JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: 10th science

दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा में अंतर , घरेलू विद्युत परिपथ , ac and dc current difference in hindi

(ac and dc current difference in hindi) दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा में अन्तर

1. दिष्ट धारा सदैव एक ही दिशा में प्रवाहित होती है अत: समय के साथ यह परिवर्तित नहीं होती है जबकि प्रत्यावर्ती धारा एक निश्चित काल-अंतराल के पश्चात अपनी दिशा उत्क्रमित करती रहती है। आजकल जितने विद्युत शक्ति संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं उनमें से अधिकांश में प्रत्यावर्ती विद्युत धारा का उत्पादन होता है।

2. दिष्ट धारा की आवृत्ति अन्नत होती है जबकि भारत में उत्पादित प्रत्यावर्ती विद्युत धारा हर 1/100 s के पश्चात अपनी दिशा उत्क्रमित को करती है अर्थात इस प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 hz होती है।

dc की तुलना में ac का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि विद्युत शक्ति को दूर स्थानों पर बिना अधिक ऊर्जा क्षय के प्रेषित किया जा सकता है।

घरेलू विद्युत परिपथ 

हमारे घरो में लगे विधुत उपकरण को विद्युत शक्ति की आपूर्ति मुख्य तारों (जिसे मेंस भी कहते हैं) से प्राप्त होती है। ये मुख्य तार हमारे घरो तक धरती पर लगे विद्युत खंभों के सहारे अथवा भूमिगत केबलों से आते है। इस प्रकार विद्युत शक्ति की आपूर्ति करने वाले इन तारो में जिस पर प्रायः लाल विद्युतरोधी आवरण होता है विद्युन्मय तार (अथवा धनात्मक तार या phase) कहते हैं। अन्य तार जिस पर काला आवरण होता है उदासीन तार (अथवा negative तार) कहते हैं। हमारे देश में इन दो तारो के बीच 220v का विभवान्तर होता है तथा कुछ ओर देशो में यह वोल्टेज 240v का भी होता है। घर में लगे मीटर बोर्ड में ये तार मुख्य फ्रयूज से होते हुए एक विद्युत मीटर में प्रवेश करते हैं। यह तार मुख्य स्विच से होते हुए घर के लाइन तारों से संयोजित किए जाते है। ये तार घर के अलग अलग विधुत परिपथ में विद्युत आपूर्ति करते हैं।

घरों में दो अलग परिपथ होते हैं एक परिपथ 15A विद्युत धारा अनुमतांक के लिए जिसका उपयोग उच्च शक्ति वाले विद्युत साधित्र जैसे गीजर, वायु शीतित्र/कूलर आदि के लिए किया जाता है। दूसरा विद्युत परिपथ 5A विद्युत धारा के लिए अनुमतांक होता है जिससे बल्ब पंखे आदि चलाए जाते हैं। जिस तार पर हरा विद्युतरोधी आवरण होता है भूसंपर्क तार कहलाता है

इस भूसंपर्क तार को घर के निकट भूमि के भीतर बहुत गहराई पर स्थित धातु की प्लेट से जोड़ा जाता है। इस तार का उपयोग सुरक्षा के रूप में विशेषकर विद्युत इस्त्री, टोस्टर, मेज का पंखा, रेफ्रिजरेटर, आदि धातु के आवरण वाले विद्युत साधित्र में किया जाता है।

धातु के आवरणों से संयोजित भूसंपर्क तार विद्युत धारा के लिए बहुत कम प्रतिरोध प्रस्तुत करता है। इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि उपकरण के धात्विक आवरण में कोई क्षरण होने पर उस साधित्र का विभव भूमि के विभव के बराबर होता है अर्थात् विधुत धरा का मान बहुत अधिक हो जाता है। फलस्वरूप इस उपकरण को उपयोग करने वाला व्यक्ति तीव्र विद्युत आघात से सुरक्षित बचा रहता है।

सामान्य घरेलू विद्युत परिपथों में से किसी एक परिपथ का व्यवस्था आरेख दर्शाया गया है।

प्रत्येक अलग विद्युत परिपथ में विद्युन्मय तथा उदासीन तारों के बीच विभिन्न विद्युत साधित्र को संयोजित किया जा सकता है। प्रत्येक विधुत उपकरण का अपना अलग ‘ऑन/ऑफ़’ स्विच होता है ताकि इच्छानुसार उनमें विद्युत धारा प्रवाहित हो सके। सभी विधुत उपकरण को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है ताकि सभी विधुत उपकरण को समान वोल्टता मिल सके।

विद्युत फ्रयूज सभी घरेलू परिपथों का एक महत्वपूर्ण अवयव होता है। विद्युत परिपथ में लगा फ्रयूज परिपथ तथा साधित्र को अतिभारण के कारण होने वाली क्षति से बचाता है। जब यदि विद्युन्मय तार तथा उदासीन तार दोनों सीधे संपर्क में आते हैं तो अतिभारण हो सकता है (यह तब होता है जब तारों का विद्युतरोधन क्षतिग्रस्त हो जाता है अथवा साधित्र में कोई दोष होता है)।

कुछ परिस्थितियों में जैसे की तारों का विद्युतरोधन क्षतिग्रस्त होना आदि के कारण किसी परिपथ में विद्युत धारा अकस्मात बहुत अधिक हो जाती है। इसे लघुपथन कहते हैं। अत: इस लघुपथन के कारण होने वाले क्षति को समाप्त करने के लिए विद्युत फ्रयूज का उपयोग होता है। इस लघुपथन के कारण होने वाला जूल तापन फ्रयूज में लगा तार को पिघला देता है जिससे विद्युत परिपथ टूट जाता है।

कभी कभी आपूर्ति वोल्टता में दुर्घटनावश होने वाली वृद्धि से भी कभी-कभी अतिभारण हो सकता है। कभी-कभी एक ही सॉकेट से बहुत अधिक विद्युत उपकरणों को संयोजित करने से भी अतिभारण हो सकता है।

इस अद्याय से आने वाली सभी प्रशन कुछ इस तरह से है 

QUESTION.1चुंबक के निकट लाने पर दिक़सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?

QUESTION.2 किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय रेखाए कैसे बनती है?

QUESTION.3 चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों को बताए?

QUESTION.4 दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?

QUESTION.5 मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए?

QUESTION.6 फ्रलेंमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।

QUESTION.7 विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?

QUESTION.8 विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?

QUESTION.9 विद्युत जनित्र का सिद्धांत लिखिए।

QUESTION.10 2KW शक्ति अनुमतांक का एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत धारा अनुमतांक 5A है इससे आप किस परिणाम की अपेक्षाकरते हैं? स्पष्ट कीजिए।

QUESTION.11 घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

Sbistudy

Recent Posts

द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi

अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…

17 mins ago

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

3 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

5 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

1 week ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now