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प्रतिहिम पदार्थ का नाम बताइये , एक मोलल तथा एक मोलर विलयन में से कौनसा विलयन अधिक सान्द्र है ?
antifreeze solution in hindi , प्रतिहिम पदार्थ का नाम बताइये , एक मोलल तथा एक मोलर विलयन में से कौनसा विलयन अधिक सान्द्र है ? :-
प्रश्न : समपरासरी विलयन किसे कहते है ?
उत्तर : दो समान सांद्रता वाले विलयन जिनके परासरण दाब समान होते है उन्हें समपरासरी विलयन (isotonic solution) कहते है।
समपरासरी के लिए –
π1 = π2
C1 = C2
n1/V1 = n2/V2
W1/M1V1 = W2/M2V2
प्रश्न : अतिपरासरी विलयन किसे कहते है ?
उत्तर : दो अलग अलग विलयनो में से वह विलयन जिसका परासरण दाब ज्यादा होता है उसे अतिपरासरी (hypertonic solution) कहते है।
प्रश्न : अल्प परासरी विलयन किसे कहते है ?
उत्तर : दो अलग अलग विलयनो में से वह विलयन जिसका परासरण दाब कम होता है अल्प परासरी (hypotonic solution) कहते है।
नोट : रुधिर कोशिकाओ में स्थित द्रव की सांद्रता 9% W/V NaCl के विलयन के समान होती है . यदि रुधिर कोशिकाओ को जल में डाल दिया जाए तो उनमे परासरण के कारण जल प्रवेश कर जायेगा तथा वह स्थूल होकर फट जाएगी।
नोट : जो मनुष्य अधिक नमक का सेवन करते है , उनमे कोशिकाओ से जल बाहर निकल कर अंतरा कोशिकीय स्थानों पर चला जाता है जिससे सुजन आ जाती है इसे edma (शौफ) कहते है।
प्रश्न : व्युत्क्रम परासरण व प्रतीप परासरण किसे कहते है ? इसका एक उपयोग लिखिए।
उत्तर : जब विलयन की सतह पर परासरण दाब से अधिक दाब डाला जाता है तो जल के अणु विलयन से विलायक (जल) में प्रवेश करते है इसे व्युत्क्रम परासरण कहते है।
नोट : व्युत्क्रम परासरण द्वारा समुद्री जल को शुद्ध जल में बदला जाता है।
नोट : जिन संयत्रों में यह क्रिया की जाती है उन्हें विलवणीकरण संयंत्र कहते है।
असामान्य मोलर द्रव्यमान
अणुसंख्यक गुणों की सहायता से विलेय पदार्थ का सही सही मोलर द्रव्यमान भी ज्ञात किया जा सकता है। निम्न परिस्थितियां लागू हो
- विलयन तनु होना चाहिए
- वह विलयन राउल्ट नियम का पालन करना चाहिए।
- विलयन में विलेय पदार्थ का न तो वियोजन न संगुणन होना चाहिए।
नोट : ग्लूकोज , सुक्रोज , यूरिया आदि विलेय पदार्थो का विलयन में न तो वियोजन होता है न संगठन होता है।
जब किसी विलयन में विलेय पदार्थो का वियोजन या संगुणन हो जाता है तो प्रेक्षित मोलर द्रव्यमान सैधांतिक मोलर द्रव्यमान से भिन्न आता है इसे असामान्य मोलर द्रव्यमान कहते है।
वियोजन के निम्न उदाहरण है –
NaCl ⇌ Na+ + Cl–
CaCl2 ⇌ Ca2+ + 2Cl–
AlCl3 ⇌ Al3+ + 3Cl–
Al2(SO4)3 ⇌ 2Al3+ + 3SO42-
K4[Fe(CN)6] ⇌ 4K+ + [Fe(CN)6]4-
अत: जब किसी विलयन में विलेय पदार्थ का वियोजन होता है तो विलेय पदार्थ के कणों की संख्या तो बढ़ जाती है परन्तु प्रेक्षित अणुभार सैधान्तिक अणुभार से कम आता है जैसे NaCl तथा CaCl2 के प्रेक्षित अणुभार सैदान्तिक अणुभार से लगभग आधा तथा एक तिहाई आता है।
एसिटिक अम्ल , बेंजीन विलायक में संगुणित हो जाता है , यह अंतराअणुक हाइड्रोजन बंध के कारण यह द्विलक के रूप में पाया जाता है।
उदाहरण : 2CH3-COOH → (CH3-COOH)2
उदाहरण 2C6H5-COOH → (C6H5-COOH)2
संगुणन से विलेय पदार्थो के कणों की संख्या कम हो जाती है परन्तु प्रेक्षित अणुभार सैधांतिक अणु भार से अधिक होता है।
जैसे :- CH3-COOH का सैधांतिक का अणुभार 60 है परन्तु हाइड्रोजन बंध के कारण इनके दो अणु मिल जाते है अत: प्रेक्षित अणुभार 120 आता है।
- इसे निम्न सूत्र से व्यक्त करते है –
i = विलेय के प्रेक्षित मोल/विलेय के सैधांतिक मोल
विलेय के प्रेक्षित मोल तथा विलेय के सैदान्तिक मोल के अनुपात को वांट हॉफ गुणांक कहते है।
i = अणु संख्यक गुणों के प्रेक्षित मान/अणु संख्यक गुणों के सैदान्तिक मान
अणुसंख्यक गुणों के सभी मान विलेय के अणुभार के व्युत्क्रमानुपाती होते है अत:
i = विलेय का सैदान्तिक अणुभार/विलेय का प्रेक्षित अणुभार
नोट : i = 1 है तो न तो वियोजन होगा न संगुणन
i > 1 है तो विलेय का वियोजन होगा
i<1 है तो विलेय का संगुणन होगा।
प्रश्न : प्रतिहिम पदार्थ का नाम बताइये।
उत्तर : वे पदार्थ जो जल के हिमांक को कम कर देते है उन्हें प्रतिहिम पदार्थ कहते है। उदाहरण : एथिलीन ग्लाइकोल
प्रश्न : एक मोलल तथा एक मोलर विलयन में से कौनसा विलयन अधिक सान्द्र है ?
उत्तर : 1 मोलल विलयन का अर्थ है 1000 ग्राम विलायक अर्थात जल लेकर उसमे एक मोल विलेय को घोला जाता है जबकि एक मोलर विलयन का अर्थ है 1 लीटर जलीय विलयन में 1 मोल विलेय घुला हुआ है अर्थात एक मोलर विलयन में जल की मात्रा कम है अत: एक मोलर विलयन अधिक सान्द्र है।
प्रश्न : बहुलको का अणुभार ज्ञात करने की परासरण दाबमापी विधि सबसे अधिक उपयुक्त है क्यों ?
उत्तर : बहुलक उच्च ताप पर अस्थायी होते है जबकि परासरण दाबमापी विधि में कमरे के ताप पर ही परासरण दाब ज्ञात किया जा सकता है।
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