(adjective in hindi) विशेषण की परिभाषा क्या है ? विशेषण किसे कहते है ? भेद , प्रकार , उदाहरण सहित प्रश्न और उत्तर बताये ?
विशेषण (adjective )
जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताए उसे विशेषण कहते हैं। गुण, संख्या और परिमाण के आधार पर विशेषण के तीन भेद बताए गए हैं-
(1) सार्वनामिक विशेषण
(2) गुणवाचक विशेषण
(3) संख्यावाचक विशेषण
(1) सार्वनामिक विशेषण – पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनामों को छोड़कर शेष सर्वनामों का प्रयोग विशेषण के समान होता है। वाक्य में अकेले आने पर ये शब्द सर्वनाम होते हैं और जब इनके साथ संज्ञा आती है तब ये विशेषण होते हैं। जैसे-आम आया है, वह बाहर बैठा है। यहाँ ‘वह’ संज्ञा के बदले आया है, इसलिए सर्वनाम है। वह नौकर अभी तक नहीं आया । इसमें ‘वह’ विशेषण है। किसी को बुलाओ। किसी छात्र को बुलाओ। इनमें ‘किसी’ क्रमशः सर्वनाम और विशेषण है। इसी तरह ऐसा लड़का, कैसा घर आदि ।
(2) गुणवाचक विशेषण – इससे संज्ञा का गुण लक्षित होता है । गुणवाचक विशेषणों की संख्या अन्य सभी विशेषणों की अपेक्षा अधिक होती है। कुछ गुणवाचक विशेषण ये हैं-
काल-नया, पुराना, प्राचीन, अगला, पिछला आदि।
स्थान-भीतरी, बाहरी, लंबा, चैड़ा आदि ।
टाकार-गोल, चैकोर ।
रंग-लाल, पीला, नीला, हरा आदि ।
(3) संख्यावाचक विशेषण – जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के गुण का बोध न होकर उसकी संख्या का बोध होता है उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-दस हाथी, चालीस दिन, कुछ लड़के, सब लड़के आदि ।