ। लगता यह है कि हमारी पृथ्वी ज्यों-ज्यों ठण्डी होती गई तो उसमें मौजूद गैसों में क्रियाएँ हुई। हाइड्रोजन और आॅक्सीजन की रासायनिक क्रियाओं से मेरा जन्म हुआ है। इन दोनों ने अपना अस्तित्व मिटाकर मुझे बनाया। पहले मैं पृथ्वी के ऊपर के भाप रूप में ही था। फिर जाने क्या हुआ हक मैं ठोस बर्फ बन गया। कल्पना करो चारों ओर बर्फ ही बर्फ। जब सूर्य की किरणें हम पर पड़ती तो चारों और सौन्दर्य बिखर पड़ता। लाखों वर्षों तक इस रूप में रहने के बाद मैं फिसलने लगा क्योंकि बर्फ के ही दबाव से निचली परत पिघलने लगी थी। फिसलकर हम पहुँचे सागर में। वहाँ की तो बात ही निराली थी। वहाँ अब तक हमसे पहले पहुँचे पानी में छोटे-छोटे जीव तैरने लगे थे। घोंघे, मछलियाँ और कछुवे भी। धीरे-धीरे सृष्टि का विस्तार हुआ। जल के बाद स्थल में जीव बनने लगे और आज आप उसी श्ृांखला के अंग हैं और अपने को मनुष्य कहते है।
1. यह आत्मकथा किसकी है ?
(A) बर्फ की (B) पानी की
(C) मनुष्य की (D) पृथ्वी की
उत्तर- (B) पानी की
2. सबसे पहले जीवधारी कहाँ पैदा हुए ?
(A) बर्फ में (B) भाप में
(C) जल में (D) स्थल में
उत्तर- (C) जल में
3. बर्फ क्यों फिसलने लगी थी ?
(A) अपनी गर्मी से पिघल रही थी
(B) बर्फ के बोझ और दबाव से निचली परत पिघल रही थी
(C) पिघला दिया था
(D) समुद्र की लहरें आ गई थी
उत्तर- (B) बर्फ के बोझ और दबाव से निचली परत पिघल
रही थी
4. मनुष्य किस श्ृांखला का अंग है ?
(A) जीवधारियों की श्ृांखला का
(B) जलजीवों की श्ृांखला का
(C) प्राकृतिक श्ृांखला का
(D) प्राकृतिक परिवर्तन श्ृांखला का
उत्तर- (A) जीवधारियों की श्ृांखला का
5. चारों और सौन्दर्य………………………पड़ता।
(A) चमक (B) दमक
(C) बिफर (D) बिखर
उत्तर- (D) बिखर
6. कौन-से वाक्य में संज्ञा बहुवचन में नहीं है ?
(A) घर बनने लगे है (B) जीव जल में तैर रहे है
(C) घोंघे चल रहे है (D) कछुऐ की चाल देखें
उत्तर- (D) कछुऐ की चाल देखें
गद्यांश 3
अधिकतर लोगों की यही शिकायत होती है कि उन्हें पनपने के लिए सटीक महौल व संसाधन नहीं मिल पाए, नहीं तो आज वे काफी आगे होते और आज भी ऐसे कई लोग है, जो संसाधन और स्थितियों के अनुकूल कमी होने के इन्तजार में ,खुद को रोके हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए ही किसी विद्वान ने कहा है- इन्तजार मत किजिए और आगे सब बेहतर होता जाएगा। जिनके इरादे दृढ़ होते है, वे सीमित संसाधनों में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाते है।
नारायण ने महज दस हजार रुपये में अपने छः दोस्तों के साथ इन्फोसिस की शुरूआत की ओर आज इन्फोसिस आईटी के क्षेत्र की एक बड़ी कम्पनी है। करौली टैक्स, पहले अपने दाएँ हाथ से निशानेबाजी करते थे, मगर उनका दायां हाथ एक विस्फोट में चला गया। फिर उन्होंने अपने बाएँ हाथ से शुरूआत की और 1948 व 1950 में ओलम्पिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ंिलओनार्दो द विंची, रवीन्द्रनाथ टैगोर, टाॅमस अल्वा एडिसन, टेलीफोन के आविष्कार ग्राहक बेल वाॅल्ट डिज्नी-ये सब अपनी शुरूआती उम्र में कडस्लेक्सिया से पीड़ित रह चुके हैं, जिसमें पढ़ने में काफी कडिनाईयों का सामना करना पड़ता है, फिर भी ये सभी अपने-अपने क्षेत्र के शीर्ष पर पहुँचे। अगर ये लोग भी इसी तरह माहौल या संसाधनों की शिकायत और इन्तजार करते, तो क्या कभी उस मुकाम पर पहुँच पाते, जहाँ वे मौजूद हैं? अगर हमने अपना लक्ष्य तय कर लिया है, तो हमें उस तक पहुँचने की शुरूआत अपने सीमित संसाधनों से ही कर देनी चाहिए। किसी इन्तजार में नहीं रहना चाहिए। ऐसे में इन्तजार करना यह दर्शाता है कि हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नहीं है। इसलिए हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत कर जुट जाना होगा। इन्तजार करेंगे तो करते रह जाएँगे।
1. ‘समय एकदम अनुकूल कभी नहीं होता‘ यहाँ ‘एकदम‘ कस अर्थ है।
(A) पूर्णतः (B) अचानक
(C) तुरन्त (D) तत्काल
उत्तर- (A) पूर्णतः
2. ‘हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत कर जुट जाना होगा। ‘उपयुक्त वाक्य से बना संयुक्त वाक्य होगा।
(A) हमें इच्छाशक्ति को मजबूत करना है इसलिए जुट जाना
होगा।
(B) यदि हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना है तो जुट
जाना होगा।
(C) हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना होगा और जुट
जाना होगा।
(D) हमें जुट जाना होगा और फिर इच्छाशक्ति को मजबूत करना।
उत्तर- हमें अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना होगा
और जुट जाना होगा।
3. ‘डिस्लेक्सिया‘ शब्द है:
(A) देशज (B) आगत
(C) तत्सम (D) तद्भव
उत्तर- (B) आगत
4. ‘ऐसे लोगों के लिए ही किसी विद्वान ने कहा है‘ रेखांकित अंश का संकेत है:
(A) प्रतिकूल स्थितियों को अनुकूल बनाते लोग (B) दृढ़ इरादों वाले लोग
(C) अनुकूल परिस्थितियों में बढ़े लोग (D) अनुकूल परिस्थितियों की प्रतीक्षा कर रहे लोग
उत्तर- (A) प्रतिकूल स्थितियों को अनुकूल बनाते लोग
5. ‘नारायणमूर्ति, ग्राहम बेल आदि के उदाहरण क्यों दिए गए है?
(A) डिस्लेक्सिया से ग्रस्त होने के कारण
(B) सीमित संसाधन होने के कारण
(C) सफल अमीन होने के कारण
(D) प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सफलता पाने के कारण
उत्तर- (D) प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सफलता पाने के
कारण
6. ‘इन्तजार करेंगे जो करते रह जाएँगें‘ कथन का तात्पर्य है‘:
(A) स्थिति अनुकूल होने की प्रतीक्षा करना व्यर्थ है (B) प्रतीक्षा करने के लिए धैर्य होना आवश्यक है
(C) प्रतीक्षा कमी समाप्त नहीं होती (D) प्रतीक्षा करना ठीक नहीं
उत्तर- (A) स्थिति अनुकूल होने की प्रतीक्षा करना व्यर्थ है।
7. बच्चों में सृजनात्मक अभिव्यक्ति का विकास करने के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है:
(A) पढ़ी गई कहानी को संक्षेप में लिखना
(B) भूकम्प आने पर जो तबाही हुई उसके बारे में बपने
अनुभव लिखना
(C) दो दिन के अवकाश के लिए पत्र लिखना (D) मेरा आदर्श विद्यालय पर निबन्ध लिखवाना
उत्तर- (B) भूकम्प आने पर जो तबाही हुई उसके बारे में बपने अनुभव लिखना।
8. उच्च प्राथमिक स्तर पर हिन्दी सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में किसकी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं है?
(A) अभ्यास-पत्रक (B) प्रश्न-पत्र
(C) संचार-माध्यम (D) पाठ्य-पुस्तक
उत्तर- (C) संचार-माध्यम
गद्यांश 4
‘आदमी की तलाश‘ यह स्वर अकसर सुनने को मिलता है। यह भी सुनने को मिलता है कि आज आदमी, आदमी नहीं रहा। इन्हीं स्थितियों के बीच दार्शनिक राधाकृष्णन की इन पंक्तियों का स्मरण हो आया, ‘‘ हमने पक्षियों की तरह उड़ना और मछलियों की तरह तैरना तो सीख लिया है, पर मनुष्य की तरह पृथ्वी पर चलना और जीना नहीं सीखा।‘‘ जिन्दगी के सफर में नैतिक और मानवीय उद्देश्यों के प्रति मन में अटूट विश्वास होना जरूरी है। कहा जाता है- आदमी नहीं चलता, उसका विश्वास चलता है। आत्मविश्वास सभी गुणों को एक जगह बाँध देता है, यानी कि विश्वास की रोशनी में मनुष्य का सम्पूण्र व्यक्ति और आदर्श उजागर होता है। गेटे की प्रसिद्ध उक्ति है कि जब कोई आदमी ठीक काम करता हे तो उसे पता तब नहीं चलता ह कवह कया कर रहा है पर गलत काम करते समय उसे हर क्षण यह ख्याल रहता है कि वह जो कर रहा है,
वह गलत है। गलत को गलत मानते हुए भी इंसान गलत किए जा रहा है। इसी कारण समसयाओं एवं अँधेरों के अंबार लगे हैं लेकिन ऐस नहीं है। कुछ अच्छे लोग भी हैं, शायद उनकी अच्छाईयों के कारण ही जीवन बचा हुआ है। ऐसे लोगों ने नैतिकला और सच्चरित्रता का खिताब ओढ़ा नहीं, उसे जीकर दिखाया। वे भाग्य और नियति के हाथों खिलौना बनकर नहीं बैठे, स्वयं के पसीने से अपना भाग्य लिखां महात्मा गाँधी ने इसलिए कहा कि हमें वह परिवर्तन खुद बनना चाहिए, जिसे हम संसार में देखना चाहते है। जरूरत हे कि हम दर्पण जैसा जीवन जीना सीखंें उन सभी खिलाड़ियों को बन्द कर दें जिनसे आने वाली गन्दी हवा इंसान को नहीं रहने देती। मनुष्य के व्यवहार में मनुष्यता को देखा जा सकें यही‘ आदमी की तलाश‘ है।
1. ‘मन में अटूट विश्वास होना जरूरी है।‘ उपयुक्त वाक्य में ‘अटूट‘ शब्द व्याकरण की दृष्टि से हैः
(A) विशेषण (B) क्रिया-विशेषण
(C) संज्ञा (D) सर्वनाम
उत्तर- (A) विशेषण
2. मुख्य भाव के अनुसार गद्यांश का सबसे उपयुक्त शीर्षक हो सकता है:
(A) जीवन यात्रा (B) आदमी की तलाश
(C) मानवीय उद्देश्य (D) सच्ची मानवता
उत्तर- (A) जीवन यात्रा
3. सभी गुणों को एक स्थान पर जोड़ने की शक्ति किसमें बताई गई है?
(A) सच्चरित्रता में (B) आत्मविश्वास में
(C) मनुष्य में (D) नैतिकता में
उत्तर- (B) आत्मविश्वास में
- कौन-सा शब्द लिंग की दृष्टि से शेष से भिन्न हैः
(A) मछली (B) पृथ्वी
(C) पक्षी (D) नदी
उत्तर- (C) पक्षी
5. ‘आदमी आदमी नहीं रहा‘ कथन का भाव हैः
(A) मानव प्रगतिशील हो गया
(B) मनुष्य में मनुष्यता नहीं रही
(C) आदमी देवता बन गया
(D) मनुष्य राक्षस जैसा बन गया
उत्तर- (B) मनुष्य में मनुष्यता नहीं रही
6. अनुचित कार्य करते समय मनुष्य को:
(A) विश्वास रहता है क किसी का पता नही चलेगा।
(B) अच्छे मार्ग से कुछ पाने का भरोसा नहीं होता।
(C) पता ही नहीं होता है कि ठीक नहीं कर रहा।
(D) मालूम रहता है कि ठीक नहीं कर रहा।
उत्तर-(D) मालूम रहता है कि ठीक नहीं कर रहा।
7. ‘अँधेरों के अंबार लगे है‘ रेखांकित का भाव है:
(A) विध्न-बाधाओं के (B) दुर्भाग्य के
(C) अन्धकार के (D) बुराइयों के
उत्तर- (D) बुराइयों के
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