JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

प्रतिजैविक औषधि का नाम क्या है ? प्रतिजैविक औषधि किसे कहते हैं antibiotics meaning in hindi

(antibiotics meaning in hindi) प्रतिजैविक औषधि का नाम क्या है ? प्रतिजैविक औषधि किसे कहते हैं ?

औषधियाँ

 औषधियाँ रोगों के इलाज में काम आती हैं। वे पदार्थ जो किसी रोग को रोकने, आराम पहुंचाने या उपचार के लिए उपयोग में आते हैं, औषधि कहलाते हैं। प्रारम्भ में औषधियाँ पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं से प्राप्त की जाती थीं।

 ज्वरनाशीः ये शरीर के ताप को कम करके ज्वर समाप्त करने में काम आती हैं। इनका प्रयोग लम्बे समय तक नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को कमजोर करती हैं। उदाहरण- ऐस्प्रीन, पैरासिटामॉल, फिनासीटिन आदि।

 दर्द निवारकः ये औषधियाँ दर्द निवारण के काम आती है। उदाहरण- एस्प्रीन, नोवेलजीन, ब्रुफेन, ऐनॉलजीन आदि।

 कुछ नार्कोटिक्स (अफीम युक्त), जैसे- मॉर्फीन, कोडीन, मारीजुआना, हेरोइन आदि का उपयोग भी दर्द निवारक के रूप में किया जाता है, किन्तु ये निश्चेतक एवं निद्राकारी दोनों ही प्रभाव दर्शाते हैं।

 ऐस्प्रीनः ऐस्प्रीन एक सामान्य ज्वरनाशी है। इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह सेलीसिलिक अम्ल उत्पन्न करता है जो पेट की आँत में व्रण कर सकता है, जिससे पेट के भीतर रक्तस्राव शुरू हो सकता है। ऐस्प्रीन के कैल्शियम और सोडियम लवण ज्यादा घुलनशील एवं कम हानिकारक हैं।

 प्रतिरोधीः ये वे रसायन हैं जो मानव ऊतकों को हानि पहुंचाए बिना जीवाणुओं की वृद्धि को रोकते हैं। इनका उपयोग कटे घावों, अल्सर तथा त्वचा की सतहों पर लगाने के लिए किया जाता है।

 क्लोरोमीन, मरक्यूरोक्रोम, डिटॉल, बाइथायोनल, 0.2 प्रतिशत फीनॉल का घोल, टिंक्चर आयोडीन आदि मुख्य प्रतिरोधी हैं। डिटॉल, क्लोरोजाइलिनॉल तथा टरपीनिऑल का मिश्रण होता है। बाइथायोनल का उपयोग साबुन में प्रतिरोधी गुण प्रदान करने के लिए किया जाता है।

 प्रशान्तकः ये औषधियाँ मानसिक दबाव, मन्द एवं तीव्र मानसिक बीमारियों के उपचार में प्रयुक्त की जाती हैं। ये चिन्ता, दबाव, चिड़चिड़ापन या उत्तेजना में आराम प्रदान करती हैं। बारबीट्यूरिक अम्ल, ल्यूमिनल, सैकोनल, वैरोनल आदि निद्रालु प्रशान्तक औषधियाँ हैं, जबकि मैप्रोबैमेट व इक्वानिल अनिद्रालु प्रशान्तक हैं।

 निश्चेतकः निश्चेतक मुख्यतः संवेदना को कम करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं। उदाहरण – क्लोरोफॉर्म, पेन्टोथल सोडियम हेलोथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोप्रोन, कोकीन, डायजीपाम डाइएथिल ईथर आदि। शुद्ध क्लोरोफॉर्म का हृदय पर कुप्रभाव पड़ता है। अतरू क्लोरोफॉर्म को 30प्रतिशत ईथर के साथ मिलाकर प्रयोग में लाते हैं।

 प्रतिजैविकः ये यौगिक कुछ सूक्ष्म जीवोंय जैसे- बैक्टीरिया, कवक, फफूंद आदि द्वारा उत्पन्न किये जाते हैं तथा संक्रमण करने वाले अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं को समाप्त करने में सहायक होते हैं। प्रतिजैविक औषधियाँ अन्य दूसरे प्रकार के जीवाणुओं को मारती हैं तथा उनकी वृद्धि को रोकती हैं।

 ए. फ्लेमिंग ने 1929 में सर्वप्रथम पेनिसिलीन नामक एन्टीबॉयोटिक की खोज की। यह निमोनिया, ब्रोन्काइटिस व गले के घावों में उपयोगी है। प्रतिजैविक के अन्य उदाहरण हैं – स्ट्रेप्टोमाइसिन-ए, क्लोरोमाइसीटीन, टेट्रासाइक्लिन, जेन्टामाइसिन, रिफामाइसिन आदि।

 सल्फा ड्रग्सः इनमें मुख्य रूप से सल्फर व नाइट्रोजन पाई जाती हैं। ये दवाएँ कुछ जीवाणुओं के प्रति अत्यन्त प्रभावी होती हैं। सल्फानिलैमाइड स्वयं एक औषधि है तथा इससे अन्य बेहतर औषधियाँय जैसे- सल्फा पिरीडीन (निमोनिया रोग), सल्फाडाइजीन, सल्फाग्वानीडीन (दमा बन्द करने की दवा), सल्फाथायोजाल आदि निर्मित की जाती है। स्ट्रेप्टोकॉकस बैक्टीरिया से उत्पन्न ड्रग्स संक्रामक रोगों के विरुद्ध उपयोग में लायी जाती है।

काँच

 क्षारीय धातुओं के सिलिकेटों के अक्रिस्टलीय पारदर्शक या अल्प पारदर्शक समांगी मिश्रण को काँच कहते हैं। यह एक अक्रिस्टलीय पारदर्शी ठोस है। इसे अतिशीतित द्रव भी कहा जाता है। इसमें मुख्यतः सिलिका होता है।

सर्वप्रथम मिन में काँच का निर्माण हुआ था।

ये निम्न प्रकार के होते हैं-

(1) सोडा या मृदु काँच सोडियम कैल्शियम सिलिकेट है। यह सामान्य काँच है तथा बोतल, खिड़की के परदे, आदि बनाने में प्रयुक्त होता है।

(2)  पोटाश काँच या कठोर काँच में पोटैशियम उपस्थित होता है इसकी मृदुता ताप, उच्च होता है। यह रासायनिक उपकरणोंय जैसे- बीकर, कीप, फ्लास्क आदि के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

(3)  क्राउन काँच में पोटैशियम ऑक्साइड, बेरियम ऑक्साइड, बोरिक ऑक्साइड तथा सिलिका उपस्थित होता है। वह प्रकाशिक उपकरणों में प्रयुक्त किया जाता है।

(4) फ्लिण्ट काँच में लेड ऑक्साइड उपस्थित होता है। इसका प्रयोग प्रकाशिक उपकरणोंय जैसे- लैन्स, प्रिज्म आदि के निर्माण में किया जाता है।

(5)  क्रुक्स काँच में सीरियम ऑक्साइड उपस्थित होता है। इसका प्रयोग धूप के चश्मे बनाने में किया जाता है, क्योंकि यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है।

(6)  जेना काँच में तथा ऐलुमिना उपस्थित होता है, यह प्रबल (मजबूत) होता है तथा अम्लों व क्षारों का प्रतिरोधी होता है। अतरू इसका प्रयोग प्रयोगशाला में अम्ल तथा क्षारों को रखने वाली बोतलें बनाने में किया जाता है।

(7) दूधिया काँच टिन ऑक्साइड, कैल्शियम फॉस्फेट, या क्रायोलाइट को गलित काँच में मिलाकर प्राप्त किया जाता है।

(8) लेमिनेटेड काँच काँच की पर्तों के बीच बहुलक की पट्टियों को स्थिर करके बनाया जाता है, इसका प्रयोग खिड़की, कार, ट्रेन तथा हवाई जहाज के शीशे बनाने में किया जाता है। विशिष्ट प्रकार से बनाए गए लेमिनेटेड काँच का प्रयोग गोलीरोधक सामग्री बनाने में प्रयोग किया जाता है।

काँच के रंग

रंग पदार्थ

लाल क्यूप्रस ऑक्साइड

हरा क्रोमियम ऑक्साइड

बैंगनी मैंगनीज ऑक्साइड

नीला कोबाल्ट ऑक्साइड

भूरा आयरन ऑक्साइड

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

3 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

3 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now