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AESA full form in hindi कृषि पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण क्या है ? agro ecosystem analysis in hindi

agro ecosystem analysis in hindi AESA full form in hindi कृषि पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण क्या है ?

शब्दावली
कृषि पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण (AESA) : यह एक दृष्टिकोण है जिसका प्रयोग किसानों के समुदाय द्वारा आई पी एम में निर्णय लेने के लिए लाभकारी ढंग से किया जा सकता है। AESA के आधारभूत घटक हैं-(क) भिन्न-भिन्न चरणों पर पादप स्वास्थ्य, (ख) पादप की क्षतिपूर्ति क्षमताएं, (ग) पीड़क और रक्षक संख्या, (घ) मृदा की दशा, सिंचाई की स्थिति आदि, (ड.) मौसम संबंधी परिस्थितियां, (च) उस स्थिति में किसान का पूर्व अनुभव, (छ) निवेश के अन्य अवसर।

विस्तृत क्षेत्र आई पी एम (Area-wide IPM) : आई पी एम नीतियों का विशाल भौगोलिक प्रदेशों पर कार्यान्वयन ताकि खेत के स्तर की बजाय प्रादेशिक स्तर पर पीड़कों का दमन किया जा सके, इसके लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग अपेक्षित है।

भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) : आकाशीय डाटा के संग्रहण, भंडारण और विश्लेषण के लिए नक्शे तैयार करने की क्षमता सहित प्रयुक्त कम्प्यूटर-आधारित तंत्र ।

भूमंडलीय स्थापन तंत्र (GPS) : एक तंत्र जो बहुल उपग्रहों के प्रति त्रिभुजन का प्रयोग करता है ताकि प्रयोक्ता भौगोलिक स्थिति का बिल्कुल सही पता लगा सके ।

पीड़क नियंत्रण सलाहकार (PCA) : वह व्यक्ति जो कृषि पीड़क नियंत्रण के बारे में सिफारिशें करता है या कोई भी व्यक्ति जो स्वयं को कृषि के किसी प्रयोग पर विशेषज्ञ अथवा परामर्शदाता मानता है, या सेवाओं अथवा बिक्री की मांग करता है।

पीड़क नियंत्रण ओपरेटर (PCO) : वह व्यक्ति या फर्म जिसे पीड़कनाशी प्रयोग करने के लिए, या पीडकों के नियंत्रण हेतु किसी विधि अथवा साधन का किराये पर प्रयोग करने के लिए, या किसी पीड़क आक्रमण अथवा विकार को रोकने, नष्ट करने, वापस करने, शामिल करने या ठीक करने के लिए अधिकृत रूप से लाइसेंस प्राप्त हो।

पीड़कनाशी व्यापारी (Pesticide Dealer) : कोई वितरक या दुकानदार जो कृषि प्रयोग के लिए पीड़कनाशी, कृषि पीड़कों के नियंत्रण हेतु विधियां तथा साधन बेचता है या पीड़कनाशियों की बिक्री को उत्प्रेरित करता है।

यथार्थ खेती (Site&specific Farming): खेत प्रबंधन की एक प्रौद्योगिकी जो प्रबंधन क्रियाओं के प्रयोग का मार्ग निर्देशन करने के लिए खेत के भीतर आकाशीय परिवर्तनशीलता का प्रयोग करती है। GPS तथा GIS तंत्रों का उपयोग करती है ताकि स्थल विशिष्ट अपेक्षाओं के अनुसार अनुप्रयोग किया जा सके।

और अंतिम शब्द
अगले लगभग 10 वर्ष में पृथ्वी ग्रह की आबादी में लगभग एक अरब की वृद्धि हो जाएगी। इन अतिरिक्त मुखों के भोजन के लिए कम से कम 200 करोड़ टन अतिरिक्त अनाज की आवश्यकता होगी। अतिरिक्त उत्पादन हासिल करने के लिए हमारे कृषि के तीव्रीकरण की ओर बढ़ने के साथ, उत्पादन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्राकृतिक संसाधन घटते जा रहे हैं। साथ ही, जैविक, बलों (पीड़क, रोग तथा खरपतवार) का दबाव बढ़ेगा जिससे हानि में वृद्धि होगी। वह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि आई पी एम दृष्टिकोण हमारी फसलों को होने वाली हानि बहुत कम कर सकता है। कुछ देशों में आई पी एम के प्रसार में मिली सफलता दर्शाती है कि आई पी एम एक रणनीति है जो अधिक, सतत् तथा न्यायसंगत कृषि उत्पादन पर लागू की जा सकती है। तथापि, इसके लिए उपयुक्त संस्थागत एवं वित्तीय संसाधन की और एक प्रेरक नीति परिवेश की आवश्यकता होती है।

संभावना है कि आई पी एम का भविष्य उत्पादन की आर्थिक नीति और पर्यावरण के प्रबंध के बीच संतुलन की मांग करेगा। आई पी एम के भावी कार्यक्रमों का विस्तार कृषि से काफी आगे कृषि-शहरी अंतः पृष्ठ तक हो जाएगा। यह एक परिप्रेक्ष्य है जो परामर्शदाताओं को सूक्ष्म तथा स्थूल दोनों स्तरों पर, और विशेष रूप से पारिस्थितिक परिप्रेक्ष्य से, समय की एक लंबी अवधि पर नियोजन और कार्यान्वयन का एकीकरण करने के लिए कहता है। आई पी एम के परामर्शदाताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ कृषि उत्पादन तंत्र के चिरस्थायी प्रबंधन की है। फसल की प्रभावी सुरक्षा में रुचि लेने वाले नीति निर्माताओं को पीड़कनाशियों के प्रयोग के सामाजिक लाभों तथा लागत के बीच संतुलन स्थापित करना होता है और यह करने के लिए पीड़कों से होने वाली हानि के बारे में बेहतर ज्ञान अपेक्षित है। पीड़क प्रबंधन के लिए सुधार के विकल्पों में ऐसे पीड़कनाशियों का विकास शामिल है जो वर्तमान उत्पादों से अधिक हितकर हों। आई पी एम सबसे अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण सिद्ध होगा। सरकार को न केवल आई पी एम का समर्थन करना चाहिए, बल्कि । पीड़कनाशियों के खतरनाक प्रयोग को नियंत्रित भी करना चाहिए। आनुवंशिकतः रची गयी फसलों से बहुत संभावनाएं हैं किन्तु उन्हें मॉनिटर करने की आवश्यकता है। विकासशील देशों को स्वयं अपनी प्रौद्योगिक क्षमताओं में निवेश करना होगा या निगमों के साथ व्यवस्थाओं में भागीदारी करनी होगी। अंततरूए निगमित उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करने के उपायों पर ध्यान देना होगा।

अतिरिक्त अध्ययन
1) कॉन्सैंप्टस इन इंटीग्रेटिड पेस्ट मैनेजमेंट । रॉबर्ट एफ नोरिस, ई.पी. कैसवेल-चेन और मार्कोस कोगन (2003)। पियरसन
एजुकेशन, इंक, न्यू जर्सी।
2) इन्सेक्ट पेस्ट मैनेजमेंट (2000) डी. डेंट । सी ए बी आई पब्लिशिंग, यू एस ए।
3) ट्रेनिंग एन्ड एजूकेशन ऑन आई पी एम। आई पी एम मित्र, 11रू91-97 (2001)। चंदूरकर, पी.एस.।
4) बॉयोलोजिकल पैस्ट सप्रैशन । गौतम, आर.डी. (1994) वेस्टविल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली।
5) भावी आई पी एम नीतियां, (डी. प्रसाद और आर.डी. गौतम द्वारा संपादित)। प्रसाद डी. और आर.डी. (1988)। वेस्टविल पब्लिशिंग
हाउस, नई दिल्ली।

मानक संक्षिप्तियां परिशिष्ट-प्

क) इकाइयां और सामान्य संक्षिप्तियां

a.i सक्रिय घटक ं(active ingredient)
°C डिग्री सेल्सियस (degree celsius)
cm सेंटीमीटर (centimeter)
cv. कृषि उपजाति (cultivar)
e.c. पायसीकरणीय सांद्र (emulsifiable concentrate)
g ग्राम (gram)
h घंटा (hour)
ha हेक्टेयर (hectare)
h.v उच्च आयतन (high volume)
i.r. अवरक्त (infrared)
kg किलोग्राम (kilogram)
km किलोमीटर (kilometre)
L पौंड स्टर्लिंग (pound sterling)
l लीटर (litre)
LC50 माध्य घातक सांद्रता (median lethal concentration)
LD50 माध्य घातक मात्रा (median lethal dose)
l.v. न्यून सांद्रता (low volume)
m मीटर (metre)
mg मिलीग्राम (milligram)
min मिनट (minute)
ml मिलीलीटर (millilitre)
mm मिलीमीटर (millimeter)
pH हाइडोजन आयन सांद्रता (hydrogen ion concentration)
post-em उद्भवनोत्तर (post emergency)
ppm अशं प्रति दस लाख (parts per million)
pre-em उद्भवन-पूर्व-(pre&emergency)
RH आपेक्षिक आद्रता (relative humidity)
s सेकंड (second)
sp. जाति (species)
spp जातियां (plural fo species)
sp उपजातियां (sub&species)
spp अपजातियां (plural fo subspecies)
$ डॉलर (dollar)
u.l.v. अति न्यून आयतन (ultra low volume)
.v. पराबैंगनी (ultraviolet)
var. किस्म (variety)
vol. आयतन (volume)
w.p. क्लेद्य पाउडर (wettable powder)
w/w वजन के लिए वजन (weight for weight)

ख) विविध संक्षिप्तियां
BPH (Brown Plant Hopper) धान का भूरा फुदक
BC (Biological Control) जैव नियंत्रण
BSI (Britis Standards Institute) ब्रिटिश मानक संस्थान
Cda (Controlled dropletapplicator) नियंत्रित बिंदुक अनुप्रयोग
GV (Granulosis virus) ग्रेनूलोसिस वाइरस
IPM (Integrated Pest Management) समाकलित पीड़क प्रबंधन
EAG (Electro antenno gram) इलेक्ट्रो ऐंटीनोग्राम
OC (Organochlorine compound) ऑर्गेनोक्लोरीन यौगिक
OP (Organphosphorus compound) ऑर्गेनोफास्फोरस यौगिक
NPV (Nuclear Polyhedrosis virus) न्यूक्लियर पॉलिहेड्रोसिस वाइरस
PM (Pest Management) पीड़क प्रबंधन
SIRM (Sterile Insect Relesae Method) बंध्य कीट मोचन विधि

ग) संस्थाएं (Organçations)
ADAS  कृषि विकास और सलाहकार सेवा (भूतपूर्व NAAS), MAKF, UK
ARC कृषि अनुसंधान परिषद, UK
AVRS एशियाई वनस्पति अनुसंधान केंद्र, ताईवान
BM (NH) ब्रिटिश संग्रहालय (प्राकृतिक इतिहास), लंदन, UK
CAB राष्ट्रमंडल कृषि ब्यूरो, स्लोग, UK
CIATG अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय कृषि केंद्र, काली, कोलंबिया
CIBC राष्ट्रमंडल जैव नियंत्रण संस्थान (मुख्यालय), वेस्ट इंडीज
CIE राष्ट्रमंडल कीटविज्ञान संस्थान, लंदन, UK
CIP अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, लीना, पीरू CIH राष्ट्रमंडल कृषि विज्ञान संस्थान, सेंट अल्बान्ज, UK
CMI राष्ट्रमंडल कवकविज्ञान संस्थान, कीव, UK
COPR विदेश पीड़क अनुसंधान केंद्र, लंदन, UK
CSIRO राष्ट्रमंडल वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन, केनबेरा, ऑस्ट्रेलिया
EAAFRO पूर्व अफ्रीका कृषि और वानिकी अनुसंधान संगठन, नैरोबी, केन्या
EPA पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, वाशिंगटन, USA
EPPO यूरोपीय पादप संरक्षण संगठन, पेरिस, फ्रांस
FAO संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन
GCRI कांच घर सस्य अनुसंधान संस्थान, UK
IAC अंतर्राष्ट्रीय कृषि केंद्र, वागेनिंजन, नीदरलैंड्स
ICRISAT अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, भारत
IITA अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय कृषि संस्थान, इबादान, नाइजीरिया
IÙI अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान, मनीला, फिलिपींस
ICIPE अंतर्राष्ट्रीय कीट शरीर क्रिया विज्ञान और पारिस्थितिकी विज्ञान केंद्र, नैरोबी, केन्या
MAFF कृषि, महात्स्की और खाद्य मंत्रालय, UK
MAr~ DI मलेशियाई कृषि अनुसंधान और विकास संस्थान, सेलनगोर, मलेशिया
NAAS राष्ट्रीय कृषि सलाहकार सेवा (अब एडीएएस), UK
NAPPO उत्तर अमेरिकी पादप संरक्षण संगठन, USA
NVRS राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र, वेल्सबोर्न, UK
ODM विदेश विकास मंत्रालय, UK
PBI पादप प्रजनन संस्थान, कैंब्रिज, UK
PESTDOC डेरवेंट संयोजित पीड़क नाशीय साहित्य प्रलेखन
TPRI उष्णकटिबंधीय उत्पादन अनुसंधान संस्थान, लंदन, UK
US AID अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य सहायता, USA
USDA संयुक्त राज्य कृषि विभाग, USA
WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन, जेनेवा, स्विट्जरलैंड
WICSCBS वेस्टइंडीज केंद्रीय ईख प्रजनन केंद्र, बरबादोस, वेस्टइंडीज
WRO अपतृण अनुसंधान संगठन, ऑक्सफोर्ड, UK
प्रिय छात्र,
इन इकाइयों का अध्ययन करते समय आपको पाठ्यसामग्री के कुछ अंशों को समझने में कठिनाई आई होगी। हम आपकी कठिनाइयों
और सुझावों को जानना चाहते हैं ताकि हम पाठ्यक्रम में सुधार ला सकें। अतः हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस खंड से
संबंधित निम्न प्रश्नावली को भर कर हमारे पास अवश्य भेजें।

प्रश्नवाली
APM-01

क्रमांक खण्ड -5

1) इसकी इकाइयों का अध्ययन करने में आपको कितने घंटे लगे?
इकाई संख्या 17 18 1
कुल घंटे

2) निम्नलिखित तालिका में हमने चार प्रकार की ऐसी कठिनाइयों को सूचीबद्ध किया है जो हमारे विचार से आपको पेश आई होंगी।
कृपया कठिनाई के प्रकार पर सही (√) का चिन्ह लगाएं और उपयुक्त कॉलम की सम्बद्ध पृष्ठ संख्या बताएं।
पृष्ठ संख्या कठिनाई का प्रकार
प्रस्तुतिकरण स्पष्ट नहीं है भाषा कठिन है चित्र स्पष्ट नहीं है शब्दावली को स्पष्ट नहीं किया गया है।

 

3) संभव है कि आप कुछ बोध प्रश्नों और अंत में दिये गये प्रश्नों को हल न कर पाएं हों।
निम्नलिखित सारणी में कुछ संभव कठिनाइयों की सूची दी गयी है। कृपया उचित कॉलम में कठिनाई का प्रकार और सम्बद्ध इकाई तथा प्रश्न संख्या पर सही (√) का चिन्ह लगाएँ।
इकाई
संख्या बोध प्रश्न
की संख्या अंत के प्रश्न
की संख्या कठिनाई का प्रकार
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4) क्या शब्दावली में सभी कठिन शब्दों को शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो दिये गये स्थान पर सूची दें।
5) अन्य कोई सुझाव

 

 

 

 

 

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पाठ्यक्रम समन्वियका (एपीएम 01 : समाकलित पीड़क प्रबंधन)
विज्ञान विद्यापीठ
राजकीय विश्वविद्यालय

मैदान गढ़ी
नई दिल्ली-110068

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