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प्रतिजैविक औषधी , पूतिरोधी व विसंक्रामी में अंतर Antibiotics in hindi
प्रति सूक्ष्म जैविक औषधि (Microbiological drug) :
वे रसायन जो सूक्ष्म जीव जैसे – कवक , जीवाणु , फफूंद आदि की वृद्धि रोक देते है या उन्हें नष्ट कर देते है उन्हें प्रतिसूक्ष्म जैविक औषधि कहते है , इन्हे तीन भागों में वर्गीकृत किया गया हैं।
- प्रति जैविक औषधी (anti biotics )– वे रसायन जो सूक्ष्म जीव जैसे जीवाणु , कवक , फफूंद आदि से तैयार किये जाते है तथा दूसरे हानिकारक जीव जो मनुष्य में संक्रामक रोग उत्पन्न कर देते है या उनकी वृद्धि को रोक देते है उन्हें प्रति जैविक औषधि कहते है।
उदाहरण : सैल्वरसेन (सिफलिक रोग के उपचार में )
सल्फापिरिडीन , प्रोटोन्सिल , सल्फेनिल , ऐमाइड
p पेनिसिलिन e एरिथ्रोमाइसिन
A ऐमिनोग्लाइकोसाइड t टेट्रा साइक्लीन
o ओफ्लोक्सासिन c क्लोरोगफेनीडॉल
प्रश्न 1 : ब्रॉड स्पैक्ट्रम (विस्तृत) प्रतिजैविक औषधि किसे कहते है ?
उत्तर : बह प्रतिजैविक औषधि जो एक साथ कई रोगों के निदान के काम आती है जो विस्तृत स्पेक्ट्रम कहलाती है।
जैसे : ओफ्लोक्सासिन , बेंडोमाइसीन , क्लोरेमफैनीडॉल
- पूतिरोधी (Antitoxic)
वे रसायन जो सूक्ष्म वृद्धि को रोक देते है या उन्हें मार देते है परन्तु जीवित उत्तको को विपरीत प्रभाव नहीं डालते है उन्हें पुतिरोधी कहते है।
उदाहरण : डेटोल , टिंक्चर आयोडीन , सोफरामाइसिन , फ्यूरॉसिस
प्रश्न 2 – टिंक्चर आयोडीन क्या है ?
उत्तर : एल्कोहल व जल का मिश्रम जिसमे 2.3 % आयोडीन होती है , यह एक पुतिरोधी है।
प्रश्न 3 : डेटॉल के घटक बताइये।
उत्तर :
- क्लोरो जाइलिनॉल
- टर्पिनियोल
- विसंक्रामी या रोगाणु नाशी (disinfectants) :
वे रसायन जो सूक्ष्मजीवों को मार देता है परन्तु जीवित उत्तकों पर इन्हे प्रयुक्त नहीं किया जाता है उन्हें विसंक्रामी कहते है।
उदाहरण : फीनॉल , सल्फर डाई ऑक्साइड
नोट – सांद्रता में परिवर्तन करने से एक ही पदार्थ को पूतिरोधी या रोगाणुनाशी के रूप में बदला जा सकता है।
उदाहरण – फीनॉल का 2% विलयन पुतिरोधी
जबकि फिनॉल का 1% विलयन रोगाणुनाशी
नोट – रोगाणु नाशी का उपयोग निर्जीव वस्तुओं पर किया जाता है , जैसे – फर्श , दिवार , टॉयलेट , टाइल्स , शल्य चिकित्सा में काम आने वाले उपकरण
प्रश्न 4 : पूतिरोधी व विसंक्रामी में अंतर लिखिए।
उत्तर –
पूतिरोधी | विसंक्रामी |
1. ये सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोक देते है | सूक्ष्म जीवों को मार देता है |
2. जीवित उत्तकों पर प्रयुक्त होता है | त्वचा पर प्रयुक्त नहीं किया जा सकता |
3. इनकी अल्प मात्रा प्रभावी होती है | इनकी अधिक मात्रा प्रभावी होती है |
4. इनका प्रभाव दीर्घकाल तक बना रहता हैं | इनका प्रभाव कम समय तक बना रहता है |
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