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ग्रीन हाउस प्रभाव (Green House Effect) पौध घर प्रभाव क्या है , रोकथाम के उपाय
(Green House Effect in hindi ) ग्रीन हाउस प्रभाव पौध घर प्रभाव रोकथाम के उपाय शीत ऋतु में काँच के बने पौध घर के समान की पृथ्वी की सतह एवं वायुमण्डल के वर्न हो जाने की क्रिया को ग्रीन हाउस प्रभाव (हरित ग्रह प्रभाव) कहते है। हरित ग्रह प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैसों को ग्रीन हाउस गैसे कहते है। ये गैसे पृथ्वी की सतह को लौटाने वाले विकिरणों को अवशोषित कर लेती है तथा पुनः पृथ्वी की सतह की ओर लौटा देती है जिससे पृथ्वी की सतह एवं वायुमण्डल गर्म हो जाता है ग्रीन हाउस गैसे एवं उनकी प्रतिशत मात्रा। चित्र प्रभाव(Effects):- 1 हानिकारक वातावरणीय प्रभाव उत्पन्न होना। 2 विचित्र जलवायु परिवत्रन अलमिनो प्रभाव 3 वैश्विक ऊष्णता में वृद्धि एसोबल वार्मिग- गत शताब्दी में विश्व का तापमान 0.60…
नाभिकीय रसायन व उसके प्रभाव Nuclear chemicals and its effects in hindi
Nuclear chemicals and its effects प्रभाव निपटान का तरीका नाभिकीय रसायन व उसके प्रभाव :- नाभिकीय रसायन या परमाणु ऊर्जा के उपयोग की समस्या:- 1 आकस्मिक रिसाव जैसे:- थीमाइल आइलैण्ड अमेरिका, चेरनोबिल खस फुकुशिमा जापान 2 सुरक्षित निपटान की समस्या प्रभाव(effects):- नाभिकीय रसायनों के कारण हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होते है इनसे उच्च दर से उत्परिवर्तन होते है। इनकी अधिक मात्रा घातक होती है तथा कम मात्रा में उत्पन्न होने वाले नाभिकीय विकिरण अनेक विकार उत्पन्न करते है जिनमे कैंसर मुख्य है। निपटान का तरीका(ways of disposal):- परमाणु भट्टियों को उपयोग के पश्चात् अच्छी तरह से कवचित पात्रों में बंद करके चट्टानों के नीचे पृथ्वी में 500 मीटर की गहराई में दबा देना चाहिए। यह…
कृषि रसायन व उसके प्रभाव & जैव-कृषि एक अध्ययन bio-agriculture Chemistry in hindi
bio-agriculture Chemistry in hindi कृषि रसायन व उसके प्रभाव & जैव-कृषि एक अध्ययन , महत्व कृषि रसायन व उसके प्रभाव(Agricultural Chemistry and Its Effects):- विभिन्न प्रकार के पीडकनाशी एवं रासायनिक उर्वरकशुदा के परितंत्र को असन्तुलित करते है ये लक्ष्य जीवों के साथ-2 उपलक्ष्य जीवों को भी मार देते है, इनसे मृदा अन उपजाऊ हो जाती है तथा ये जलीय परितंत्र में पहुंचकर जैव-आवर्धन के द्वारा हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते है। जैव-कृषि एक अध्ययन(A study of bio-agriculture):- चक्रिय एवं शून्य अपशिष्ट उत्पाद वाली कृषि को एकीकृत जैव-कृषि कहते है। इसमें कृषि कार्यो के साथ-2 पशुपालन, मधुमक्खी पालन, जल संग्रहण, कम्पोस्ट निर्माण आदि किये जाते है। महत्व(Importance):- 1 इसमें अपशिष्ट उत्पाद नगणय होते है।…
इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट क्या है , परिभाषा , तरीके e (electronic) waste in hindi
e (electronic) waste इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट क्या है , परिभाषा , तरीके:- कम्प्यूटर, मोबाइल, घडी आदि इलेक्ट्रानिक सामान आदि जो मरम्मत योग्य नहीं होता है उसे म्.ूंेजम कहते है। विकसित देश ऐसे इलेक्ट्राॅनिक अपशिष्टों को विकाशील देशों को निर्यात कर देते है अधिकाँश भागों को निकालने के बाद विकासशील देशों में बैच दिया जाता है। शेष भागों का पुनः चक्रण करते है तथा उनसे उपयोगी धातुएं सोना, चाँदी, ताबा आदि पुनः प्राप्त कर लेते है। विकासशील देश ऐसे अपशिष्टों को लेण्डफिल्स में गाढ़ देते है या भस्माक की सहायता से उन्हें नष्ट कर देते है। इन्हें पर्यावरण अनुकूल तरीके से पुनः चक्रण भी किया जा सकता है।
प्लास्टिक के उपचार संबंधी एक अध्ययन & अस्पताल के अपशिष्ट A plastic treatment study
अस्पताल के अपशिष्ट(Hospital waste) प्लास्टिक के उपचार संबंधी एक अध्ययन(A plastic treatment study):- बैंगलोर निवासी अहमदाबाद 51 वर्ष जो लगभग 20 वर्षो से बोरे बेचने का व्यवसाय कर रहे थे उन्होने लगभग 8 वर्ष पूर्व प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान का एक सुरक्षित तरीका खोज निकाला। उसने प्लास्टिक नाम दिया इसे बिटूेन के साथ लाकर इनका उपयोग सडक निर्माण में किया तथा 2000 तक लगीाग 40 किमी सडक का निर्माण किया इस कार्य में उन्होंने R.V. engineering college एवं banglore city corporation (BMC) का सहयोग प्राप्त किया। महत्व(Importance):- 1 बिटूमेन का जल निबर्बण्ड गुण बढ गया।…
मानव अपशिष्ट का निपटान , महत्व , Disposal of human waste के तरीके
(Disposal of human waste) मानव अपशिष्ट का निपटान, महत्व , तरीके :- पारिस्थितिक स्वच्छता का सुरक्षित तरीका ‘‘शुष्क टायलेट कम्पोस्टिंग‘‘ महत्व:- 1- व्यावसायिक, स्वास्थ्यकर 2- पीनी की आवश्यकता नहीं 3- पुन:चक्रण द्वारा उर्वरक 4- सस्ता उदाहरण:- इको सैन केरल के कुछ भागों व शहरों में। ठोस अपशिष्ट (solid waste):- वे सभी अपशिष्ट पदार्थ जो कूडे-कचरे में फेंके जाते है उन्हें ठोस अपशिष्ट कहते है मुख्य ठोस अपशिष्ट निम्न है:- 1 नगरपालिका अपशिष्ट:- वे सभी वस्तुएं जो कार्यालयों, विद्यालयों, घरों एवं भण्डारकारों द्वारा कचरे के रूप में फेंकी जाती है इनका एकत्रीकरण एवं निपटान नगर पालिका द्वारा किया जाता है उसे नगरपालिका अपशिष्ट कहते है। जैसे काँच, कागज, वस्त्र, चमडा, धातु, प्लास्टिक आदि।…
एकीकृत अपशिष्ट जल उपचार एक अध्ययन Integrated Waste Water Treatment A Study
(Integrated Waste Water Treatment A Study) एकीकृत अपशिष्ट जल उपचार एक अध्ययन:- (कैलिफोर्निया) में हम्बोल्ट स्टेट यूनिर्वसिटी के सहयोग से अपशिष्ट जल के निपटान हेतु कृत्रिम एवं प्राकृतिक दोनो तरीकों का उपयोग किया। 1- कृत्रिम विधि(artificial techniques):- इसमें परम्परागत अवसादन तथा निक्यराँपन के पश्चात् क्लोरीन द्वारा उपचारित किया गया किन्तु इसमें भारी धातुएं व अन्य हानिकारक रसायन दूर नहीं किये। 2- प्राकृतिक/जीव विज्ञानीय उपचार(Natural / Biological Treatment):- इसके अन्तर्गत 60 हैक्टेयर क्षेत्र में फैेले 6 कच्छों को मिलाकर एक श्रृंखला विकसित की गई। इनमें जीवाणु शैवाल एवं पादव डाले गये जिनसे प्रदूषक अवशोषित व निस्प्रभावी हो गये। इन कारणों की देखभाल का जिम्मा को थ्व्ड दी गई। महत्व(Importance):- जल को प्रदूषण समाप्त हो गया तथा इन कच्छों में विभिन्न तरह की मछलियाँ व अन्य जलीय जीव पाये जाने लगे तथा जैव-विविधता में वृद्धि हुई।
जैव आवर्धन (biomagnification) , कारण , प्रभाव/हानि in hindi
biomagnification causes effects losses in hindi जैव आवर्धन , कारण , प्रभाव/हानि जैव आवर्धन (biomagnification):- कुछ प्रदूषक खाद्य श्रृंखला के द्वारा अगले पोषण क्तर में पहुंचकर संचित हो जाते है अतः क्रमिक पोषणस्तरों में प्रदूषक पदार्थो की मात्रा बढ़तीे जाती है अतः क्रमिक पोषण स्तरों में प्रदूषक पदार्थो की मात्रा बढती जाती है इसे जैव आवर्धन (biomagnification )कहते है। कारण (biomagnification causes ):- ये प्रदूषक विघटित नही होते तथा प्रत्येक पोषक स्तर पर संचित होते जाते है जैसे क्व्ज् व पारे के लवण जैव आवर्धन से प्रभाव/हानि (biomagnification…
त्वरित सुपोषण व BOD बढना, जैव रासायनिक आवश्कयता क्या है Biochemical oxygen demand
त्वरित सुपोषण क्या है Quick nutrition in hindi व BOD(Biochemical oxygen demand) बढना , (जैव रासायनिक आवश्कयता) (ताला) तालाब या झील का पानी स्वच्छ और शीतल होता है इसकी गहराई अधिक होती है। जल प्रदूषकों के खरा आने वाले पोषकोंके कारण इसमें शैवालों और अन्य जलीय जीवों की वृद्धि अधिक होती है। मुख्य पोषक पदार्थ नाइट्रेट और फास्फेट होते है धीरे-2 झील उधाली (कम गहरी) होती जाती है इसका पानी गरम हो जाता है। झील में आॅक्सीजन की कमी हो जाती है तथा झील का दम घुटने लगता है तथा झील की वायु में इस काल के प्रभाव को त्वरित सुपोषण कहते है। BOD(Biochemical oxygen demand) बढना , (जैव रासायनिक आवश्कयता):- जल में उपस्थित कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थो के विघटन के लिए आवश्यक आॅक्सीजन की मात्रा को ठव्क् कहते है। जल के प्रदूषित होने पर ठव्क् बढती है। तथा जल में घुलित आॅक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे जलीय जीव मरने लगते है।
जलकुम्भी या वाटर हायसिंथ (आइर्कोनिया केसीपिज) Water hyacinth Eichhornia crassipes
Water hyacinth in hindi Eichhornia crassipes जलकुम्भी / वाटरहायसिंथ (आइर्कोनियाकेसीपिज):- एक जलीय खरपतवार है। इसमें अधिक जननहोता है तथायह हटाने की क्षमता से बहुत ज्यादा फैलता है। उसने जल मार्गो को अवरूद्ध कर दिया। पानी की गुणवत्ता घटने लगी एवं मछलियों की मृत्यु होने लगी। इसलिए इसे बंगाल का शेक/आँतक कहते है।