JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Basic computer

Analog compter in hindi एनालॉग कंप्यूटर क्या है , एनालॉग कम्प्यूटर का चित्र , उदाहरण क्या होता है ?

(Analog compter in hindi) एनालॉग कंप्यूटर क्या है :  एनालॉग वह कंप्यूटर होता है जो अपनी प्रोसेसिंग में एनालॉग डाटा का प्रयोग करता है अर्थार्थ एनालॉग कंप्यूटर को प्रोसेस करने के लिए डालो डाटा की जरूरत होती है , इस प्रकार के कंप्यूटर कुछ भी स्टोर करने के लिए भौतिक राशियों का प्रयोग करते हैं अर्थार्थ डाटा को स्टोर continues भौतिक राशियों के रूप में किया जाता है  | और इन भौतिक राशियों के रूप में ही इस प्रकार के कंप्यूटर अपनी गणनाओं को संपन्न करते हैं , यह डिजिटल कंप्यूटर से इस प्रकार भिन्न होता है कि डिजिटल कंप्यूटर डाटा दिखाने के लिए उसको रिकॉर्ड करता है और उसके बाद हमारे सामने प्रस्तुत करता है जबकि एनालॉग कंप्यूटर रिजल्ट को डिकोड ना करके उसको डायरेक्ट हमारे सामने दिखाता है अर्थार्थ एनालॉग कंप्यूटर symbolic भाषा का उपयोग करते हैं  लेकिन एनालॉग कंप्यूटर जो भी रिजल्ट होता है उसको डायरेक्ट हमारे सामने बिना उसको रिकॉर्ड किए रख देते हैं |

एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में ना होकर एक बड़े पैमाने वाले काम में जैसे  एयरक्राफ्ट तथा कंट्रोल सिस्टम में इस प्रकार के कंप्यूटर देखे जा सकते हैं और काफी अधिक उपयोग किए जाते हैं |

एनालॉग कंप्यूटर एनालॉग डाटा पर प्रोसेस करने के लिए बनाया गया तथा यह डिजिटल कंप्यूटर से अधिक कॉन्प्लिकेटेड होता है अर्थार्थ अधिक जटिल होता है यहां एनालॉग डाटा का मतलब डिस्क्रीट डाटा नहीं है  बल्कि कंटीन्यूअस डाटा है ,  उदाहरण के लिए दाब ताप वोल्टेज स्पीड और वजन |

इस प्रकार के कंप्यूटर प्रोसेस करने के लिए discrete data  काम में ना लेकर continuous data  काम में लेते हैं , हालांकि एनालॉग कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की तरह हमेशा एक इनपुट पर वही आउटपुट नहीं दे सकते क्योंकि इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले एनालॉग डाटा में नॉइस इत्यादि शामिल हो जाता है जिससे उसका रिजल्ट हर बार बदल सकता है इसमें डिजिटल कंप्यूटर की तरह quantization noise नहीं होता है किस प्रकार के कंप्यूटर में integrator , जनरेटर , comparators & multipliers इत्यादि होते हैं |

एनालॉग कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की सहायता से problematic equations को एनालॉग कंप्यूटर सर्किट में परिवर्तित किया जा सकता है |

एनालॉग कंप्यूटर को एक बड़े स्केल पर और बड़े काम हो जैसे एयरक्राफ्ट इत्यादि में इस लिए उपयोग में लाया जाता है क्योंकि यह रियल टाइम ऑपरेशनतथा समकालिक computation आसानी से कर सकते हैं  |

analog computer in hindi

वह डिवाइस जो continous variable फिजिकल राशियों जैसे आलू का दाम इत्यादि को एनालॉग के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत करता है अर्थार्थ मान लीजिए कि कहीं पर हमारे को द्रव का दाब मापना है तो उसके लिए हम कोई मशीन या डिवाइस इस्तेमाल करेंगे जो दाब को अर्थार्थ continous ग्रहण करें और उसके हिसाब से हमारे सामने एनालॉग की फॉर्म में data  दिखाएं  जिससे हम यह पता लगा सके कि द्रव का दाब कितना है |

एनालॉग कंप्यूटर 1876 में विलियम थॉमसन द्वारा एक स्पेशल काम के लिए बनाई गई मशीन था जिसका उपयोग tide predictor मैं करने के लिए किया गया था |

मॉडर्न कंप्यूटर का आविष्कार 1930 में व्हेन एवर बुश द्वारा किया गया जिन्हें differential analyzer भी कहा जाता है ,  इस मशीन में मैकेनिकल इंटीग्रेटेड का उपयोग किया गया जिससे डिफरेंशियल equation को slove किया जा सके |

वर्तमान में जो इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर इस्तेमाल किए जा रहे हैं उनमें पोटेंशियल डिफरेंस ( वोल्टेज)  का इस्तेमाल किया जाता है इनमें मुख्य कंपोनेंट ऑपरेशनल एंपलीफायर होता है  |

उपयोग :  एयरक्राफ्ट ,  न्यूक्लियर पावर प्लांट ,  हाइड्रोलिक नेटवर्क में कथा इलेक्ट्रॉनिक्स नेटवर्क में

एनालॉग कंप्यूटर (analog computer)

एनालोग कम्प्यूटर्स की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है –
  • ये कंप्यूटर तापमान , दबाव , गति अथवा विद्युत प्रवाह के आधार पर कार्य करते है।
  • प्रत्येक ऑपरेशन के लिए इसे अलग डाटा की आवश्यकता होती है।
  • ये कम्प्यूटर एक निर्देश प्रोसेस करने के बाद ही दूसरा निर्देश लेते है।
  • ये कम्प्यूटर एनालॉग संकेतो के आधार पर कार्य करते है अत: इनका प्रयोग वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्र में अधिक किया जाता है।
हाइब्रिड कम्प्यूटर : इन कंप्यूटर में डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटरों की संयुक्त कार्य पद्धति को प्रयोग में लिया गया है अत: ये कम्प्यूटर ताप , दाब , विद्युत प्रवाह के संकेतों पर भी कार्य करते है और संख्याओं के आधार पर भी कार्य करते है।

कंप्यूटर की विशेषतायें लिखिए (features of computer)

1. कार्य करने की गति : कम्प्यूटर के कार्य करने की गति बहुत तेज होती है। जिस कार्य को एक व्यक्ति कई घंटो , कई महीनों और वर्षो में पूरा करता है , उसे कंप्यूटर कुछ क्षणों में ही पूरा कर देता है। कंप्यूटर के कार्य करने की गति को सामान्य समय के अनुसार नहीं मापा जा सकता। अत: कम्प्यूटर के कार्य करने की गति को माइक्रो सेकंड , नैनो सेकंड और पिको सेकंड में मापा जाता है।
2. उच्च भण्डारण क्षमता : कंप्यूटर की भण्डारण क्षमता अधिक होती है। एक बहुत बड़े ऑफिस के डॉक्यूमेंट को एक कंप्यूटर में आसानी से स्टोर किया जा सकता है और उसे उच्च गति से प्राप्त भी किया जा सकता है।
3. स्वचालित : कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है , वह यूजर से एक बार निर्देशों को लेने के बाद बिना मानवीय बाधा के उस कार्य को संपन्न कर सकता है।
4. शुद्धता : अगर कंप्यूटर में इनपुट किये जाने वाले डाटा पूर्ण रूप से सही है तो कंप्यूटर शत प्रतिशत सही परिणाम देने की क्षमता रखता है। तभी लोगो की कंप्यूटर के प्रति यही भावना है कि कंप्यूटर के द्वारा की गयी गणना के गलत होने की संभावना शून्य के बराबर होती है।
5. विविधता : हम एक सामान्य कंप्यूटर पर एक से अधिक एप्लीकेशन लोड करके , कंप्यूटर का प्रयोग अलग अलग कार्यो के लिए कर सकते है। तभी हम अपने दैनिक जीवन में देखते है कि कभी कंप्यूटर का प्रयोग किसी दस्तावेज़ को तैयार करने में , कभी प्रजेन्टेशन देने में , कभी दस्तावेज को प्रिंट करने में , कभी गेम खेलने में तथा कभी किसी अलग उद्देश्य के लिए प्रयोग में लिया जाता है। कम्प्यूटर की इस विशेषता के कारण हम कह सकते है कि कंप्यूटर में कार्य करने की विविधता है।
6. इंटीग्रीटि तथा पुनरावृत्ति क्षमता : कंप्यूटर किसी भी काम को बिना थकान महसूस किये बार बार एक जैसा ही कर सकता है। तभी कंप्यूटर के बारे में कहा जाता है कि यह समान रूप से एक ही कार्य को एक जैसा कई बार कर सकता है।

कम्प्यूटर की कमियाँ (limitations of computer)

1. अधिक कीमत : कंप्यूटर की कीमत अधिक होने के कारण ये सामान्य व्यक्ति के प्रयोग से बाहर है तथा वैसे भी देखा जाए तो मनुअल डाटा प्रोसेसिंग की बजाय कंप्यूटराइज्ड डाटा प्रोसेसिंग की कीमत अधिक होती है इस कारण से कम्प्यूटर का प्रयोग करना आसान नहीं है।
2. बुद्धिमता का अभाव : कम्प्यूटर मानव की तरह सोच नहीं सकता। जिस प्रकार मानव समय के अनुसार सोच कर निर्णय ले सकता है , उस प्रकार कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकता है , क्योंकि कम्प्यूटर पहले से तैयार किये गए निर्देशों के आधार पर ही कार्य करता है।
3. वायरस से सुरक्षा का अभाव : वायरस कम्प्यूटर में कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा बनाये गए असामाजिक प्रोग्राम होते है जो कंप्यूटर में किसी भी माध्यम (फ्लॉपी , सीडी , इन्टरनेट) से घुस कर कंप्यूटर की गति को कम कर देता है तथा महत्वपूर्ण फाइलों को नष्ट कर देते , जिनको पुनः प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल कार्य है। कंप्यूटर में इन प्रोग्रामों की रोकथाम के पूर्ण इंतजाम नहीं है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

10 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

11 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now