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प्राणी जगत कक्षा 11 notes animal kingdom class 11 notes in hindi pdf download neet biology

By   June 26, 2023

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प्राणि जगत pdf download

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प्राणि जगत, या प्राणिसंघ, जीव जगत को कहा जाता है जिसमें हमारे पृथ्वी पर जीवित प्राणियाँ हैं। यह जगत सभी जीवों को सम्मिलित करता है, जिनमें पशु, पक्षी, कीट, जंतु और मनुष्य शामिल होते हैं।

प्राणि जगत में विविधता होती है और इसमें अनेक प्रकार के जीवों की एक संगठनिक और परस्पर जीवन प्रणाली होती है। यह जगत संतुलन और संघटन के एक महत्वपूर्ण अंग है और इसमें एक प्राकृतिक जीवन चक्र होता है जिसमें प्राणी एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और एक दूसरे के साथ संघर्ष और सहयोग करते हैं।

प्राणि जगत में जीवों का एक प्रमुख विशेषता है कि वे उपयोग कर सकते हैं, सोच सकते हैं और अपने पर्यावरण में अपने आप को एडेप्ट कर सकते हैं। यह जगत भूमिका निभाता है जहाँ जीवों को आहार, सुरक्षा, प्रजनन, और सामाजिक संघर्ष की आवश्यकता होती है।

प्राणि जगत मानव समुदाय के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा समुदाय प्राकृतिक जीवों से जुड़ा हुआ है और हमें उनसे निरंतर मिलना पड़ता है। हमारी खाद्य सप्लाई, वनस्पति ओकेन, जल, और हवा जैसे संसाधनों के लिए हम प्राणि जगत पर निर्भर हैं। हमारा जीवन प्रणाली में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे बायोमीमिक्री, जीवाणु विज्ञान, और आयुर्वेद जैसी विज्ञानों के द्वारा हम प्राणि जगत के साथ संघर्ष और सहयोग करते हैं।

संघ पोरिफेरी
गैस्ट्रोडम

गैस्ट्रोडम (Gastropoda) एक प्रमुख शंखपाद जीव वर्ग है जो मुख्य रूप से सफेद मात्स्यिकी जैसे कांचीली जीवों को सम्मिलित करता है। इस वर्ग में कोशिका-ढाँचेवाले संघ होते हैं, जिन्हें गैस्ट्रोपोड कहा जाता है। ये जीव उभयचर (ड्विलैटरल) होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनका शरीर दोनों तरफ से बराबर विकसित होता है।

गैस्ट्रोडम के सदस्यों की अधिकांशता में स्नायुमय गोलाकार शरीर होता है, जिसे वर्म (विलोचनशोणित) के रूप में भी जाना जाता है। इसके आधार पर, उन्हें सीप के रूप में भी पुकारा जाता है। गैस्ट्रोडम के सदस्यों में विभिन्न आकार और आकृति के शंख देखे जाते हैं, जो उनके शरीर के समरूपीकरण की वजह से होते हैं। उनकी संरचनाएँ तरंगित या बुढ़ापे के कारण स्क्रीप्ट की तरह होती हैं जिसे कीट जीवों की एक उपनिवेशित गुफा के रूप में पहचाना जा सकता है।

गैस्ट्रोडम के सदस्य अकेले या समूहों में पाए जा सकते हैं और विभिन्न आहार पदार्थों को खाते हैं। इन्हें सामान्यतः जलीय, स्थलीय और समुद्री माहियों में पाया जाता है। गैस्ट्रोडम के सदस्यों में सभी की श्वसन द्वारा पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्ति की क्षमता होती है।

गैस्ट्रोडम जीवों में कुछ प्रमुख उदाहरण शामिल हैं, जैसे कि सागरीय सीप, स्नेल, कंकड़, और आंवला जैसे प्रजनन कीट। ये जीव आमतौर पर खाद्य स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण होते हैं और मानवों के द्वारा खाये जाने वाले शंखों के रूप में व्यापक उपयोग होते हैं।

एस्कॉन

एस्कॉन (Escrow) एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें दो संबंधित पक्षों के बीच एक मध्यस्थ व्यक्ति या संस्था द्वारा धनराशि या संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी ली जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, पहले पक्ष धनराशि या संपत्ति को एस्क्रो व्यक्ति या संस्था के पास जमा करता है, जो इसे सुरक्षित रखता है, और बाद में जब निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं, तो धनराशि या संपत्ति उचित व्यक्ति को सौंप दी जाती है।

एस्क्रो प्रक्रिया का उपयोग विभिन्न लेन-देन और व्यापारिक संवादों में किया जाता है। यह सुरक्षित वित्तीय लेन-देन को सुनिश्चित करने में मदद करता है, जहां दोनों पक्षों के बीच विश्वासयोग्यता, सामंजस्य और सुरक्षा को बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।

उदाहरण के लिए, यदि आप एक ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं, तो आप धनराशि को एस्क्रो खाते में जमा कर सकते हैं। फिर, जब आपको उत्पाद या सेवा मिलती है और आप इससे संतुष्ट

होते हैं, तो एस्क्रो व्यक्ति धनराशि को विक्रेता को सौंप देगा। इस प्रकार, एस्क्रो प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आपका पैसा समय पर और विश्वासयोग्यता के साथ पहुंचेगा, और विक्रेता को यह सुनिश्चित होता है कि वह पूरी उपयोगिता प्रदान करने के बाद ही भुगतान प्राप्त करेगा।

एस्क्रो प्रक्रिया वित्तीय सौदों, अचल संपत्ति लेन-देन, संबंधों के बंदोबस्त में और अन्य संबंधित क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।

साइकॉन

साइकॉन (Cycads) एक प्राचीन वनस्पति परिवार है जो उबाशी (ग्यारहज्योटि) वनस्पतियों के समूह को सम्मिलित करता है। ये वनस्पतियाँ प्राचीन काल से मौजूद हैं और इनकी उपस्थिति पूरी दुनिया में पाई जाती है। साइकॉन की पहचान करने के लिए आमतौर पर इनकी घास या पत्तियों की विशेष सदृशता का ध्यान दिया जाता है।

साइकॉन के पेड़ या झाड़ी काफी महत्वपूर्ण होते हैं। ये लंबे स्तंभों और पेड़ों के रूप में उभरते हैं और उनकी ऊँचाई १० फीट से लेकर २० फीट तक हो सकती है। साइकॉन के पत्ते घने होते हैं और आकार में विभिन्नताएं हो सकती हैं, लेकिन आमतौर पर यह बड़े, सबुक्तों के समान और मुख्य नग वाले होते हैं।

एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि साइकॉन के पत्ते सरकना या आराम से घुमाने के लिए नहीं होते हैं। इसके बजाय, उनके नाश्ते साइकॉन के मध्य भाग में पट्टियों के रूप में पढ़ जाते हैं। इस प्रकार, साइकॉन के पत्ते की संरचना इन्हें पालने के लिए कार्यक्षमता प्रदान करती है और उन्हें गर्मी और तनाव के खिलाफ संरक्षित रखती है।

साइकॉन के फूल भी महत्वपूर्ण होते हैं और इनका विशेष महत्व है। इनके फूल अक्सर बड़े होते हैं और इन्हें संतरा, पीले, लाल या सफेद रंग के होते हैं। इन फूलों का बड़ा और आकर्षक आकार होता है, जो कीट प्रजनन को आकर्षित करता है।

साइकॉन वनस्पति की प्रमुख पहचानें उनके पत्तों, पेड़ों और फूलों के आधार पर की जाती हैं। ये वनस्पतियाँ विभिन्न भूमिगत क्षेत्रों में पाई जाती हैं और उनका महत्वपूर्ण योगदान वनस्पति समृद्धि और पर्यावरणीय संतुलन में होता है।